EE 50031 Switchgear and Protection Unit 1 Notes in hindi

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1. सुरक्षा प्रणाली का मूल (Basics of Protection)

1.1 सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता और कार्य (Necessity and Functions of Protective System)

सुरक्षा प्रणाली (Protective System) विद्युत नेटवर्क के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसका उद्देश्य सिस्टम और उपकरणों को विभिन्न प्रकार की खतरनाक परिस्थितियों से बचाना है। सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता और कार्य निम्नलिखित हैं:

  • आवश्यकता:

    • उपकरणों की सुरक्षा: सुरक्षा प्रणाली उपकरणों को शॉर्ट सर्किट, ओवरलोड, फेज लॉस, और अन्य खतरनाक स्थितियों से बचाती है।
    • मानव सुरक्षा: विद्युत आपूर्ति के दौरान मनुष्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, ताकि उन्हें करंट लगने या किसी अन्य दुर्घटना से बचाया जा सके।
    • सिस्टम का स्थायित्व बनाए रखना: सुरक्षा प्रणाली नेटवर्क को स्थिर रखने में मदद करती है और सिस्टम के विभिन्न हिस्सों को नुकसान से बचाती है।
  • कार्य:

    • गलत स्थितियों का पता लगाना: सुरक्षा प्रणाली में न्यूनतम समय में गलत स्थितियों को पहचानने की क्षमता होती है, जैसे शॉर्ट सर्किट या ओवरलोड।
    • सिस्टम से दोषपूर्ण हिस्से को अलग करना: जैसे ही कोई दोष पता चलता है, सुरक्षा प्रणाली तुरंत दोषपूर्ण हिस्से को सिस्टम से अलग करती है, जिससे बाकी सिस्टम कार्य करता रहता है।
    • सिस्टम को पुनर्स्थापित करना: सुरक्षा प्रणाली किसी भी दोष के बाद सिस्टम को फिर से ठीक करने में मदद करती है।

1.2 सामान्य और असामान्य स्थितियाँ (Normal and Abnormal Conditions)

  • सामान्य स्थिति (Normal Condition):
    • जब विद्युत प्रणाली अपने सामान्य कार्य में होती है, और सभी उपकरण, तार, और सर्किट सही तरीके से काम कर रहे होते हैं। इस स्थिति में कोई भी सुरक्षा खतरा नहीं होता और सब कुछ सामान्य तरीके से चलता है।
  • असामान्य स्थिति (Abnormal Condition):
    • जब कोई गलत स्थिति उत्पन्न होती है, जैसे शॉर्ट सर्किट, ओवरलोड, या किसी अन्य दोष के कारण प्रणाली का काम बिगड़ जाता है। इस स्थिति में सुरक्षा प्रणाली का काम शुरू होता है, ताकि सिस्टम को बचाया जा सके और दोषपूर्ण हिस्से को अलग किया जा सके।
    उदाहरण:
    • शॉर्ट सर्किट: जब दो कंडक्टर (फेज और न्यूट्रल) आपस में संपर्क कर जाते हैं।
    • ओवरलोड: जब लोड की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, जिससे उपकरणों में अधिक हीटिंग होती है।
    • फेज लॉस: एक या अधिक फेजों का खो जाना।

1.3 दोषों के प्रकार और उनके कारण (Types of Faults and Their Causes)

सुरक्षा प्रणाली के तहत विभिन्न प्रकार के दोष होते हैं, जो विद्युत नेटवर्क या उपकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। इन दोषों के प्रकार और उनके कारण निम्नलिखित हैं:

1.3.1 दोषों के प्रकार (Types of Faults)
  1. शॉर्ट सर्किट (Short Circuit):

    • यह तब होता है जब दो कंडक्टर (फेज और न्यूट्रल या फेज और फेज) आपस में नजदीक आकर संपर्क करते हैं। इसके परिणामस्वरूप बहुत अधिक करंट प्रवाहित होता है, जिससे तारों या उपकरणों को नुकसान हो सकता है।
  2. ओवरलोड (Overload):

