4. औद्योगिक स्थापना (Industrial Installation)
औद्योगिक स्थापना से तात्पर्य उन विद्युत प्रणालियों से है जो औद्योगिक सुविधाओं जैसे फैक्ट्रियों, कार्यशालाओं, पावर प्लांट्स और अन्य बड़े पैमाने पर उत्पादन सेटअप्स में स्थापित होती हैं। ये प्रणालियाँ गैर-औद्योगिक स्थापना से अधिक जटिल होती हैं क्योंकि इन्हें भारी मशीनरी, उच्च शक्ति खपत और विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं को संभालने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। आइए, प्रत्येक विषय को विस्तार से समझते हैं।
4.1 शक्ति खपत के आधार पर वर्गीकरण (Classification Based on Power Consumption)
औद्योगिक सेटिंग्स में विद्युत स्थापितियों को उनकी शक्ति खपत के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। यह वर्गीकरण विद्युत प्रणालियों की प्रभावी योजना और डिज़ाइन में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे विभिन्न मशीनों और संचालन की विशिष्ट ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करें। सामान्यत: इसका वर्गीकरण इस प्रकार होता है:
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कम शक्ति खपत (Low Power Consumption):
- परिभाषा: ये स्थापितियाँ कम शक्ति की आवश्यकता वाली होती हैं और आमतौर पर छोटी मशीनरी या गैर-उत्पादक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती हैं।
- उदाहरण: लाइटिंग, कार्यालय उपकरण, या छोटे पंप।
- डिज़ाइन विचार: विद्युत प्रणाली सामान्यतः सरल होती है और इसे एकल-चरण शक्ति (single-phase power) की आवश्यकता हो सकती है, और इसकी शक्ति रेटिंग कम होती है।
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मध्यम शक्ति खपत (Medium Power Consumption):
- परिभाषा: ये स्थापितियाँ उन मशीनों के लिए होती हैं, जिन्हें अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है, लेकिन उच्च शक्ति मशीनों जितनी नहीं।
- उदाहरण: छोटे मोटर, एयर कंप्रेसर, और रेफ्रिजरेशन सिस्टम।
- डिज़ाइन विचार: इनका तीन-चरण शक्ति (three-phase power) की आवश्यकता हो सकती है, ताकि ऊर्जा वितरण अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके। विद्युत वायरिंग और वितरण प्रणालियों को उच्च लोड संभालने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए।
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उच्च शक्ति खपत (High Power Consumption):
- परिभाषा: ये स्थापितियाँ बड़े पैमाने पर मशीनरी से संबंधित होती हैं, जिनकी ऊर्जा खपत बहुत अधिक होती है।
- उदाहरण: बड़े औद्योगिक मोटर, भट्ठियाँ, भारी-भरकम मशीनें, और निर्माण उपकरण।
- डिज़ाइन विचार: इनकी आवश्यकता के लिए मजबूत तीन-चरण विद्युत प्रणालियाँ, भारी-भरकम केबल्स, ट्रांसफॉर्मर और वितरण पैनल की आवश्यकता होती है। लोड की गणना और सुरक्षा तंत्र को सही तरीके से योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
4.2 एकल-चरण और तीन-चरण मोटर्स के लिए वायरिंग आरेख और सिंगल-लाइन आरेख (Drawing of Wiring Diagram and Single Line Diagram for Single Phase and Three Phase Motors)
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वायरिंग आरेख (Wiring Diagram):
- परिभाषा: एक वायरिंग आरेख एक विस्तृत चित्र होता है जो यह दिखाता है कि विद्युत घटक कैसे आपस में जुड़े होते हैं। इसमें तारों, स्विचों, मोटरों और अन्य उपकरणों की सटीक कनेक्शन को दिखाया जाता है।
- एकल-चरण मोटर (Single Phase Motors):
