2. DYNAMICS OF HYBRID AND ELECTRIC VEHICLES in hindi

 

2. हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की गतिशास्त्र (Dynamics of Hybrid and Electric Vehicles)

हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों (HEVs और EVs) की गतिशास्त्र में वाहन की गति, पावर स्रोतों और इन वाहनों के संचालन को समझने के सिद्धांतों को शामिल किया जाता है। यहाँ, हम प्रत्येक विषय को सरल शब्दों में विस्तार से समझाएंगे।


2.1 वाहन गति का सामान्य वर्णन (General Description of Vehicle Movement)

एक वाहन की गति में कई बल काम करते हैं, जो उसकी गति को प्रभावित करते हैं। इनमें इंजन या इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा उत्पन्न पावर, सड़क से उत्पन्न प्रतिरोध और अन्य कारक जैसे एरोडायनामिक्स शामिल हैं। वाहन की गति को निर्धारित करने वाले प्रमुख कारक हैं:

  1. पावर उत्पन्न करना: पारंपरिक वाहनों में, आंतरिक दहन इंजन (ICE) पावर उत्पन्न करता है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और हाइब्रिड वाहनों (HEVs) में, इलेक्ट्रिक मोटर पावर उत्पन्न करती है। यह पावर वाहन को गति देने के लिए उपयोग की जाती है।

  2. पावर का प्रसारण: यह पावर ट्रांसमिशन (गियर, शाफ्ट) के माध्यम से पहियों तक पहुंचाई जाती है, जो वाहन को गति देती है।

  3. घर्षण और प्रतिरोध: वाहन की गति का विरोध कई प्रतिरोधों द्वारा किया जाता है जैसे कि टायरों और सड़क के बीच घर्षण, वायु प्रतिरोध, और रोलिंग प्रतिरोध।


2.2 वाहन गति को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Vehicle Motion)

कई कारक वाहन की गति को प्रभावित करते हैं। इन कारकों को समझना वाहन की प्रदर्शन, दक्षता और सुरक्षा में सुधार करने में मदद करता है।

2.2.1 वाहन प्रतिरोध (Vehicle Resistance)

वाहन प्रतिरोध उन बलों का योग है जो वाहन की गति का विरोध करते हैं। इसमें कई प्रकार के प्रतिरोध शामिल होते हैं:

  • रोलिंग प्रतिरोध (Rolling resistance): टायर और सड़क के बीच का प्रतिरोध।
  • एरोडायनामिक ड्रैग (Aerodynamic drag): वाहन के वायुगतिकीय प्रतिरोध।
  • ग्रेडिंग प्रतिरोध (Grading resistance): जब वाहन चढ़ाई या ढलान पर होता है तो उत्पन्न होने वाला प्रतिरोध।

इस प्रतिरोध को पार करने के लिए वाहन के इंजन या मोटर को अतिरिक्त शक्ति की आवश्यकता होती है।

2.2.2 टायर-ग्राउंड चिपकने (Tyre Ground Adhesion)

टायर-ग्राउंड चिपकने का मतलब है कि टायर और सड़क के बीच घर्षण। यह वाहन की सड़क पर पकड़ को निर्धारित करता है और सुरक्षा, हैंडलिंग, और ऊर्जा दक्षता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिक चिपकने का मतलब है बेहतर नियंत्रण और त्वरण, लेकिन यह रोलिंग प्रतिरोध को भी बढ़ा सकता है।

  • कारक: टायर सामग्री, टायर दबाव, और सड़क की सतह।

2.2.3 रोलिंग प्रतिरोध (Rolling Resistance)

रोलिंग प्रतिरोध वह बल है जो टायर को सड़क पर चलते समय गति को रोकता है। यह टायर और सड़क की सतह के विकृति के कारण उत्पन्न होता है।

  • कारक: टायर प्रकार, दबाव, और सड़क की सतह।
  • प्रभाव: जितना अधिक रोलिंग प्रतिरोध होगा, वाहन को इसे पार करने के लिए उतनी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी। EVs और HEVs में, रोलिंग प्रतिरोध को कम करना ऊर्जा दक्षता और रेंज बढ़ा सकता है।

2.2.4 एरोडायनामिक ड्रैग (Aerodynamic Drag)

एरोडायनामिक ड्रैग वह प्रतिरोध है जो वाहन के द्वारा हवा से संपर्क करने के कारण उत्पन्न होता है। यह बल वाहन की गति के साथ बढ़ता है। यह वाहन के आकार और डिजाइन पर निर्भर करता है।

