Unit 2 Frame and Body Notes in Hindi

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Subject - AUTOMOBILE ENGINEERING ME 40041
Branch - Mechanical Engineering
Semester - 4th Semester

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UNIT-II: फ्रेम और बॉडी

किसी वाहन में चेसिस और बॉडी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह वाहन को संरचनात्मक समर्थन, सुरक्षा और कुशलता प्रदान करते हैं। इस अध्याय में हम फ्रेम, उसकी संरचना, कार्य, प्रकार और बॉडी के मुख्य विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।


2.1 चेसिस और फ्रेम

(a) चेसिस (Chassis)

  • चेसिस किसी वाहन की मुख्य संरचनात्मक रूपरेखा होती है, जो इंजन, ट्रांसमिशन, सस्पेंशन और पहियों जैसे प्रमुख घटकों को सहारा देती है।

  • यह वाहन की मजबूती, स्थिरता और स्थायित्व सुनिश्चित करता है।

(b) फ्रेम (Frame)

  • फ्रेम चेसिस का एक हिस्सा होता है जो इंजन, बॉडी और अन्य यांत्रिक घटकों को माउंट करने का आधार प्रदान करता है।

  • इसे सड़क की झटकों और वाहन के भार को सहन करने के लिए मजबूत बनाया जाता है।


2.2 फ्रेम के कार्य (Functions of Frame)

फ्रेम निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य करता है:

  1. संरचनात्मक समर्थन प्रदान करना – यह सभी घटकों को जोड़े रखता है।

  2. भार वहन करना – यात्रियों, सामान और यांत्रिक भागों का भार सहन करता है।

  3. झटकों और कंपन को अवशोषित करना – वाहन की सवारी को आरामदायक बनाता है।

  4. सड़क की ताकतों को सहन करना – ब्रेकिंग, एक्सेलेरेशन और मोड़ने के बलों का सामना करता है।

  5. सुरक्षा प्रदान करना – टकराव के दौरान यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करता है।


2.3 फ्रेम पर लगने वाले भार (Loads on Frame)

वाहन के फ्रेम पर कई प्रकार के भार लगते हैं:

  1. स्थिर भार (Static Load) – जब वाहन स्थिर होता है तो उसका कुल भार।

  2. गतिशील भार (Dynamic Load) – वाहन के चलने पर उत्पन्न होने वाली शक्तियाँ (जैसे ब्रेकिंग और एक्सेलेरेशन)।

  3. आघात भार (Impact Load) – गड्ढों, स्पीड ब्रेकर या टक्कर से लगने वाला बल।

  4. ऐंठन भार (Torsional Load) – ऊबड़-खाबड़ सड़क या तीव्र मोड़ के कारण उत्पन्न होने वाला बल।

  5. झुकने वाला भार (Bending Load) – वाहन के वजन और यात्रियों द्वारा लगाया गया बल।


2.4 फ्रेम की संरचना (Frame Construction)

फ्रेम को दो प्रमुख तरीकों से बनाया जाता है:

(a) पारंपरिक फ्रेम (Body-on-Frame Construction)

  • इसमें बॉडी और फ्रेम अलग-अलग होते हैं, और बॉडी को फ्रेम पर माउंट किया जाता है।

  • इसका उपयोग ट्रकों, SUVs और भारी वाहनों में किया जाता है।

  • फायदे: मजबूत, टिकाऊ, मरम्मत में आसान।

  • नुकसान: भारी वजन, कम ईंधन दक्षता।

(b) फ्रेमलेस संरचना (Monocoque या Unibody Construction)

  • इसमें बॉडी और फ्रेम एक ही इकाई के रूप में होते हैं, जिससे वाहन हल्का और अधिक कुशल बनता है।

  • आधुनिक कारों, सेडान और हैचबैक में उपयोग किया जाता है।

  • फायदे: हल्का, अधिक ईंधन दक्षता, बेहतर सुरक्षा।

  • नुकसान: मरम्मत महंगी, पारंपरिक फ्रेम जितना मजबूत नहीं।


2.5 फ्रेम और बॉडी की मुख्य विशेषताएँ (Main Features of Frame and Body)

एक अच्छे वाहन के फ्रेम और बॉडी में निम्नलिखित गुण होने चाहिए:

