5. ट्रांसफार्मर
इस यूनिट का सिलेबस:
- ऑपरेशन का सिद्धांत, ईएमएफ समीकरण, निर्माण
- सिंगल-फेज ट्रांसफार्मर का सिद्धांत, परिवर्तन अनुपात, और स्टेप-अप तथा स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर
1. ऑपरेशन का सिद्धांत, ईएमएफ समीकरण और निर्माण
1.1 ऑपरेशन का सिद्धांत:
- परिभाषा: ट्रांसफार्मर एक स्थैतिक विद्युत उपकरण है जो विद्युत ऊर्जा को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के माध्यम से स्थानांतरित करता है।
- कार्यविधि: यह फैरेडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम पर काम करता है, जिसमें एक कोइल में चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण दूसरी कोइल में प्रेरित विद्युत् अभिकर्ष (ईएमएफ) उत्पन्न होता है।
मुख्य सिद्धांत:
- जब प्राथमिक कोइल में एक वैकल्पिक धारा (AC) बहती है, तो यह उसके चारों ओर एक परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। यह परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र द्वितीयक कोइल से जुड़ता है, जिससे ईएमएफ उत्पन्न होता है और इस प्रकार ऊर्जा का स्थानांतरण होता है।
- ट्रांसफार्मर प्राथमिक और द्वितीयक कोइल के टर्न्स की संख्या के आधार पर वोल्टेज को बढ़ाता या घटाता है।
चित्र:
1.2 ट्रांसफार्मर का ईएमएफ समीकरण:
- व्युत्पत्ति: द्वितीयक कोइल में प्रेरित ईएमएफ को फैरेडे के प्रेरण नियम द्वारा व्यक्त किया जा सकता है।
समीकरण:
जहां:
- E₁ = प्राथमिक कोइल में प्रेरित ईएमएफ
- f = एसी आपूर्ति की आवृत्ति
- N₁ = प्राथमिक कोइल में टर्न्स की संख्या
- Φ_max = अधिकतम चुम्बकीय फ्लक्स
- E₂ = द्वितीयक कोइल में प्रेरित ईएमएफ (समान रूप से व्युत्पन्न)
यह समीकरण कोइल में प्रेरित ईएमएफ और टर्न्स की संख्या, आवृत्ति और चुम्बकीय फ्लक्स के बीच संबंध को दर्शाता है।
1.3 ट्रांसफार्मर का निर्माण:
ट्रांसफार्मर के निम्नलिखित प्रमुख भाग होते हैं:
- कोर: चुम्बकीय कोर को सिलिकॉन स्टील की परतों से बनाया जाता है ताकि एडी धाराओं को कम किया जा सके। कोर चुम्बकीय फ्लक्स के लिए एक मार्ग प्रदान करता है।
- प्राथमिक कोइल: वह कोइल जो एसी आपूर्ति से जुड़ी होती है।
- द्वितीयक कोइल: वह कोइल जिसमें परिवर्तित वोल्टेज प्रेरित होती है।
- इन्सुलेशन: यह कोइल को अलग करने के लिए प्रयोग किया जाता है ताकि विद्युत शॉर्ट सर्किट से बचा जा सके।
- टैंक: यह ट्रांसफार्मर को आवासित करने के लिए उपयोग किया जाता है और कूलिंग और इन्सुलेशन के लिए तेल प्रदान करता है।
चित्र:
2. सिंगल-फेज ट्रांसफार्मर का सिद्धांत, परिवर्तन अनुपात, और स्टेप-अप तथा स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर
2.1 सिंगल-फेज ट्रांसफार्मर का सिद्धांत:
सिंगल-फेज ट्रांसफार्मर उसी सिद्धांत पर काम करता है जैसा सामान्य ट्रांसफार्मर। इसमें दो कोइल होते हैं, प्राथमिक और द्वितीयक कोइल, जो एक सामान्य कोर पर लिपटे होते हैं। जब एक वैकल्पिक धारा प्राथमिक कोइल में बहती है, तो यह चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है, जो द्वितीयक कोइल में प्रेरित वोल्टेज उत्पन्न करती है।
- स्टेप-अप ट्रांसफार्मर: प्राथमिक से द्वितीयक वोल्टेज को बढ़ाता है।