- विवरण: ये मोटर छोटी अनुप्रयोगों के लिए सामान्यत: उपयोग होती हैं जहाँ शक्ति की आवश्यकता बहुत अधिक नहीं होती है।
- वायरिंग आरेख के विशेषताएँ: इसमें विद्युत आपूर्ति, कैपेसिटर (कुछ मोटरों में), और एक स्टार्टर स्विच के कनेक्शन होते हैं। सुरक्षा के लिए फ्यूज या सर्किट ब्रेकर को भी शामिल किया जाता है।
- तीन-चरण मोटर (Three Phase Motors):
- विवरण: ये मोटर बड़े उपकरणों के लिए उपयोग होती हैं, जिन्हें लगातार और संतुलित शक्ति आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
- वायरिंग आरेख के विशेषताएँ: इसमें तीनों चरणों (R, Y, B) की कनेक्शन, तटस्थ तार, ओवरलोड रिले, स्टार्टर और सुरक्षा उपकरण शामिल होते हैं।
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सिंगल-लाइन आरेख (Single Line Diagram):
- परिभाषा: सिंगल-लाइन आरेख पूरे विद्युत सिस्टम का सरलीकृत चित्रण होता है, जो मुख्य शक्ति वितरण, ट्रांसफॉर्मर, मोटर और अन्य महत्वपूर्ण घटकों को दिखाता है। इसे समझने में सरलता होती है।
- एकल-चरण मोटर के लिए: इसमें केवल एक लाइन दिखाई जाती है, जो एकल-चरण प्रणाली को दर्शाती है, और इसमें मोटर और संबंधित नियंत्रण उपकरणों के कनेक्शन होते हैं।
- तीन-चरण मोटर के लिए: इसमें तीन-चरण प्रणाली को दर्शाने वाली एक लाइन दिखाई जाती है, जिसमें इनकमिंग शक्ति स्रोत, वितरण बोर्ड और मोटर के कनेक्शन होते हैं।
4.3 औद्योगिक स्थापना में डिज़ाइन पर विचार (Design Considerations in Industrial Installation)
औद्योगिक विद्युत प्रणालियों का डिज़ाइन करते समय कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करना होता है ताकि सुरक्षा, दक्षता और सुविधा सुनिश्चित की जा सके। यहां कुछ महत्वपूर्ण डिज़ाइन विचार दिए गए हैं:
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शक्ति आपूर्ति और लोड गणना (Power Supply and Load Calculation):
- शक्ति आपूर्ति: यह सुनिश्चित करना कि शक्ति आपूर्ति स्थिर और विश्वसनीय हो, आवश्यक है। डिज़ाइन में सभी मशीनों, उपकरणों और सहायक प्रणालियों के लिए सही शक्ति रेटिंग शामिल होनी चाहिए।
- लोड गणना: पूरी विद्युत प्रणाली का सही लोड गणना करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि ट्रांसफॉर्मर, जनरेटर और वायरिंग को सही आकार दिया जाए ताकि अधिक लोड का खतरा न हो।
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सुरक्षा (Safety):
- सुरक्षा उपकरण: सर्किट ब्रेकर, फ्यूज़, ओवरलोड रिले और ग्राउंड फॉल्ट सर्किट इंटररप्टर (GFCI) जैसे सुरक्षा उपकरणों का समावेश करना चाहिए।
- ग्राउंडिंग और अर्थिंग: सभी मशीनों, उपकरणों और विद्युत प्रणालियों का सही ग्राउंडिंग (earthing) किया जाना चाहिए, ताकि विद्युत शॉक के खतरे से बचा जा सके।
- सुरक्षा मानक: डिज़ाइन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों (जैसे National Electrical Code (NEC), IEC मानक) के अनुसार होना चाहिए, ताकि संचालन में सुरक्षा बनी रहे।
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ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency):
- ऊर्जा-बचत प्रौद्योगिकियाँ: ऊर्जा कुशल उपकरणों का चयन करें, जैसे मोटरों के लिए वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव (VFD), LED लाइटिंग और पावर फैक्टर सुधार प्रणाली, ताकि ऊर्जा की खपत कम हो सके और संचालन लागत में कमी आ सके।
