5. बैटरियां
बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (HEVs) के लिए एक आवश्यक घटक हैं। ये विद्युत ऊर्जा को संग्रहीत करती हैं और वाहन के इलेक्ट्रिक मोटर को शक्ति प्रदान करने के लिए इसे आवश्यकतानुसार छोड़ देती हैं। आइए हम बैटरियों से संबंधित प्रत्येक विषय को विस्तार से समझते हैं।
5.1 बैटरियों का अवलोकन
एक बैटरी एक उपकरण है जो रासायनिक रूप में विद्युत ऊर्जा को संग्रहीत करता है और जब आवश्यकता होती है, तो उसे विद्युत ऊर्जा के रूप में छोड़ता है। EVs में बैटरियां इलेक्ट्रिक मोटर्स को शक्ति प्रदान करती हैं, जिससे यह वाहन के संचालन के लिए आवश्यक घटक बन जाती हैं। आजकल इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे सामान्य बैटरियां लिथियम-आयन (Li-ion) बैटरियां होती हैं, क्योंकि इनमें उच्च ऊर्जा घनता, लंबी आयु और हल्का वजन होता है।
मुख्य बिंदु:
- ऊर्जा संग्रहण: बैटरी विद्युत ऊर्जा को रासायनिक रूप में संग्रहित करती है और जब आवश्यकता होती है, तो उसे छोड़ देती है।
- बैटरी रासायनिक संयोजन: EVs में विभिन्न प्रकार की बैटरियों का उपयोग होता है, जैसे लिथियम-आयन (Li-ion), निकल-मेटल हाइड्राइड (NiMH), और सीसा-अम्ल बैटरियां।
- वोल्टेज और क्षमता: बैटरियां एक विशिष्ट वोल्टेज प्रदान करती हैं और उनकी संग्रहण क्षमता किलोवाट-घंटे (kWh) में मापी जाती है, जो बताती है कि यह कितनी ऊर्जा संग्रहीत और छोड़ सकती हैं।
5.2 बैटरी पैरामीटर
बैटरी पैरामीटर बैटरी के प्रदर्शन, चार्जिंग क्षमता और दक्षता को समझने में मदद करते हैं। कुछ महत्वपूर्ण पैरामीटर निम्नलिखित हैं:
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वोल्टेज:
- बैटरी का वोल्टेज उसके दो टर्मिनलों के बीच संभावित अंतर को बताता है। EV बैटरियां आमतौर पर 300V से 800V तक ऑपरेट करती हैं, जो वाहन की डिज़ाइन और शक्ति की आवश्यकता पर निर्भर करती हैं।
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क्षमता:
- बैटरी क्षमता उस बैटरी द्वारा संग्रहीत चार्ज की मात्रा को बताती है, जिसे आमतौर पर एम्पियर-घंटे (Ah) या किलोवाट-घंटे (kWh) में मापा जाता है। उच्च क्षमता का मतलब है कि वाहन की ड्राइविंग रेंज लंबी होगी।
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ऊर्जा घनता:
- ऊर्जा घनता यह बताती है कि बैटरी एक यूनिट वजन या मात्रा में कितनी ऊर्जा संग्रहित कर सकती है। उच्च ऊर्जा घनता का मतलब है कि कम वजन और आकार में अधिक ऊर्जा संग्रहित होती है, जो EVs के लिए लंबी रेंज हासिल करने में मदद करती है।
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C-रेट:
- C-रेट यह बताता है कि बैटरी को चार्ज या डिस्चार्ज करने की दर उसकी क्षमता के सापेक्ष कितनी तेज़ी से होती है। उदाहरण के लिए, 1C दर का मतलब है कि बैटरी को पूरी तरह से चार्ज या डिस्चार्ज करने में एक घंटा लगता है।
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सायकल जीवन:
- सायकल जीवन यह बताता है कि बैटरी कितने पूर्ण चार्ज-डिस्चार्ज चक्रों से गुजर सकती है, जब तक उसकी क्षमता में महत्वपूर्ण गिरावट नहीं आती। लिथियम-आयन बैटरियां आमतौर पर 1000-2000 चक्र तक जीवित रहती हैं।
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चार्ज की स्थिति (SOC):
- SOC यह बताती है कि बैटरी में कितना चार्ज बचा है, और यह आमतौर पर प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है। 100% SOC का मतलब है कि बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और 0% SOC का मतलब है कि यह पूरी तरह से खाली है।
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स्वास्थ्य की स्थिति (SOH):
- SOH यह मापता है कि बैटरी की सेहत कैसी है और यह बताता है कि बैटरी अपनी आयु और उपयोग के कारण कितनी क्षमता खो चुकी है।
5.3 बैटरियों के प्रकार
EVs और HEVs में उपयोग के लिए विभिन्न प्रकार की बैटरियां होती हैं, जो उनके प्रदर्शन, ऊर्जा घनता, लागत और आयु पर निर्भर करती हैं। कुछ सामान्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
