Unit-II: Refrigeration Systems notes in hindi

 

1. वाष्प संपीड़न रेफ्रिजरेशन चक्र (Vapour Compression Refrigeration Cycle - VCRS)

वाष्प संपीड़न रेफ्रिजरेशन चक्र सबसे अधिक प्रयोग होने वाली प्रणाली है, जो घरेलू और औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग की जाती है। यह संपीड़न, संघनन, विस्तार और वाष्पीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से शीतलन प्रदान करता है।

वाष्प संपीड़न रेफ्रिजरेशन चक्र का कार्य (Working of VCRS)

इस चक्र में चार प्रमुख घटक होते हैं:

  1. कंप्रेसर (Compressor)

    • रेफ्रिजरेंट का दबाव और तापमान बढ़ाता है

    • कम-दबाव वाली वाष्प को उच्च-दबाव और उच्च-तापमान वाष्प में बदलता है

  2. कंडेंसर (Condenser)

    • गर्मी को परिवेश में छोड़कर, उच्च-दबाव वाली वाष्प को उच्च-दबाव द्रव में बदलता है

    • यह वायु-शीतलित (Air-cooled) या जल-शीतलित (Water-cooled) हो सकता है।

  3. विस्तारण वाल्व (Expansion Valve या थ्रॉटल वाल्व)

    • रेफ्रिजरेंट का दबाव और तापमान घटाता है

    • उच्च-दबाव द्रव को निम्न-दबाव तरल-वाष्प मिश्रण में बदलता है

  4. वाष्पीकरण (Evaporator)

    • रेफ्रिजरेंट परिसर से गर्मी अवशोषित करता है, जिससे वाष्पीकरण होता है।

    • निम्न-दबाव द्रव निम्न-दबाव वाष्प में बदल जाता है और फिर यह कंप्रेसर में वापस लौटता है।


2. वाष्प संपीड़न चक्र के गणितीय समीकरण

ऊष्मागतिकी (Thermodynamics) के पहले नियम के अनुसार:

  • रेफ्रिजरेटिंग इफेक्ट (RE):

    RE=h1h4RE = h_1 - h_4

    (वाष्पीकरण में अवशोषित ऊष्मा)

  • संपीड़क कार्य (Wc):

    Wc=h2h1W_c = h_2 - h_1

    (कंप्रेसर को दी गई ऊर्जा)

  • COP (Coefficient of Performance):

    COP=Refrigerating EffectWork Input=h1h4h2h1COP = \frac{\text{Refrigerating Effect}}{\text{Work Input}} = \frac{h_1 - h_4}{h_2 - h_1}

जहाँ:

  • h1h_1 = वाष्पीकरण के बाद एन्थाल्पी

  • h2h_2 = संपीड़क के बाद एन्थाल्पी

  • h3h_3 = संघनन के बाद एन्थाल्पी

  • h4h_4 = विस्तार वाल्व के बाद एन्थाल्पी


3. वाष्प संपीड़न चक्र का विभिन्न आरेखों पर निरूपण

1. P-H (दबाव-एन्थाल्पी) आरेख

  • यह सबसे सामान्य आरेख है।

  • इसमें ऊष्मा ऊर्जा (enthalpy) की गणना आसानी से की जाती है।

  • मुख्य प्रक्रियाएँ:
    1 → 2: संपीड़न (दबाव और एन्थाल्पी बढ़ता है)
    2 → 3: संघनन (दबाव स्थिर रहता है, एन्थाल्पी घटता है)
    3 → 4: विस्तार (दबाव और एन्थाल्पी घटता है)
    4 → 1: वाष्पीकरण (दबाव स्थिर रहता है, एन्थाल्पी बढ़ता है)

2. T-S (तापमान-एन्ट्रॉपी) आरेख

  • इसका उपयोग एन्ट्रॉपी विश्लेषण के लिए किया जाता है।

  • यह रेफ्रिजरेंट के चरण परिवर्तन (Phase Change) को दर्शाता है।

3. P-V (दबाव-आयतन) आरेख

  • इसमें दबाव और आयतन परिवर्तन दिखाए जाते हैं।


4. वाष्प संपीड़न चक्र के प्रकार

1. सरल वाष्प संपीड़न चक्र (Simple Vapour Compression Cycle)

