Extra High Voltage Transmission Notes for Engineering Students in Hindi

 

अतिरिक्त उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन के नोट्स (इंजीनियरिंग छात्रों के लिए)

यह अनुभाग अतिरिक्त उच्च वोल्टेज (EHV) ट्रांसमिशन, इसकी आवश्यकता, घटक, फायदे, सीमाएं, और अनुप्रयोगों के साथ-साथ उच्च वोल्टेज DC (HVDC) ट्रांसमिशन और इसके लक्षणों को कवर करेगा।


3.1 अतिरिक्त उच्च वोल्टेज एसी (EHVAC) ट्रांसमिशन लाइन: आवश्यकता

परिभाषा:

  • EHVAC ट्रांसमिशन का मतलब है बहुत उच्च वोल्टेज पर विद्युत शक्ति का संचारण, जो सामान्यतः 220 kV (किलोवोल्ट) से ऊपर और 800 kV तक होता है।

EHVAC की आवश्यकता:

  • लंबी दूरी का ट्रांसमिशन: लंबी दूरी तक बड़ी मात्रा में ऊर्जा को न्यूनतम हानि के साथ संचारित करने के लिए।
  • आर्थिक दक्षता: विद्युत ट्रांसमिशन की लागत को कम करने के लिए हानियों को न्यूनतम करना और कंडक्टर का आकार छोटा करना।
  • कम लाइन हानियाँ: विद्युत हानि (I²R हानि) सीधे वर्तमान (करंट) से संबंधित होती है। वोल्टेज बढ़ाकर करंट को कम किया जाता है, जिससे ट्रांसमिशन हानियाँ घटती हैं।
  • बेहतर प्रणाली की स्थिरता: उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन से बेहतर वोल्टेज विनियमन और प्रणाली की स्थिरता बनी रहती है।

उदाहरण:

  • भारत में पूर्वी ग्रिड जैसी लंबी दूरी की ट्रांसमिशन लाइनें।

3.2 उच्च वोल्टेज सबस्टेशन घटक

घटक:

  • ट्रांसफॉर्मर: ट्रांसमिशन लाइनों और वितरण प्रणालियों के बीच वोल्टेज स्तर को बढ़ाना या घटाना।
  • सर्किट ब्रेकर: दोष होने पर सिस्टम को डिस्कनेक्ट करके सुरक्षा प्रदान करता है।
  • आइसोलेटर: रखरखाव के लिए सिस्टम के हिस्सों को डिस्कनेक्ट करना।
  • बसबार: सबस्टेशन में विभिन्न सर्किटों को जोड़ने के लिए प्रयुक्त कंडक्टर।
  • स्विचगियर: विद्युत सर्किट्स को स्विच करने, नियंत्रित करने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए उपकरण।
  • सर्ज अरिस्टर: विद्युत प्रणाली को वोल्टेज स्पाइक्स या बिजली के आघात से बचाना।

3.3 EHVAC के फायदे, सीमाएँ और अनुप्रयोग

फायदे:

  1. हानियों में कमी: उच्च वोल्टेज के कारण करंट कम हो जाता है और हानियाँ घट जाती हैं।
  2. लागत-प्रभावी: कंडक्टर की संख्या और कुल ट्रांसमिशन लागत को कम करता है।
  3. बेहतर प्रणाली की स्थिरता: उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन से प्रणाली में बेहतर वोल्टेज विनियमन होता है।
  4. लंबी दूरी का ट्रांसमिशन: इसे लंबी दूरी पर बिजली ट्रांसमिट करने के लिए आदर्श माना जाता है।

सीमाएँ:

  1. उच्च प्रारंभिक लागत: उच्च वोल्टेज उपकरण जैसे ट्रांसफॉर्मर, सर्किट ब्रेकर आदि महंगे होते हैं।
  2. वोल्टेज अस्थिरता: वोल्टेज में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, जो निगरानी की आवश्यकता होती है।
  3. कोरोना हानियाँ: उच्च वोल्टेज पर कोरोना डिस्चार्ज हो सकता है, जिससे ऊर्जा हानि और सिग्नल हस्तक्षेप हो सकता है।
  4. भौतिक आकार: EHV लाइनों के लिए अधिक बुनियादी संरचना, जैसे टॉवर और इंसुलेटर्स की आवश्यकता होती है।