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लिथियम-आयन (Li-ion) बैटरियां:
- लिथियम-आयन बैटरियां उच्च ऊर्जा घनता, लंबी आयु और हल्के वजन के कारण EVs में सबसे सामान्य बैटरी रसायन हैं।
- लाभ: उच्च ऊर्जा घनता, लंबी आयु, हल्का वजन, और बेहतर दक्षता।
- हानियां: महंगी होती हैं और ओवरचार्जिंग और उच्च तापमान के प्रति संवेदनशील होती हैं।
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निकल-मेटल हाइड्राइड (NiMH) बैटरियां:
- ये बैटरियां पहले के हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (HEVs) में उपयोग की जाती थीं, जैसे कि टोयोटा प्रियस।
- लाभ: Li-ion की तुलना में अधिक सुरक्षित, लंबी सायकल जीवन, ठंडे तापमान में बेहतर प्रदर्शन।
- हानियां: ऊर्जा घनता कम होती है, आकार बड़ा होता है और वजन ज्यादा होता है।
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सीसा-अम्ल बैटरियां:
- ये पारंपरिक बैटरियां हैं जो सामान्यतः आंतरिक दहन इंजन वाहनों में प्रारंभिक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती हैं।
- लाभ: सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध।
- हानियां: ऊर्जा घनता कम होती है, भारी वजन, छोटी आयु और कम दक्षता।
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सॉलिड-स्टेट बैटरियां:
- यह एक उभरती हुई तकनीक है जो लिक्विड इलेक्ट्रोलाइट्स के बजाय ठोस इलेक्ट्रोलाइट्स का उपयोग करती है। ये अधिक ऊर्जा घनता और बेहतर सुरक्षा प्रदान करने का वादा करती हैं।
- लाभ: उच्च दक्षता, बेहतर सुरक्षा, और लंबी आयु।
- हानियां: वर्तमान में महंगी हैं और अभी तक बड़े पैमाने पर उत्पादन नहीं हो पाया है।
5.4 बैटरी चार्जिंग
इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी को चार्ज करना वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बैटरी की ऊर्जा संग्रहण क्षमता को फिर से भरा जाता है। यह आमतौर पर चार्जिंग स्टेशनों या होम चार्जिंग सिस्टम के माध्यम से किया जाता है।
चार्जिंग विधियां:
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AC चार्जिंग (एसी चार्जिंग):
- लेवल 1: एक सामान्य 120V आउटलेट का उपयोग करके बुनियादी होम चार्जिंग (धीमी चार्जिंग)।
- लेवल 2: 240V आउटलेट, जो आमतौर पर घरों और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों में पाया जाता है, तेज चार्जिंग प्रदान करता है।
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DC चार्जिंग (डीसी फास्ट चार्जिंग):
- लेवल 3 (फास्ट चार्जिंग): उच्च-शक्ति डीसी चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग करके बैटरी को तेजी से चार्ज किया जाता है। यह आमतौर पर हाईवे पर विश्राम स्टॉप पर पाया जाता है और लगभग 30 मिनट में बैटरी को 80% तक चार्ज कर सकता है।
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वायरलेस चार्जिंग:
- एक नई तकनीक है जो चार्जिंग पैड से बैटरी तक ऊर्जा को वायरलेस रूप से स्थानांतरित करने के लिए विद्युतचुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करती है। यह कई वाहनों के लिए अभी भी शोध चरण में है।
5.5 वैकल्पिक नवीन ऊर्जा स्रोत
साफ और अधिक टिकाऊ ऊर्जा समाधान की बढ़ती आवश्यकता के साथ, EV और HEV अनुप्रयोगों के लिए कई वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का पता लगाया जा रहा है। इनमें शामिल हैं:
5.5.1 सोलर फोटोवोल्टिक कोशिकाएं:
- सोलर पीवी कोशिकाएं सूरज की रोशनी को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं, जिसे या तो एक सोलर-शक्ति वाली चार्जिंग स्टेशन के माध्यम से या वाहन में सोलर पैनल को एकीकृत करके चार्ज करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- लाभ: नवीनीकरणीय, ग्रिड पर निर्भरता को कम करता है, पर्यावरण के अनुकूल।
- चुनौतियां: सौर ऊर्जा अस्थिर होती है और मौसम की स्थिति पर निर्भर करती है, जिसके लिए कुशल ऊर्जा भंडारण की आवश्यकता होती है।