- स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर: प्राथमिक से द्वितीयक वोल्टेज को घटाता है।
2.2 परिवर्तन अनुपात (Transformation Ratio):
ट्रांसफार्मर का परिवर्तन अनुपात प्राथमिक कोइल में टर्न्स की संख्या और द्वितीयक कोइल में टर्न्स की संख्या के अनुपात के रूप में होता है। इसे वोल्टेज या धारा अनुपात के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है।
समीकरण:
जहां:
- N₁ = प्राथमिक कोइल में टर्न्स की संख्या
- N₂ = द्वितीयक कोइल में टर्न्स की संख्या
- V₁ = प्राथमिक कोइल में वोल्टेज
- V₂ = द्वितीयक कोइल में वोल्टेज
- I₁ = प्राथमिक कोइल में धारा
- I₂ = द्वितीयक कोइल में धारा
व्याख्या:
- स्टेप-अप ट्रांसफार्मर के लिए, , तो द्वितीयक वोल्टेज प्राथमिक वोल्टेज से अधिक होगा।
- स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर के लिए, , तो द्वितीयक वोल्टेज प्राथमिक वोल्टेज से कम होगा।
2.3 स्टेप-अप और स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर:
- स्टेप-अप ट्रांसफार्मर:
- परिभाषा: एक ट्रांसफार्मर जो प्राथमिक से द्वितीयक वोल्टेज को बढ़ाता है।
- निर्माण: द्वितीयक कोइल में प्राथमिक कोइल से अधिक टर्न्स होते हैं।
- उपयोग: इसका उपयोग पावर ट्रांसमिशन में किया जाता है, जहां वोल्टेज को लंबी दूरी तक कुशलतापूर्वक भेजने के लिए बढ़ाया जाता है।
उदाहरण: यदि प्राथमिक कोइल में 100 टर्न्स और द्वितीयक कोइल में 1000 टर्न्स हैं, तो वोल्टेज 10 गुना बढ़ जाएगा।
- स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर:
- परिभाषा: एक ट्रांसफार्मर जो प्राथमिक से द्वितीयक वोल्टेज को घटाता है।
- निर्माण: प्राथमिक कोइल में द्वितीयक कोइल से अधिक टर्न्स होते हैं।
- उपयोग: इसका उपयोग उन उपकरणों में किया जाता है जो निम्न वोल्टेज पर काम करते हैं, जैसे घरेलू उपकरणों में।
उदाहरण: यदि प्राथमिक कोइल में 1000 टर्न्स और द्वितीयक कोइल में 100 टर्न्स हैं, तो वोल्टेज 10 गुना घट जाएगा।
MCQ प्रश्न:
-
ट्रांसफार्मर के काम करने का मुख्य सिद्धांत क्या है?
- a) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण
- b) विद्युत-स्थैतिक प्रेरण
- c) चुम्बकीय फ्लक्स
- d) विद्युत अपघटन
- उत्तर: a) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण
-
ट्रांसफार्मर के किस हिस्से का कार्य विद्युत ऊर्जा को स्थानांतरित करना है?
- a) प्राथमिक कोइल
- b) द्वितीयक कोइल
- c) कोर
- d) प्राथमिक और द्वितीयक कोइल दोनों
- उत्तर: d) प्राथमिक और द्वितीयक कोइल दोनों
-
ट्रांसफार्मर का परिवर्तन अनुपात क्या दर्शाता है?
- a) वोल्टेज अनुपात
- b) धारा अनुपात
- c) टर्न्स अनुपात
- d) उपरोक्त सभी
- उत्तर: d) उपरोक्त सभी
-
स्टेप-अप ट्रांसफार्मर में कौन सी कोइल में अधिक टर्न्स होते हैं?
- a) प्राथमिक कोइल
- b) द्वितीयक कोइल
- c) दोनों कोइल में समान संख्या में टर्न्स होते हैं
- d) उपरोक्त में से कोई नहीं
- उत्तर: b) द्वितीयक कोइल
-
यदि ट्रांसफार्मर में प्राथमिक कोइल में 100 टर्न्स और द्वितीयक कोइल में 50 टर्न्स हैं, तो यह किस प्रकार का ट्रांसफार्मर है?