  • घरेलू रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में उपयोग किया जाता है।

2. बहु-स्तरीय वाष्प संपीड़न चक्र (Multi-Stage Vapour Compression Cycle)

  • बड़े औद्योगिक उपयोगों के लिए अधिक दक्ष प्रणाली

  • एक से अधिक कंप्रेसर का उपयोग किया जाता है।

3. कैस्केड वाष्प संपीड़न चक्र (Cascade Vapour Compression Cycle)

  • बहुत कम तापमान प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।

  • इसमें दो या अधिक रेफ्रिजरेशन चक्र अलग-अलग तापमान स्तरों पर कार्य करते हैं।


5. वाष्प संपीड़न चक्र के लाभ और हानि

लाभ:

  • उच्च COP (दक्षता)

  • छोटा और प्रभावी डिजाइन

  • व्यापक तापमान सीमा पर कार्य करता है।

हानि:

  • कंप्रेसर के कारण अधिक ऊर्जा खपत

  • नियमित रखरखाव आवश्यक

  • हानिकारक रेफ्रिजरेंट (CFC, HFC) पर्यावरण के लिए खतरनाक


6. वाष्प अवशोषण रेफ्रिजरेशन प्रणाली (Basic Introduction)

इस प्रणाली में संपीड़क (Compressor) की जगह ऊष्मा स्रोत का उपयोग किया जाता है।

कार्य करने का सिद्धांत

  1. इसमें एक अवशोषक और रेफ्रिजरेंट जोड़ी होती है (जैसे पानी-अमोनिया या लिथियम ब्रोमाइड-पानी)।

  2. ऊष्मा प्रदान करने पर रेफ्रिजरेंट अवशोषक से अलग होता है

  3. यह वाष्पीकरण द्वारा ऊष्मा अवशोषित करता है और शीतलन प्रदान करता है।

  4. फिर यह वापस अवशोषक में मिल जाता है और चक्र दोहराया जाता है।


7. वाष्प संपीड़न बनाम वाष्प अवशोषण प्रणाली

विशेषतावाष्प संपीड़न प्रणालीवाष्प अवशोषण प्रणाली
ऊर्जा स्रोतबिजली (संपीड़क)ऊष्मा ऊर्जा (गैस, सौर ऊर्जा)
गतिशील भागकंप्रेसर (चलने वाले भाग)कोई गतिशील भाग नहीं (शांत कार्य)
दक्षता (COP)अधिककम
रखरखावअधिककम
उपयोगघरेलू रेफ्रिजरेटर, ACऔद्योगिक शीतलन, गैस रेफ्रिजरेटर
पर्यावरण प्रभावहानिकारक रेफ्रिजरेंटपर्यावरण अनुकूल

8. वाष्प संपीड़न चक्र पर सरल संख्यात्मक समस्याएँ

उदाहरण समस्या

एक रेफ्रिजरेशन प्रणाली में निम्नलिखित मान दिए गए हैं:

  • h1=180h_1 = 180 kJ/kg

  • h2=210h_2 = 210 kJ/kg

  • h3=100h_3 = 100 kJ/kg

  • h4=100h_4 = 100 kJ/kg

गणना करें:

  1. रेफ्रिजरेटिंग इफेक्ट

  2. कार्य इनपुट

  3. COP

समाधान

  1. रेफ्रिजरेटिंग इफेक्ट (RE)

    RE=h1h4=180100=80 kJ/kgRE = h_1 - h_4 = 180 - 100 = 80 \text{ kJ/kg}
  2. कार्य इनपुट (Wc)

    Wc=h2h1=210180=30 kJ/kgW_c = h_2 - h_1 = 210 - 180 = 30 \text{ kJ/kg}
  3. COP

    COP=8030=2.67COP = \frac{80}{30} = 2.67

इस प्रणाली का COP = 2.67 है।

Post a Comment

0 Comments