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Written by Garima Kanwar | Blog: Rajasthan Polytechnic
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Subject: Advanced Surveying CE 4002(Same as CC 4002)
Branch: Civil Engineering 🏗️
Semester: 4th Semester 📚
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प्लेन टेबल सर्वेइंग (Plane Table Surveying)
प्लेन टेबल सर्वेइंग एक सरल, प्रत्यक्ष और प्रभावी सर्वेइंग विधि है जिसका उपयोग सिविल इंजीनियरिंग में मानचित्र बनाने और छोटे क्षेत्र में दूरी और कोण मापने के लिए किया जाता है। इस विधि में, सर्वेयर सीधे मैदान में एक प्लेन टेबल पर मानचित्र बनाता है।
1.1 प्लेन टेबल सर्वे के सिद्धांत (Principles of Plane Table Survey)
प्लेन टेबल सर्वेइंग प्रत्यक्ष माप विधि पर आधारित है। इस विधि में, सर्वेयर क्षेत्र के डेटा को रिकॉर्ड करने के बजाय, सीधे प्लेन टेबल पर जमीन की विशेषताओं का आरेख (मानचित्र) बनाता है। इसमें शामिल मुख्य घटक हैं:
- प्लेन टेबल: एक समतल सतह, जिस पर मानचित्र खींचा जाता है।
- अलिदादे: यह एक साइटिंग डिवाइस है जिसका उपयोग वस्तुओं के बीच कोण मापने के लिए किया जाता है।
यह विधि छोटे क्षेत्रों के लिए आदर्श है और जब जमीन के विवरण के लिए मापने की आवश्यकता होती है।
मुख्य बिंदु:
- मानचित्र पर प्रत्यक्ष चित्रण।
- कोण और दूरी मापना।
- छोटे से मध्यम क्षेत्रों के लिए तेज और सटीक।
1.2 प्लेन टेबल के सहायक उपकरण और उनका उपयोग (Accessories of Plane Table and Their Use)
यहां प्लेन टेबल के मुख्य सहायक उपकरण और उनके कार्य दिए गए हैं:
1.2.1 प्लेन टेबल 📋
- कार्य: एक समतल सतह, जिस पर सर्वे मानचित्र खींचा जाता है।
- सामग्री: आमतौर पर लकड़ी या किसी मजबूत सामग्री से बनाया जाता है।
1.2.2 अलिदादे 🔭
- कार्य: यह एक साइटिंग डिवाइस है जिसका उपयोग सर्वेयर को कोण मापने के लिए किया जाता है।
- प्रकार:
- टेलीस्कोपिक अलिदादे (अधिक सटीक संस्करण, जिसमें बेहतर सटीकता के लिए एक दूरबीन होता है)।
- साधारण अलिदादे (यह एक रूलर होता है जिसमें साइटिंग वेन होते हैं)।
1.2.3 स्पिरिट लेवल 🔧
- कार्य: यह सुनिश्चित करने के लिए उपयोग किया जाता है कि टेबल पूरी तरह से क्षैतिज है।
1.2.4 कंपास 🧭
- कार्य: यह लाइनों की चुंबकीय दिशाओं का निर्धारण करने के लिए उपयोग किया जाता है।
1.3 प्लेन टेबल सेट करना (Setting of Plane Table)
प्लेन टेबल सेट करने में टेबल को जमीन पर सही तरीके से स्थापित करना और सही दिशा में संरेखित करना शामिल होता है ताकि सटीक माप सुनिश्चित किया जा सके।
1.3.1 प्लेन टेबल का ओरिएंटेशन (Orientation of Plane Table) 🌍
- ओरिएंटेशन का मतलब है कि प्लेन टेबल को सही दिशा में संरेखित करना, इसे कंपास या बैक साइटिंग की मदद से किया जाता है।
- कंपास की मदद से चुंबकीय उत्तर निर्धारित करके टेबल को उसी दिशा में सेट किया जाता है।
1.3.2 बैक साइटिंग और मैग्नेटिक मेरिडियन विधि (Back Sighting and Magnetic Meridian Method) 🔄🧭
- बैक साइटिंग: इसमें सर्वेयर टेबल से विपरीत दिशा में एक ज्ञात संदर्भ बिंदु (जैसे एक निश्चित स्थल) को देखता है।
- मैग्नेटिक मेरिडियन विधि: इसमें चुंबकीय कंपास का उपयोग करके प्लेन टेबल को पृथ्वी के चुंबकीय उत्तर के साथ संरेखित किया जाता है।
1.3.3 ट्रू मेरिडियन विधि (True Meridian Method) 🌎
- ट्रू मेरिडियन विधि में टेबल को सच्चे उत्तर के साथ संरेखित किया जाता है, जिसे सौर निरीक्षण या ज्ञात संदर्भ बिंदु की मदद से किया जाता है।
1.4 प्लेन टेबल सर्वे विधियां (Methods of Plane Table Surveys)
प्लेन टेबल सर्वे के लिए कई विधियाँ हैं:
1.4.1 रेडिएशन विधि (Radiation Method) 🔴
- रेडिएशन विधि में, सर्वेयर एक केंद्रीय बिंदु (जिसे स्टेशन कहा जाता है) से विभिन्न दृश्य बिंदुओं तक कोण मापता है और इन बिंदुओं को टेबल पर चित्रित करता है।
- उदाहरण: यदि आपको एक इमारत का सर्वे करना है, तो सर्वेयर केंद्रीय बिंदु से कोण मापता है और इसे मानचित्र पर खींचता है।
