1. FUNDAMENTALS OF ILLUMINATION notes in hindi

 

1. प्रकाशन की बुनियादी बातें

प्रकाशन का मतलब है दृश्यता को बेहतर बनाने के लिए कृत्रिम प्रकाश प्रदान करना। यह समझना कि प्रकाश कैसे काम करता है और इसे प्रभावी रूप से मापने और लागू करने के तरीके को समझना महत्वपूर्ण है, चाहे वह आवासीय, वाणिज्यिक, या औद्योगिक उद्देश्यों के लिए हो। निम्नलिखित विषय प्रकाशन की बुनियादी बातें, कानून, माप तकनीक और मानकों को कवर करते हैं।


1.1 प्रकाशन संबंधित बुनियादी शब्दावली

विस्तृत अवधारणाओं में जाने से पहले, आइए हम कुछ बुनियादी शब्दों को समझें जो प्रकाशन से संबंधित हैं:

  • ल्यूमिनस फ्लक्स (Luminous Flux): यह एक स्रोत द्वारा उत्सर्जित कुल प्रकाश की मात्रा है। इसे ल्यूमन्स (lm) में मापा जाता है।
  • इल्लुमिनेंस (Illuminance): यह वह मात्रा है जो एक सतह पर गिरने वाले प्रकाश की होती है। इसे लक्स (lux) में मापा जाता है, जहां 1 लक्स = 1 ल्यूमन/m²।
  • ल्यूमिनस इंटेंसिटी (Luminous Intensity): यह वह मात्रा है जो एक स्रोत द्वारा एक विशिष्ट दिशा में उत्सर्जित होती है। इसे कैंडेलास (cd) में मापा जाता है।
  • ल्यूमिनस एफिशियेंसी (Luminous Efficiency): यह किसी प्रकाश स्रोत के दृश्य प्रकाश उत्पन्न करने की प्रभावशीलता को मापता है। यह आमतौर पर ल्यूमन्स प्रति वॉट (lm/W) के रूप में व्यक्त किया जाता है।
  • लक्स (Lux): यह इल्लुमिनेंस की इकाई है, जो यह दर्शाता है कि किसी सतह पर कितना प्रकाश पहुँचता है।
  • कैंडेला (cd): यह ल्यूमिनस इंटेंसिटी की इकाई है, जो यह दर्शाती है कि एक स्रोत से प्रकाश एक विशिष्ट दिशा में कितनी ताकत से निकलता है।
  • फुट-कैंडल (fc): यह एक इकाई है जो मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में उपयोग की जाती है, जहां 1 फुट-कैंडल = 1 ल्यूमन/ft² (1 फुट-कैंडल ≈ 10.764 लक्स)।

1.2 प्रकाशन के कानून (Laws of Illumination)

प्रकाश के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले कुछ मौलिक सिद्धांत होते हैं, जिन्हें आमतौर पर प्रकाशन के कानून कहा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण ये हैं:

  1. इनवर्स स्क्वायर लॉ (Inverse Square Law):

    • यह कानून कहता है कि किसी सतह पर गिरने वाले प्रकाश की तीव्रता स्रोत से दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
    • गणितीय रूप से, इल्लुमिनेंस (E) = ल्यूमिनस फ्लक्स (Φ) / दूरी²
    • उदाहरण: यदि आप प्रकाश स्रोत को सतह से दो गुना दूर करते हैं, तो इल्लुमिनेंस चार गुना घट जाएगा।
  2. कॉसाइन लॉ (Cosine Law) (Lambert’s Cosine Law):

    • यह कानून कहता है कि किसी सतह पर प्राप्त इल्लुमिनेंस उस सतह और प्रकाश के बीच कोण के कोसाइन के अनुपात में होती है।
    • E = I * cos(θ), जहां I ल्यूमिनस इंटेंसिटी है, और θ सतह और प्रकाश किरण के बीच कोण है।
    • उदाहरण: जब प्रकाश सीधे एक सतह पर गिरता है, तो इल्लुमिनेंस अधिक होती है। जैसे-जैसे कोण बढ़ता है (प्रकाश सतह पर कोण पर गिरता है), इल्लुमिनेंस कम होती है।

1.3 प्रकाशन की माप (Measurement of Illumination)

किसी स्थान पर पर्याप्त प्रकाश सुनिश्चित करने के लिए, यह आवश्यक है कि वहां की प्रकाश की मात्रा को मापा जाए। सामान्य पैरामीटर ये हैं:

  • लक्स मीटर (Lux Meter): यह एक उपकरण है जिसका उपयोग इल्लुमिनेंस को लक्स में मापने के लिए किया जाता है। इसमें एक प्रकाश सेंसर होता है जो यह मापता है कि किसी सतह पर कितना प्रकाश गिरता है।
  • फोटोमीटर (Photometer): यह एक उपकरण है जिसका उपयोग प्रकाश स्रोत की तीव्रता को मापने के लिए किया जाता है। यह जांचता है कि किसी प्रकाश स्रोत से प्रकाश मानव आंखों को कितना चमकदार दिखाई देता है।
  • ल्यूमन (Lumen): यह उस दृश्य प्रकाश की कुल मात्रा है जो एक स्रोत से उत्सर्जित होती है। यह प्रकाश के उत्पादन को दर्शाता है, चाहे वह जिस दिशा में भी उत्सर्जित हो।