- a) स्टेप-अप ट्रांसफार्मर
- b) स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर
- c) आइसोलेशन ट्रांसफार्मर
- d) पावर ट्रांसफार्मर
- उत्तर: b) स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर
-
ट्रांसफार्मर किसके सिद्धांत पर काम करता है?
- a) कूलॉम्ब का नियम
- b) फैरेडे का नियम
- c) ऐम्पियर का नियम
- d) ओम का नियम
- उत्तर: b) फैरेडे का नियम
-
ट्रांसफार्मर के कोर का मुख्य पदार्थ क्या होता है?
- a) तांबा
- b) स्टील
- c) लोहे
- d) एल्युमिनियम
- उत्तर: c) लोहे
-
ट्रांसफार्मर में द्वितीयक कोइल की आवृत्ति प्राथमिक कोइल के मुकाबले क्या होगी?
- a) अधिक
- b) कम
- c) समान
- d) टर्न्स अनुपात के आधार पर
- उत्तर: c) समान
-
वोल्टेज को बढ़ाने के लिए किस प्रकार के ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है?
- a) स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर
- b) स्टेप-अप ट्रांसफार्मर
- c) आइसोलेशन ट्रांसफार्मर
- d) दोनों
- उत्तर: b) स्टेप-अप ट्रांसफार्मर
-
यदि ट्रांसफार्मर में प्राथमिक कोइल में 1000 टर्न्स और द्वितीयक कोइल में 500 टर्न्स हैं, तो परिवर्तन अनुपात क्या होगा?
- a) 1:2
- b) 2:1
- c) 1:1
- d) 2:3
- उत्तर: b) 2:1
महत्वपूर्ण अभ्यास प्रश्न:
-
ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत समझाएं और ईएमएफ समीकरण व्युत्पन्न करें।
- उत्तर: ट्रांसफार्मर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर काम करता है। जब प्राथमिक कोइल में एक वैकल्पिक धारा बहती है, तो यह चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है, जो द्वितीयक कोइल में प्रेरित वोल्टेज उत्पन्न करती है। ईएमएफ समीकरण दिया गया है: , जहां प्राथमिक कोइल के टर्न्स की संख्या, आवृत्ति और अधिकतम चुम्बकीय फ्लक्स है।
-
ट्रांसफार्मर के निर्माण को समझाएं और प्रत्येक भाग का कार्य बताएं।
- उत्तर: ट्रांसफार्मर में कोर, प्राथमिक कोइल, द्वितीयक कोइल, इन्सुलेशन और टैंक होते हैं। कोर चुम्बकीय फ्लक्स के लिए मार्ग प्रदान करता है। प्राथमिक कोइल एसी आपूर्ति से जुड़ा होता है, और द्वितीयक कोइल परिवर्तित वोल्टेज प्रदान करता है। इन्सुलेशन कोइल को अलग करता है, और टैंक तेल के माध्यम से कूलिंग और इन्सुलेशन प्रदान करता है।
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परिवर्तन अनुपात का सूत्र व्युत्पन्न करें और इसकी महत्ता समझाएं।
- उत्तर: परिवर्तन अनुपात दिया जाता है। यह प्राथमिक और द्वितीयक कोइल में वोल्टेज और धारा के अनुपात को दर्शाता है। एक स्टेप-अप ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बढ़ाता है, जबकि एक स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर वोल्टेज को घटाता है।
-
स्टेप-अप और स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर के बीच अंतर बताएं उदाहरण सहित।
- उत्तर: स्टेप-अप ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बढ़ाता है, जबकि स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर वोल्टेज को घटाता है। उदाहरण के लिए, पावर ट्रांसमिशन में स्टेप-अप ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है, और घरेलू उपकरणों में स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है।
-
ट्रांसफार्मर के कोर का कार्य क्या है और यह क्यों laminated स्टील से बना होता है?
- उत्तर: कोर चुम्बकीय फ्लक्स के लिए मार्ग प्रदान करता है। इसे laminated स्टील से बनाया जाता है ताकि एडी धाराओं को कम किया जा सके, जो अन्यथा गर्मी के रूप में ऊर्जा की हानि का कारण बनती। lamination चुम्बकीय फ्लक्स को कुशलतापूर्वक मार्गदर्शन करने में मदद करती है।
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