1.4.2 इंटरसेक्शन विधि (Intersection Method) ✂️
- इंटरसेक्शन विधि में सर्वेयर वस्तुओं के बीच दूरी मापता है और दो ज्ञात बिंदुओं से दृश्य लेकर उस वस्तु का स्थान निर्धारित करता है।
- उदाहरण: अगर आपको एक पेड़ का स्थान जानना है, तो सर्वेयर दो विभिन्न बिंदुओं से कोण मापता है और जहां रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं, वह वह स्थान है जहां पेड़ स्थित है।
1.4.3 ट्रावर्सिंग विधि (Traversing Method) 🔄
- ट्रावर्सिंग विधि में, सर्वेयर एक ज्ञात मार्ग के साथ चलते हुए कोण मापता है और प्रत्येक बिंदु पर प्लॉट करता है। यह विधि लंबी सड़कों या सीमाओं के मानचित्रण के लिए उपयोगी है।
- उदाहरण: एक प्लॉट की सीमा का सर्वे करते हुए विभिन्न बिंदुओं पर माप और प्लॉटिंग।
1.5 प्लेन टेबल सर्वे के लाभ और हानि (Merits and Demerits of Plane Table Survey)
लाभ (Merits) ✅
सरल और तेज ⏱️:
- यह विधि समझने में सरल और क्रियान्वित करने में तेज है।
- यह छोटे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जिसमें कम जटिलता हो।
प्रत्यक्ष मानचित्रण 🖼️:
- सर्वेयर सीधे मानचित्र पर चित्रण करता है, जिससे डेटा को रिकॉर्ड करने और फिर उसे मानचित्र पर स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं होती।
उच्च सटीकता 🎯:
- जब सही तरीके से सेट किया जाता है, तो प्लेन टेबल सर्वे से बहुत सटीक परिणाम प्राप्त होते हैं।
लागत प्रभावी 💸:
- यह विधि महंगी नहीं होती है क्योंकि इसमें अत्याधुनिक उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती।
हानियां (Demerits) ❌
सीमित छोटे क्षेत्रों तक 🌍:
- यह विधि केवल छोटे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। बड़े क्षेत्रों में इसका उपयोग करना कठिन हो सकता है।
मौसम पर निर्भरता ☔:
- यह विधि मौसम पर निर्भर होती है क्योंकि टेबल और सहायक उपकरणों को बारिश या हवा से बचाना पड़ता है।
कुशल सर्वेयर की आवश्यकता 👷♂️:
- यह विधि अनुभवी सर्वेयर द्वारा उपयोग की जानी चाहिए ताकि सही तरीके से निरीक्षण और बिंदुओं का प्लॉटिंग किया जा सके।
कठिन स्थल पर उपयोग ⛰️:
- यह विधि पर्वतीय या असमान स्थल पर कम प्रभावी होती है, जहां वस्तुएं आसानी से दृश्य में नहीं होतीं।
आरेख (Diagrams)
- प्लेन टेबल सेटअप
- एक समतल सतह का उपयोग मानचित्र खींचने के लिए किया जाता है। सर्वेयर अलिदादे का उपयोग करके विभिन्न बिंदुओं को देखता है।
- रेडिएशन विधि (Radiation Method)
- सर्वेयर केंद्रीय बिंदु से कोण मापता है और विभिन्न वस्तुओं तक माप निकालता है।
- इंटरसेक्शन विधि (Intersection Method)
- दो ज्ञात बिंदुओं से दृश्य लेकर वस्तु का स्थान निर्धारित किया जाता है।
प्रश्न और उत्तर (Question and Answer)
Q1. प्लेन टेबल सर्वे का मुख्य सिद्धांत क्या है?
A1. प्लेन टेबल सर्वेइंग का मुख्य सिद्धांत प्रत्यक्ष माप विधि है, जिसमें सर्वे डेटा को सीधे प्लेन टेबल पर खींचा जाता है।
Q2. प्लेन टेबल सर्वे की तीन विधियां कौन सी हैं?
A2. प्लेन टेबल सर्वे की तीन विधियां हैं:
- रेडिएशन विधि
- इंटरसेक्शन विधि
- ट्रावर्सिंग विधि
Q3. प्लेन टेबल सर्वे के लाभ और हानि क्या हैं?
A3.
लाभ:
- सरल और तेज
- प्रत्यक्ष मानचित्रण
- उच्च सटीकता
- लागत प्रभावी
हानियां:
- बड़े क्षेत्रों के लिए उपयुक्त नहीं
- मौसम पर निर्भर
- कुशल सर्वेयर की आवश्यकता
- कठिन स्थल पर उपयोग में कठिनाई
समीक्षात्मक बिंदु (Revision Points) 🔑
- प्लेन टेबल सर्वे एक सरल और प्रभावी विधि है जिसका उपयोग मानचित्र बनाने के लिए सीधे मैदान पर किया जाता है।
- मुख्य सहायक उपकरण हैं प्लेन टेबल, अलिदादे, और कंपास।
- तीन विधियां हैं: रेडिएशन, इंटरसेक्शन, और ट्रावर्सिंग।
- लाभ: प्रत्यक्ष मानचित्रण, उच्च सटीकता, लागत प्रभावी।
- हानियां: बड़े क्षेत्रों के लिए उपयुक्त नहीं, मौसम पर निर्भर, कुशल सर्वेयर की आवश्यकता।
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1 Comments
Thank you so much for notes ☺️
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