- ऊर्जा वितरण का अनुकूलन: विद्युत पैनल, ट्रांसफॉर्मर और केबलों का सही वितरण और डिजाइन करना चाहिए ताकि नुकसान कम हो और शक्ति का प्रभावी उपयोग हो सके।
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भविष्य में विस्तार के लिए लचीलापन (Flexibility for Future Expansion):
- भविष्य के लिए डिज़ाइन: औद्योगिक सुविधाएँ अक्सर विस्तार या उन्नति करती हैं। विद्युत प्रणाली को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाना चाहिए कि भविष्य में बिना बड़े बदलावों या फिर से वायरिंग के आसानी से इसे विस्तारित किया जा सके।
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नियंत्रण प्रणाली और स्वचालन (Control Systems and Automation):
- स्वचालन: विद्युत डिज़ाइन को स्वचालित नियंत्रण प्रणालियों जैसे प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर (PLC) और SCADA सिस्टम के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए ताकि औद्योगिक प्रक्रियाओं की निगरानी और नियंत्रण किया जा सके।
- नियंत्रण पैनल: मशीनरी, लाइटिंग, हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (HVAC) प्रणालियों के लिए नियंत्रण पैनल डिज़ाइन करना चाहिए।
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पर्यावरणीय मानकों का पालन (Compliance with Environmental Standards):
- डिज़ाइन में पर्यावरणीय नियमों का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें विद्युत घटकों का उचित निस्तारण, ऊर्जा दक्षता मानकों का पालन और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए।
4.4 कृषि पंप और आटा मिल की स्थापना और अनुमान (Installation and Estimation of Agricultural Pump and Flour Mill)
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कृषि पंप स्थापना (Agricultural Pump Installation):
- पंप चयन: कृषि पंप का चयन जल स्रोत (बोरवेल, नलकूप) और सिंचाई के लिए आवश्यक फ्लो रेट और हेड (दबाव) के आधार पर किया जाता है।
- विद्युत स्थापना: पंप मोटर के लिए सही शक्ति रेटिंग का चयन किया जाता है, जो आमतौर पर उच्च शक्ति पंपों के लिए तीन-चरण मोटर होती है। इसके अलावा उचित वायरिंग की आवश्यकता होती है ताकि शॉर्ट सर्किट या लीकेज से बचा जा सके।
- सुरक्षा प्रणालियाँ: सर्किट ब्रेकर, ओवरलोड रिले और मोटर और विद्युत घटकों की ग्राउंडिंग जैसी सुरक्षा प्रणालियाँ स्थापित की जानी चाहिए।
- अनुमान: पंप मोटर की शक्ति रेटिंग, केबल लंबाई, नियंत्रण प्रणालियाँ (जैसे स्टार्टर और टाइमर) और स्थापना लागत का अनुमान लिया जाता है। श्रम लागत, सामग्री लागत और रखरखाव के अनुमान भी शामिल किए जाते हैं।
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आटा मिल स्थापना (Flour Mill Installation):
- आटा मिल सेटअप: एक आटा मिल में यांत्रिक और विद्युत घटकों की आवश्यकता होती है, जैसे मोटर, कन्वेयर, नियंत्रण पैनल और सुरक्षा स्विच।
- विद्युत वायरिंग: इस मिल के लिए तीन-चरण विद्युत प्रणाली की आवश्यकता होती है क्योंकि यह अधिक शक्ति खपत करती है। प्रत्येक मोटर के लिए उचित फ्यूज, सर्किट ब्रेकर और ओवरलोड सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
- अनुमान: आटा मिल की स्थापना के लिए मोटर रेटिंग, वायरिंग, पावर आपूर्ति आवश्यकताएँ, नियंत्रण पैनल और सुरक्षा प्रणालियों का अनुमान लिया जाता है। अतिरिक्त लागतों में कूलिंग या वेंटिलेशन सिस्टम, बैकअप जनरेटर और मिलिंग प्रक्रिया के लिए स्वचालन शामिल हो सकते हैं।
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