(a) मजबूती (Strength)

  • फ्रेम को भारी भार और झटकों को सहन करने के लिए मजबूत होना चाहिए।

  • उच्च-शक्ति वाले स्टील और एल्यूमीनियम मिश्र धातु (alloys) का उपयोग किया जाता है।

(b) कठोरता (Stiffness)

  • फ्रेम को कठोर होना चाहिए ताकि यह झुकने और विकृति से बच सके

  • कठोर फ्रेम से बेहतर हैंडलिंग और आरामदायक सवारी मिलती है।

(c) स्थान दक्षता (Space Efficiency)

  • डिज़ाइन ऐसा होना चाहिए कि यात्रियों और सामान के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध हो

  • कॉम्पैक्ट डिज़ाइन से ईंधन दक्षता और एयरोडायनामिक्स में सुधार होता है।

(d) वायु अवरोध और स्ट्रीमलाइनिंग (Air Drag and Streamlining)

  • बेहतर एयरोडायनामिक डिज़ाइन वायु अवरोध (Air Drag) को कम करता है और ईंधन की बचत करता है।

  • झुकी हुई विंडशील्ड, चिकने बॉडी कर्व्स आदि वायु अवरोध को कम करने में सहायक होते हैं।

(e) वजन (Weight)

  • हल्का फ्रेम वाहन की प्रदर्शन क्षमता और ईंधन दक्षता में सुधार करता है।

  • एल्यूमीनियम और कम्पोजिट सामग्री का उपयोग वजन कम करने में मदद करता है।

(f) कंपन नियंत्रण (Vibration Control)

  • फ्रेम को सड़क से उत्पन्न कंपन को अवशोषित करना चाहिए ताकि सवारी आरामदायक हो।

  • डैम्पर्स, रबर माउंटिंग और उन्नत सस्पेंशन सिस्टम कंपन को कम करने में मदद करते हैं।

(g) मौसम और जंग से सुरक्षा (Protection Against Weather and Corrosion)

  • बॉडी को मौसम की स्थिति जैसे बारिश, बर्फ और उच्च तापमान सहन करने योग्य बनाया जाता है।

  • एंटी-रस्ट कोटिंग, गैल्वेनाइज़्ड स्टील और उचित पेंटिंग से जंग से बचाव होता है।

(h) सुरक्षा विचार (Safety Considerations)

  • फ्रेम और बॉडी को दुर्घटना के प्रभाव को अवशोषित करना चाहिए ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

  • क्रम्पल ज़ोन, मजबूत पिलर, एयरबैग, और साइड-इम्पैक्ट बीम्स से सुरक्षा बढ़ाई जाती है।

(i) अर्थव्यवस्था विचार (Economy Considerations)

  • डिज़ाइन को लागत-प्रभावी होना चाहिए और सुरक्षा, वजन और ईंधन दक्षता का संतुलन बनाए रखना चाहिए।

  • रखरखाव और मरम्मत की लागत भी एक महत्वपूर्ण कारक होती है।


2.6 बॉडी एलाइनमेंट (Body Alignment)

  • बॉडी एलाइनमेंट का अर्थ है कि वाहन की फ्रेम और बॉडी को सही स्थिति में रखा जाए ताकि स्मूद हैंडलिंग, स्थिरता और टायर का समान घिसाव हो।

  • यदि एलाइनमेंट सही न हो तो टायर असमान रूप से घिस सकते हैं, वाहन एक तरफ खिंच सकता है और ईंधन की खपत बढ़ सकती है

  • नियमित रूप से व्हील एलाइनमेंट और सस्पेंशन जांच करवाने से सही बॉडी एलाइनमेंट बना रहता है।


निष्कर्ष

  • चेसिस और फ्रेम वाहन की संरचना को मजबूती और समर्थन प्रदान करते हैं।

  • मुख्य रूप से दो प्रकार की संरचनाएँ होती हैं: बॉडी-ऑन-फ्रेम और मोनोकॉक (फ्रेमलेस)

  • एक अच्छे वाहन में मजबूती, कठोरता, एयरोडायनामिक्स, हल्का वजन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था जैसी विशेषताएँ होनी चाहिए।

  • सही बॉडी एलाइनमेंट वाहन के प्रदर्शन और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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