  • कारक: वाहन का आकार, सतह क्षेत्र और गति।
  • प्रभाव: एक अधिक स्ट्रीमलाइन्ड वाहन में कम एरोडायनामिक ड्रैग होता है, जो बेहतर ईंधन या ऊर्जा दक्षता का परिणाम देता है।

2.2.5 ग्रेडिंग प्रतिरोध का समीकरण (Equation of Grading Resistance)

ग्रेडिंग प्रतिरोध तब उत्पन्न होता है जब वाहन चढ़ाई या ढलान पर होता है। चढ़ाई पर, वाहन को पीछे की ओर खींचने वाली गुरुत्वाकर्षण बल को पार करना होता है, जो प्रतिरोध में जोड़ता है। इसके विपरीत, जब वाहन ढलान पर होता है, तो वाहन की गति को नियंत्रित करना अधिक कठिन हो सकता है।

  • समीकरण: ग्रेडिंग प्रतिरोध = W×sin(θ)W \times \sin(\theta)
    • जहां: WW वाहन का वजन है, और θ\theta ढलान का कोण है।

यह समीकरण यह पता लगाने में मदद करता है कि वाहन को एक ढलान पर चढ़ने के लिए कितनी अतिरिक्त शक्ति की आवश्यकता होगी या ढलान पर गुरुत्वाकर्षण का वाहन की गति पर क्या प्रभाव होगा।

2.2.6 गतिशास्त्र समीकरण (Dynamic Equation)

एक वाहन का गतिशास्त्र समीकरण विभिन्न बलों और वाहन की गति के बीच संबंध को दर्शाता है। यह सभी प्रतिरोधों (एरोडायनामिक ड्रैग, रोलिंग प्रतिरोध, ग्रेडिंग प्रतिरोध) और इंजन या मोटर द्वारा प्रदान की गई पावर को जोड़ता है।

  • मूल समीकरण: F=maF = ma
    • जहां: FF वाहन पर काम करने वाला कुल बल है, mm वाहन का द्रव्यमान है, और aa त्वरण है।

यह समीकरण यह विश्लेषण करने में मदद करता है कि विभिन्न बल वाहन की गति पर किस प्रकार प्रभाव डालते हैं, विशेषकर जब यह गति या दिशा बदलता है।


2.3 ड्राइवट्रेन विन्यास (Drive Train Configuration)

वाहन का ड्राइवट्रेन वह प्रणाली है जो इंजन (या मोटर) से पावर को पहियों तक पहुंचाती है। हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों में ड्राइवट्रेन के विभिन्न विन्यास होते हैं:

  • इलेक्ट्रिक वाहन (EV) ड्राइवट्रेन: एक सरल प्रणाली जहां इलेक्ट्रिक मोटर सीधे पहियों से जुड़ी होती है।
  • हाइब्रिड वाहन (HEV) ड्राइवट्रेन: आंतरिक दहन इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर का संयोजन, जो वाहन को गति देने के लिए एक साथ काम करते हैं।

ड्राइवट्रेन का विन्यास वाहन के प्रदर्शन, ईंधन दक्षता और लागत को प्रभावित करता है।


2.4 ऑटोमोबाइल पावरट्रेन (Automobile Power Train)

ऑटोमोबाइल का पावरट्रेन वह प्रणाली है जो वाहन में पावर उत्पन्न करने और इसे पहियों तक पहुंचाने का काम करती है। इसमें निम्नलिखित घटक शामिल होते हैं:

  • इंजन या मोटर: वाहन को गति देने के लिए पावर उत्पन्न करता है।
  • ट्रांसमिशन: इंजन की पावर को विभिन्न गति प्रदान करने के लिए समायोजित करता है।
  • डिफरेंशियल: पहियों में पावर वितरित करने में मदद करता है, खासकर जब वाहन मुड़ता है।
  • ड्राइवशाफ्ट: इंजन से पावर को पहियों तक पहुंचाता है।

इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों में, पारंपरिक वाहनों की तुलना में पावरट्रेन को सरल किया गया है क्योंकि इसमें कम मूविंग पार्ट्स होते हैं।


2.5 वाहन पावर प्लांट का वर्गीकरण (Classification of Vehicle Power Plant)