    • यह तब होता है जब किसी उपकरण या सर्किट पर आवश्यक से अधिक लोड लगाया जाता है, जिससे अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है। यह उपकरणों या वायर्स को नुकसान पहुंचा सकता है।
  3. अर्थ फॉल्ट (Earth Fault):

    • यह तब होता है जब एक कंडक्टर (आमतौर पर फेज) जमीन से संपर्क करता है। इससे सिस्टम में असंतुलन उत्पन्न होता है और सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय करना पड़ता है।
  4. फेज लॉस (Phase Loss):

    • यह तब होता है जब कोई एक या अधिक फेजों की आपूर्ति बंद हो जाती है। इससे विद्युत मोटरों और अन्य उपकरणों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  5. स्ट्रैटेजिक फॉल्ट (Symmetrical Fault):

    • यह तीन फेजों के सिस्टम में सभी तीन फेजों में एक जैसे दोष उत्पन्न होते हैं। यह एक सामान्य परिदृश्य है जो सुरक्षा प्रणाली के लिए गंभीर होता है।
1.3.2 दोषों के कारण (Causes of Faults)
  • मैकेनिकल दोष: जैसे तारों का टूटना, या कंडक्टरों का आपस में संपर्क करना।
  • इन्सुलेशन में विफलता: जैसे तारों का घिसना या इन्सुलेटर का टूटना।
  • प्राकृतिक आपदाएँ: जैसे तूफान, बिजली गिरना, आंधी, या बर्फबारी से प्रभावित होना।
  • वृद्धावस्था: पुराने उपकरण या तारों में टूट-फूट या खराबी आना।
  • मानव त्रुटियाँ: गलत तरीके से इंस्टॉलेशन या देखभाल के कारण दोष उत्पन्न हो सकते हैं।

1.4 सुरक्षा क्षेत्रों और बैकअप सुरक्षा (Protection Zones and Backup Protection)

1.4.1 सुरक्षा क्षेत्र (Protection Zones)

सुरक्षा क्षेत्र वह विशेष क्षेत्र होते हैं जिन्हें सुरक्षा प्रणाली द्वारा निगरानी और संरक्षण दिया जाता है। ये क्षेत्रों में दोषों का पता लगाया और उनसे सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। मुख्य सुरक्षा क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. प्रारंभिक सुरक्षा क्षेत्र (Primary Protection Zone):

    • यह क्षेत्र सबसे पहला क्षेत्र है, जहां दोष का पता लगाया जाता है और जहां प्राथमिक सुरक्षा यंत्र काम करते हैं।
    • उदाहरण: सर्किट ब्रेकर, फ्यूज, जो दोषपूर्ण हिस्से को तत्काल अलग कर देते हैं।
  2. समय में देरी सुरक्षा क्षेत्र (Time Delay Protection Zone):

    • यदि पहली सुरक्षा प्रणाली काम नहीं करती है, तो अगले क्षेत्र में कुछ समय देरी के बाद सुरक्षा प्रणाली सक्रिय होती है।
    • उदाहरण: मोटर प्रोटेक्शन रिले
1.4.2 बैकअप सुरक्षा (Backup Protection)
  • बैकअप सुरक्षा अतिरिक्त सुरक्षा उपाय होते हैं, जो प्राथमिक सुरक्षा प्रणाली के विफल होने के बाद सक्रिय होते हैं।
  • यह सुरक्षा प्रणाली विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है, ताकि यदि मुख्य सुरक्षा यंत्र किसी कारण से कार्य न करें, तो भी सिस्टम सुरक्षित रहे।

बैकअप सुरक्षा के उदाहरण:

  • अगर सर्किट ब्रेकर काम नहीं करता है, तो बैकअप फ्यूज या ट्रिप रिले सिस्टम को बचा सकते हैं।

  • बैकअप सुरक्षा के उद्देश्य:

    • आखिरी सुरक्षा उपाय के रूप में कार्य करना।
    • यदि पहला यंत्र दोषपूर्ण स्थिति को पहचानने में विफल रहता है, तो बैकअप सुरक्षा कार्य करती है।
    • नेटवर्क को अधिक नुकसान से बचाना और सिस्टम को जल्दी ठीक करना।

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