अनुप्रयोग:

  • राज्य आपूर्ति ट्रांसमिशन: विभिन्न राज्यों या क्षेत्रों के बीच बिजली ट्रांसमिट करना।
  • लंबी दूरी का विद्युत ट्रांसमिशन: जब बिजली को बड़े इलाकों में भेजना होता है (जैसे पावर ग्रिड्स में)।

3.4 भारत में EHVAC लाइनें

  • भारत में कई EHVAC लाइनों को लंबी दूरी पर बिजली संचारित करने के लिए लागू किया गया है।
  • उदाहरण: भारत में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया 400 kV और 765 kV वोल्टेज रेटिंग वाली ट्रांसमिशन लाइनों का संचालन करता है, और ये लाइनों भारत के राष्ट्रीय ग्रिड के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • प्रभाव: EHVAC लाइनों से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ है।

3.5 कोरोना प्रभाव

कोरोना प्रभाव क्या है?

  • कोरोना डिस्चार्ज तब होता है जब वोल्टेज एक निश्चित सीमा से ऊपर जाता है, जिससे कंडक्टर के आसपास हवा आयनीकरण हो जाती है, जिससे ऊर्जा हानि और शोर होता है।
  • परिणाम: पावर लॉस, रेडियो हस्तक्षेप, और कभी-कभी कंडक्टर को नुकसान।

आरेख:

  • कोरोना डिस्चार्ज: उच्च वोल्टेज पर कंडक्टर के आसपास आकाश में एक बैंगनी चमक के रूप में दिखाई देता है।

3.6 उच्च वोल्टेज डीसी (HVDC) ट्रांसमिशन लाइन: आवश्यकता, घटक, फायदे, सीमाएँ और अनुप्रयोग

HVDC की आवश्यकता:

  • लंबी दूरी का ट्रांसमिशन: HVDC बहुत लंबी दूरी (आमतौर पर 600 किमी से अधिक) तक अधिक प्रभावी होता है।
  • ग्रिडों का इंटरकनेक्शन: असंक्रमणशील पावर ग्रिडों को जोड़ने के लिए आदर्श।
  • कम हानियाँ: HVDC सिस्टम लंबी दूरी पर कम हानि उत्पन्न करते हैं।

HVDC घटक:

  1. रेक्टिफायर: AC को DC में बदलता है।
  2. इन्वर्टर: DC को फिर से AC में बदलता है।
  3. कनवर्टर स्टेशन: AC और DC सिस्टम के बीच शक्ति प्रवाह को नियंत्रित करता है।
  4. इलेक्ट्रोड्स: भूमिगत HVDC ट्रांसमिशन के मामले में उपयोग होते हैं।

HVDC के फायदे:

  1. कम लाइन हानि: लंबी दूरी पर AC की तुलना में HVDC में कम हानि होती है।
  2. बेहतर स्थिरता: लंबी दूरी और उच्च पावर अनुप्रयोगों में आसान नियंत्रण।
  3. लंबी दूरी पर लागत प्रभावी: 600 किमी से अधिक की दूरी पर AC की तुलना में HVDC सस्ता होता है।

HVDC की सीमाएँ:

  1. उच्च प्रारंभिक लागत: कनवर्टर्स और ट्रांसफॉर्मर महंगे होते हैं।
  2. जटिल तकनीकी: इसे नियंत्रित करना और बनाए रखना अधिक जटिल है।
  3. लचीलापन की कमी: एक बार स्थापित हो जाने के बाद, विद्युत प्रवाह को पलटने में कठिनाई होती है, जैसे कि AC सिस्टम में होता है।

HVDC के अनुप्रयोग:

