EE 50031 Switchgear and Protection Unit 5 Notes in hindi

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5. मोटर, बस-बार और ट्रांसमिशन लाइन का संरक्षण (Protection of Motors, Bus-bar, and Transmission Line)

5.1 मोटर का संरक्षण (Protection of Motor - Only Concept)

मोटर के संरक्षण का उद्देश्य इसे विभिन्न दोषों से बचाना है, ताकि वह सुचारू रूप से कार्य करता रहे और उपकरणों को किसी प्रकार की हानि न हो।

5.1.1 दोष (Faults)

मोटर में होने वाले सामान्य दोषों में शामिल हैं:

  • ओवरलोड (Overload): जब मोटर पर अत्यधिक लोड होता है, जिससे इसकी कार्य क्षमता पर असर पड़ता है।
  • सिंगल फेज (Single-phase): जब मोटर को एक ही फेस से विद्युत आपूर्ति मिलती है।
  • शॉर्ट सर्किट (Short-circuit): मोटर के अंदर किसी तार का आपस में जुड़ना या करंट का गलत दिशा में प्रवाह होना।
5.1.2 शॉर्ट सर्किट संरक्षण (Short Circuit Protection)
  • शॉर्ट सर्किट के दौरान मोटर में अत्यधिक करंट का प्रवाह होता है, जिससे यह नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लिए ओवर करंट रिले का उपयोग किया जाता है, जो शॉर्ट सर्किट होने पर मोटर को तुरंत ट्रिप कर देता है।
5.1.3 ओवरलोड संरक्षण (Overload Protection)
  • ओवरलोड होने पर मोटर में गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे इसके तंत्र को नुकसान हो सकता है। इसके लिए थर्मल रिले का उपयोग किया जाता है, जो मोटर के तापमान में वृद्धि को मापता है और ओवरलोड होने पर मोटर को बंद कर देता है।
5.1.4 सिंगल फेज प्रिवेंटर (Single Phase Preventer)
  • यदि मोटर को सिंगल फेस विद्युत आपूर्ति मिलती है, तो यह मोटर के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, सिंगल फेज प्रिवेंटर का उपयोग किया जाता है जो सिंगल फेस की स्थिति को पहचानता है और मोटर को बंद कर देता है।

5.2 बस-बार और ट्रांसमिशन लाइन का संरक्षण (Protection of Bus-bar and Transmission Line - Only Concept)

बस-बार और ट्रांसमिशन लाइन विद्युत ऊर्जा के वितरण और संचरण के लिए महत्वपूर्ण घटक होते हैं। इनकी सुरक्षा का उद्देश्य संभावित दोषों से इनकी कार्यक्षमता बनाए रखना है।

5.2.1 बस-बार और ट्रांसमिशन लाइन में दोष (Faults on Bus-bar and Transmission Lines)

बस-बार और ट्रांसमिशन लाइनों में कई प्रकार के दोष हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख दोष हैं:

  • सॉर्ट सर्किट (Short Circuit): बस-बार या ट्रांसमिशन लाइन में शॉर्ट सर्किट होना।
  • ग्राउंड फॉल्ट (Ground Fault): जब ट्रांसमिशन लाइन या बस-बार में पृथ्वी से संपर्क हो जाता है।
  • ऑल-फेज फेल्योर (All-phase Failure): सभी फेजों का विफल होना।
  • लाइन कटना (Line Break): ट्रांसमिशन लाइन का टूटना या खराब होना।
5.2.2 बस-बार संरक्षण (Bus-bar Protection)

बस-बार एक विद्युत वितरण संरचना होती है, जो कई सर्किटों को एक साथ जोड़ती है। इसके संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय होते हैं:

  • डिफरेंशियल संरक्षण (Differential Protection): इसमें बस-बार के दोनों सिरों पर करंट की माप की जाती है। अगर इन दोनों के बीच करंट में कोई अंतर आता है तो रिले ट्रिप हो जाता है और बस-बार को बंद कर देता है।

  • फॉल्ट बस संरक्षण (Fault Bus Protection): इसमें, जब बस-बार में कोई दोष होता है (जैसे शॉर्ट सर्किट या ग्राउंड फॉल्ट), तो रिले इसे पहचानकर बस-बार को तुरंत ट्रिप कर देता है।

5.2.3 ट्रांसमिशन लाइन संरक्षण (Transmission Line Protection)

ट्रांसमिशन लाइन में विभिन्न प्रकार के दोष हो सकते हैं, जिन्हें तुरंत पहचानने और सुधारने के लिए संरक्षण उपायों की आवश्यकता होती है:

  • ओवर करंट संरक्षण (Overcurrent Protection): इस प्रणाली में यदि ट्रांसमिशन लाइन पर करंट अधिक हो जाता है तो ओवर करंट रिले उसे ट्रिप कर देता है और लाइन को सुरक्षित करता है।

  • डिस्टेंस संरक्षण (Distance Protection): इसमें, ट्रांसमिशन लाइन की लंबाई के आधार पर दोष का स्थान निर्धारित किया जाता है। जब दोष स्थान निर्धारित सीमा के भीतर आता है, तो रिले सक्रिय हो जाता है और लाइन को बंद कर देता है।

  • पायलट वायर संरक्षण (Pilot Wire Protection): इस प्रणाली में दो ट्रांसमिशन स्टेशनों के बीच पायलट वायर का उपयोग किया जाता है। यह पायलट वायर दोष के संकेत को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक भेजता है। अगर दोष का पता चलता है तो ट्रांसमिशन लाइन को तुरंत ट्रिप कर दिया जाता है।

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