1.4 प्रकाशन गणना विधियाँ (Lighting Calculation Methods)

विभिन्न विधियाँ हैं जो किसी स्थान की प्रकाश आवश्यकताओं की गणना करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जो कि वांछित परिणाम और सटीकता के आधार पर भिन्न होती हैं।

1.4.1 वॉट/म² विधि (Watt/m² Method)

यह विधि अनुमान लगाती है कि किसी कमरे में आवश्यक इल्लुमिनेंस प्राप्त करने के लिए प्रत्येक यूनिट क्षेत्र में कितने वॉट लाइट बल्ब (प्रकाश स्रोत) की आवश्यकता होगी।

  • सूत्र:
    कुल वॉटेज (W) = इल्लुमिनेंस (lux) × क्षेत्र (m²) / ल्यूमिनस एफिशियेंसी (lm/W)

  • यह कैसे काम करता है:

    • यह विधि सरल है, लेकिन हमेशा उच्चतम सटीकता नहीं देती, क्योंकि इसमें यह मान लिया जाता है कि सभी बल्बों की ल्यूमिनस एफिशियेंसी समान होती है।
    • उदाहरण: यदि 20 m² कमरे को 300 लक्स की आवश्यकता है, और बल्ब की ल्यूमिनस एफिशियेंसी 50 lm/W है, तो कुल वॉटेज की आवश्यकता होगी: W=300×2050=120 वॉटW = \frac{300 \times 20}{50} = 120 \text{ वॉट}

1.4.2 ल्यूमन्स या लाइट फ्लक्स विधि (Lumens or Light Flux Method)

यह विधि उस कमरे में आवश्यक ल्यूमिनस फ्लक्स (ल्यूमन्स) की आधार पर काम करती है, ताकि वांछित इल्लुमिनेंस प्राप्त किया जा सके। यह वॉट/म² विधि से अधिक सटीक है क्योंकि इसमें प्रकाश स्रोत से निकलने वाली ल्यूमिनस फ्लक्स को ध्यान में रखा जाता है।

  • सूत्र:
    आवश्यक ल्यूमन्स = इल्लुमिनेंस (lux) × क्षेत्र (m²)

  • यह कैसे काम करता है:

    • यह विधि सीधे उस स्थान के लिए आवश्यक ल्यूमिनस फ्लक्स (ल्यूमन्स) की गणना करती है, जो वांछित इल्लुमिनेंस के आधार पर होती है।
    • उदाहरण: यदि एक 10 m² कमरे में 500 लक्स की आवश्यकता हो, तो आवश्यक ल्यूमन्स होंगे: आवश्यक ल्यूमन्स=500×10=5000 ल्यूमन्स\text{आवश्यक ल्यूमन्स} = 500 \times 10 = 5000 \text{ ल्यूमन्स}

1.4.3 प्वाइंट टू प्वाइंट विधि (Point to Point Method)

यह विधि किसी विशिष्ट स्थान के लिए सबसे सटीक होती है, क्योंकि इसमें प्रत्येक प्रकाश स्रोत की स्थिति और ओरिएंटेशन को ध्यान में रखा जाता है। यह विधि प्रकाश के विभिन्न बिंदुओं पर इल्लुमिनेंस की गणना करने के लिए उपयोग की जाती है।

  • यह कैसे काम करता है:
    • कमरे के प्रत्येक बिंदु पर इल्लुमिनेंस की गणना की जाती है, जो इनवर्स स्क्वायर लॉ और कॉसाइन लॉ के आधार पर होती है।
    • यह विधि अधिक विस्तृत और सटीक प्रकाश डिजाइन के लिए उपयोग की जाती है, विशेष रूप से स्थानों जैसे ऑडिटोरियम, गैलरी, या गोदामों में।

1.5 प्रकाशन के मानक (Standards for Illumination)

विभिन्न संगठनों और मानकों के पास प्रकाश के उचित स्तरों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत होते हैं, जो आराम, सुरक्षा और उत्पादकता को सुनिश्चित करते हैं। कुछ प्रमुख मानक हैं:

  • IES (Illuminating Engineering Society): IES विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए सिफारिश किए गए प्रकाश स्तर प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, कार्यालयों में आमतौर पर 300-500 लक्स की आवश्यकता होती है, जबकि कक्षाओं में 500-700 लक्स की आवश्यकता होती है।
  • ANSI (American National Standards Institute): ANSI प्रकाशन के प्रदर्शन, गुणवत्ता, और सुरक्षा के मानक निर्धारित करता है।
  • ISO (International Organization for Standardization): ISO अंतरराष्ट्रीय मानक प्रदान करता है, जिसमें प्रकाशन की सुरक्षा और प्रदर्शन से संबंधित दिशा-निर्देश होते हैं।
  • IEC (International Electrotechnical Commission): IEC प्रकाशन प्रणालियों के मानकीकरण से संबंधित होता है, जो सुरक्षित और कुशल प्रकाश डिजाइन प्रथाओं को सुनिश्चित करता है।

प्रकाशन के लिए कुछ सामान्य सिफारिशें:

  • आवासीय लिविंग रूम: 100-300 लक्स
  • कार्यालय कार्य क्षेत्र: 300-500 लक्स
  • कक्षा: 300-750 लक्स
  • विक्रय स्थल: 500-1000 लक्स

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