वाहन पावर प्लांट वह प्रणाली है जो वाहन में पावर उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार है। इसके प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. आंतरिक दहन इंजन (ICE): पारंपरिक पावर स्रोत, जो ईंधन (जैसे पेट्रोल या डीजल) का उपयोग करके पावर उत्पन्न करता है।
  2. इलेक्ट्रिक मोटर्स: EVs और HEVs में, बैटरी या बैटरी और गैसोलीन का संयोजन द्वारा इलेक्ट्रिक मोटर वाहन को गति देती है।
  3. हाइब्रिड पावर प्लांट: आंतरिक दहन इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों का संयोजन, जो ईंधन उपयोग और ऊर्जा पुनर्प्राप्ति में अधिक दक्षता प्रदान करता है।

2.6 इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त मोटरों का वर्गीकरण (Classification of Motors Used in Electric Vehicles)

इलेक्ट्रिक वाहनों में विभिन्न प्रकार की मोटरों का उपयोग किया जाता है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक गति में बदलने का काम करती हैं। इन मोटरों में शामिल हैं:

  1. DC मोटर: सरल और किफायती, लेकिन उच्च प्रदर्शन वाले EVs के लिए कम दक्षता।
  2. AC इंडक्शन मोटर: अधिक दक्ष और उच्च गति और शक्ति को संभालने में सक्षम, EVs में सामान्य रूप से उपयोग होती है।
  3. पर्मानेंट मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर (PMSM): स्थायी चुम्बकों का उपयोग करती है, जिससे बेहतर प्रदर्शन मिलता है, खासकर उच्च प्रदर्शन वाले EVs में।
  4. ब्रशलेस DC मोटर (BLDC): अधिक दक्ष और विश्वसनीय, अधिकांश आधुनिक इलेक्ट्रिक वाहनों में बेहतर प्रदर्शन और लंबी उम्र के लिए उपयोग होती है।

2.7 HEVs के प्रकार (Types of HEVs)

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (HEVs) को इस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है कि इंजन और मोटर एक साथ कैसे काम करते हैं। प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. फुल हाइब्रिड (FHEV): आंतरिक दहन इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों वाहन को गति देने के लिए स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं या एक साथ काम कर सकते हैं।
    • उदाहरण: टोयोटा प्रियस।
  2. माइल्ड हाइब्रिड (MHEV): इलेक्ट्रिक मोटर आंतरिक दहन इंजन की मदद करती है, लेकिन यह वाहन को अकेले नहीं चला सकती।
    • उदाहरण: होंडा इंसाइट।
  3. प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV): इन्हें बाहरी पावर स्रोत से चार्ज किया जा सकता है और इनकी बैटरी बड़ी होती है, जिससे यह अधिक दूरी तक इलेक्ट्रिक पावर पर चल सकती हैं।
    • उदाहरण: शेवरले वोल्ट।

2.8 HEV विन्यास: सीरीज़, पैरेलल, सीरीज़-पैरेलल, जटिल (HEV Configurations: Series, Parallel, Series-Parallel, Complex)

HEVs को उनके ड्राइवट्रेन विन्यास के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:

  1. सीरीज़ हाइब्रिड:
    • इस विन्यास में, आंतरिक दहन इंजन (ICE) सीधे पहियों को नहीं चला सकता। इसके बजाय, इंजन बिजली उत्पन्न करता है जो इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देता है, जो पहियों को चलाती है।
    • उदाहरण: शेवरले वोल्ट।
  2. पैरेलल हाइब्रिड:
    • इलेक्ट्रिक मोटर और आंतरिक दहन इंजन (ICE) दोनों सीधे पहियों को चला सकते हैं। इंजन और मोटर या तो एक साथ काम करते हैं या स्वतंत्र रूप से।
    • उदाहरण: होंडा इंसाइट।
  3. सीरीज़-पैरेलल हाइब्रिड:
    • यह विन्यास दोनों सीरीज़ और पैरेलल प्रणाली को जोड़ता है। वाहन दोनों मोड में कार्य कर सकता है: इलेक्ट्रिक मोटर पहियों को चला सकती है, और इंजन या तो अकेले या मोटर की मदद से काम कर सकता है।
    • उदाहरण: टोयोटा प्रियस।
  4. जटिल हाइब्रिड:
    • यह प्रणाली सीरीज़-पैरेलल सिस्टम का संयोजन है, लेकिन इसमें अधिक उन्नत सुविधाएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में, इसमें कई इलेक्ट्रिक मोटर हो सकते हैं या ऊर्जा वितरण को अधिक कुशल बनाने के लिए अधिक जटिल सिस्टम हो सकते हैं।
    • उदाहरण: लेक्सस LS 600h।

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