  • अंडरवाटर केबल्स: विभिन्न देशों को जोड़ने के लिए, जैसे नॉर्वे से नीदरलैंड्स HVDC लिंक
  • लंबी दूरी का पावर ट्रांसमिशन: दूरस्थ पावर प्लांट्स से शहरों में बिजली भेजना।

3.7 मोनो-पोलर, बाय-पोलर, होमो-पोलर ट्रांसमिशन लाइनों की संरचना

मोनो-पोलर HVDC लाइन:

  • विवरण: एक कंडक्टर का उपयोग होता है, और वापसी पथ भूमि या समुद्र के माध्यम से होता है।
  • उपयोग: छोटी दूरी या कम पावर की जरूरतों के लिए।
  • उदाहरण: पुराने सिस्टमों में इसका उपयोग किया जाता है।

बाय-पोलर HVDC लाइन:

  • विवरण: दो कंडक्टर होते हैं जो विपरीत ध्रुवों पर होते हैं, और वापसी करंट दोनों के बीच प्रवाहित होता है।
  • उपयोग: लंबी दूरी और उच्च पावर ट्रांसमिशन के लिए अधिक सामान्य।
  • उदाहरण: भारत में दिल्ली-मुंबई HVDC लाइन

होमो-पोलर HVDC लाइन:

  • विवरण: बाय-पोलर के समान, लेकिन दोनों कंडक्टरों का एक ही ध्रुव होता है।
  • उपयोग: सीमित अनुप्रयोग।

3.8 भारत में HVDC लाइनें

  • भारत में कई HVDC ट्रांसमिशन परियोजनाएँ हैं, जैसे:
    • मुंद्रा (गुजरात) से अजमेर (राजस्थान): एक प्रमुख HVDC लिंक।
    • चमुण्डेश्वरी पावर कॉर्पोरेशन की HVDC लाइन।
    • HVDC लाइनों से भारत के ग्रिड को स्थिरता मिलती है और देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में मदद मिलती है।

3.9 EHVAC और HVDC ट्रांसमिशन लाइनों की विशेषताएँ

विशेषताEHVACHVDC
वोल्टेज स्तरउच्च (220 kV से 800 kV)बहुत उच्च (100 kV से 800 kV)
हानियाँलंबी दूरी पर अधिक हानियाँलंबी दूरी पर कम हानियाँ
जटिलतासंचालन में सरलअधिक जटिल, उन्नत उपकरण की आवश्यकता
लागतप्रारंभ में कम लागतउच्च प्रारंभिक लागत, लेकिन लंबी दूरी पर सस्ता
ग्रिड स्थिरताकम स्थिरता, वोल्टेज में उतार-चढ़ावअधिक स्थिर, नियंत्रित विद्युत प्रवाह

प्रमुख प्रश्न (एग्जाम की तैयारी के लिए)

  1. EHVAC ट्रांसमिशन लाइनों की आवश्यकता क्या है?

    • ये लंबी दूरी पर विद्युत ऊर्जा के संचारण के लिए आवश्यक हैं, ताकि हानियाँ कम हों।
  2. EHV सबस्टेशन के घटकों को समझाएँ।

    • इसमें ट्रांसफॉर्मर, सर्किट ब्रेकर, आइसोलेटर, स्विचगियर और बसबार शामिल हैं।
  3. HVDC ट्रांसमिशन लाइनों के फायदे और सीमाएँ बताइए।

    • फायदे: कम ट्रांसमिशन हानियाँ, लंबी दूरी के लिए बेहतर, अधिक स्थिर।
    • सीमाएँ: उच्च प्रारंभिक लागत, जटिल तकनीकी, लचीलापन की कमी।
  4. कोरोना प्रभाव क्या है और यह ट्रांसमिशन लाइनों पर कैसे प्रभाव डालता है?

    • यह उच्च वोल्टेज पर कंडक्टर के आसपास हवा के आयनीकरण से ऊर्जा हानि और हस्तक्षेप उत्पन्न करता है।

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