5.5.2 ईंधन कोशिकाएं:
- ईंधन कोशिकाएं हाइड्रोजन को विद्युत में बदलती हैं, इस प्रक्रिया में पानी वाष्प के रूप में एकमात्र उत्पाद निकलता है। इन्हें EVs को शक्ति प्रदान करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जहां हाइड्रोजन ईंधन के रूप में कार्य करता है।
- लाभ: शून्य उत्सर्जन, तेज़ रिफ्यूलिंग समय।
- चुनौतियां: महंगा, हाइड्रोजन इंफ्रास्ट्रक्चर सीमित है, और भंडारण एक चुनौती है।
5.5.3 सुपर कैपेसिटर:
- सुपर कैपेसिटर ऊर्जा को इलेक्ट्रोस्टेटिक रूप में संग्रहित करते हैं और इसे बहुत तेजी से रिलीज कर सकते हैं। इन्हें वाहन की गति को बढ़ाने के लिए उच्च शक्ति के शॉर्ट बर्स्ट के लिए उपयोग किया जाता है।
- लाभ: बहुत तेज़ चार्जिंग और डिस्चार्जिंग, लंबी सायकल जीवन।
- चुनौतियां: बैटरियों की तुलना में कम ऊर्जा घनता, सीमित भंडारण क्षमता।
5.5.4 फ्लाईव्हील्स:
- फ्लाईव्हील्स ऊर्जा को घूर्णनात्मक गतिज ऊर्जा के रूप में संग्रहित करते हैं। ये ऊर्जा प्रदान करने के लिए कुछ समय के लिए उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि त्वरण के दौरान, और कुछ इलेक्ट्रिक सिस्टम में ऊर्जा भंडारण के लिए एकीकृत होते हैं।
- लाभ: लंबी आयु, तेज़ चार्जिंग और डिस्चार्जिंग।
- चुनौतियां: उच्च लागत, यांत्रिक जटिलता, और बड़ा आकार।
5.6 EVs में पुनर्योजी ब्रेकिंग
पुनर्योजी ब्रेकिंग एक तकनीक है जो इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों में ब्रेकिंग के दौरान खोई हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने में मदद करती है। ब्रेकिंग के दौरान, पारंपरिक ब्रेकिंग सिस्टम के बजाय पुनर्योजी ब्रेकिंग इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करके वाहन की गतिज ऊर्जा को वापस विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है और इसे बैटरी में संग्रहीत करती है।
पुनर्योजी ब्रेकिंग कैसे काम करता है:
- मोटर का विपरीत संचालन: जब ड्राइवर ब्रेक लगाता है, तो इलेक्ट्रिक मोटर विपरीत कार्य करती है, जिससे यह एक जनरेटर की तरह काम करती है।
- ऊर्जा रूपांतरण: वाहन की गति से प्राप्त गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल दिया जाता है।
- ऊर्जा संग्रहण: परिवर्तित ऊर्जा को बैटरी में संग्रहित किया जाता है, जिसे बाद में उपयोग किया जा सकता है।
लाभ:
- रेंज बढ़ाता है: ब्रेकिंग के दौरान ऊर्जा को पुनः प्राप्त करके, पुनर्योजी ब्रेकिंग वाहन की रेंज को बढ़ाने में मदद करता है।
- ब्रेक पैड पर घिसाव कम करता है: चूंकि इलेक्ट्रिक मोटर अधिकांश ब्रेकिंग का काम करती है, पारंपरिक यांत्रिक ब्रेक सिस्टम पर घिसाव कम हो जाता है।
- पर्यावरण के अनुकूल: यह प्रणाली ऊर्जा की खपत को कम करने और वाहन की समग्र दक्षता को बढ़ाने में मदद करती है।
चुनौतियां:
- दक्षता: पुनर्योजी ब्रेकिंग की दक्षता 100% नहीं होती है, और यह उच्च गति पर अधिक प्रभावी होता है।
- ब्रेकिंग फील: कुछ ड्राइवरों को पारंपरिक ब्रेकों की तुलना में पुनर्योजी ब्रेकिंग के दौरान अलग महसूस हो सकता है, क्योंकि इसमें प्रतिक्रिया में थोड़ी कमी हो सकती है।
सारांश
- बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक होती हैं, और लिथियम-आयन बैटरियां सबसे सामान्य होती हैं।
- बैटरी पैरामीटर जैसे क्षमता, वोल्टेज, और सायकल जीवन बैटरी के प्रदर्शन को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- बैटरियों के प्रकार में Li-ion, NiMH, और सीसा-अम्ल बैटरियां शामिल हैं।
- बैटरी चार्जिंग AC चार्जिंग, DC फास्ट चार्जिंग, और यहां तक कि वायरलेस चार्जिंग द्वारा की जा सकती है।
- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत जैसे सोलर कोशिकाएं, ईंधन कोशिकाएं, सुपर कैपेसिटर, और फ्लाईव्हील्स EVs के लिए अन्वेषण किए जा रहे हैं।
- पुनर्योजी ब्रेकिंग ब्रेकिंग के दौरान ऊर्जा को पुनः प्राप्त करती है और इसे बैटरी में संग्रहीत करती है, जिससे दक्षता और रेंज बढ़ती है।
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