IoT Notes in Hindi, Rajasthan Polytechnic 5th Sem Iot Chapter 3 notes in hindi

 हैलो दोस्तों, स्वागत है आप सभी का Rajasthan Polytechnic BTER ब्लॉग पर । आज आपको इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से Rajasthan Polytechnic 5th Sem के IoT किताब के अध्याय 3 के notes हिन्दी में उपलब्ध करवाने की  कोशिश कि है । आशा है आपकी इन Notes  से आने वाले exams में मदद होगी । 

अध्याय 3: Arduino प्रोग्रामिंग और सेंसर/एक्टुएटर्स का एकीकरण

3.1 Arduino प्रोग्रामिंग का परिचय (Introduction to Arduino Programming)

Arduino क्या है? Arduino एक ओपन-सोर्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्लेटफार्म है, जो हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर का संयोजन है। यह विशेष रूप से प्रोटोटाइप बनाने और छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉनिक प्रोजेक्ट्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। Arduino बोर्ड में एक माइक्रोकंट्रोलर होता है, जिसे विभिन्न प्रकार के सेंसर, एक्टुएटर्स और अन्य डिवाइसों के साथ जोड़ा जा सकता है।

Arduino के मुख्य घटक:

  1. Arduino बोर्ड:

    • यह हार्डवेयर का मुख्य हिस्सा है, जिसमें माइक्रोकंट्रोलर होता है। कुछ लोकप्रिय Arduino बोर्डों में Arduino Uno, Arduino Nano, और Arduino Mega शामिल हैं।
  2. Arduino IDE (Integrated Development Environment):

    • यह सॉफ़्टवेयर है, जिसमें प्रोग्रामिंग और कोडिंग की जाती है। इसे Windows, Mac, और Linux पर उपयोग किया जा सकता है।
  3. लाइब्रेरी (Library):

    • Arduino में कई प्री-बिल्ट लाइब्रेरी होती हैं, जो सेंसर और एक्टुएटर्स के साथ काम करने की सुविधाएँ प्रदान करती हैं।

Arduino प्रोग्रामिंग का मूलभूत सिद्धांत: Arduino प्रोग्रामिंग मुख्य रूप से C/C++ पर आधारित होती है। इसे समझने के लिए निम्नलिखित तत्वों का ज्ञान आवश्यक है:

  1. स्केच (Sketch):

    • Arduino प्रोग्राम को स्केच कहा जाता है। स्केच में दो मुख्य फंक्शन होते हैं:
      • setup(): यह फंक्शन प्रोग्राम की शुरूआत में एक बार चलता है, जहाँ आप डिवाइस को इनिशियलाइज़ करते हैं।
      • loop(): यह फंक्शन बार-बार चलता है और मुख्य कार्य को करता है।
  2. पिन मोड (Pin Mode):

    • Arduino के पिन को इनपुट या आउटपुट के रूप में सेट किया जाता है, जैसे:
      "CPP"
      pinMode(pinNumber, INPUT); pinMode(pinNumber, OUTPUT);
  3. रीड और राइट (Read and Write):

    • इनपुट से डेटा पढ़ने के लिए digitalRead(pinNumber) और आउटपुट में डेटा भेजने के लिए digitalWrite(pinNumber, value) का उपयोग किया जाता है।

Arduino प्रोग्रामिंग का उदाहरण:

"CPP"
void setup() { pinMode(13, OUTPUT); // पिन 13 को आउटपुट मोड में सेट करें } void loop() { digitalWrite(13, HIGH); // पिन 13 पर HIGH सिग्नल भेजें delay(1000); // 1 सेकंड रुकें digitalWrite(13, LOW); // पिन 13 पर LOW सिग्नल भेजें delay(1000); // 1 सेकंड रुकें }

यह प्रोग्राम पिन 13 पर एक LED को हर एक सेकंड में ऑन और ऑफ करता है।


3.2 सेंसर/एक्टुएटर्स का Arduino से एकीकरण (Integration of Sensors/Actuators to Arduino)

सेंसर और एक्टुएटर्स का परिचय:

  • सेंसर: ये डिवाइस होते हैं जो भौतिक संकेतों (जैसे तापमान, प्रकाश, गति आदि) को मापते हैं और उसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में परिवर्तित करते हैं।
  • एक्टुएटर्स: ये डिवाइस होते हैं जो इलेक्ट्रिकल सिग्नल को भौतिक क्रिया (जैसे मोटर चलाना, लाइट ऑन/off करना) में परिवर्तित करते हैं।

Arduino के साथ सेंसर का एकीकरण:

  1. सेंसर का चयन: सबसे पहले, यह निर्धारित करें कि आप किस प्रकार का सेंसर उपयोग करेंगे, जैसे:

    • तापमान सेंसर (Temperature Sensor): जैसे LM35 या DHT11
    • लाइट सेंसर (Light Sensor): जैसे LDR (Light Dependent Resistor)
  2. कनेक्शन करना:

    • सेंसर के पिन को Arduino के पिन से जोड़ें। उदाहरण के लिए, DHT11 सेंसर के लिए:
      • VCC पिन को 5V से,
      • GND पिन को GND से,
      • DATA पिन को एक डिजिटल पिन (जैसे D2) से जोड़ें।
  3. कोड लिखना:

    • सेंसर से डेटा पढ़ने के लिए आवश्यक लाइब्रेरी इंपोर्ट करें और कोड लिखें।
    • उदाहरण के लिए, DHT11 के लिए कोड:
    "CPP"
    #include <DHT.h> #define DHTPIN 2 // डेटा पिन को D2 से जोड़ें #define DHTTYPE DHT11 // DHT 11 DHT dht(DHTPIN, DHTTYPE); void setup() { Serial.begin(9600); dht.begin(); } void loop() { delay(2000); float h = dht.readHumidity(); float t = dht.readTemperature(); Serial.print("Humidity: "); Serial.print(h); Serial.print(" %\t"); Serial.print("Temperature: "); Serial.print(t); Serial.println(" *C"); }

Arduino के साथ एक्ट्यूटर्स का एकीकरण:

  1. एक्ट्यूटर का चयन: मोटर, रिले, या LED जैसे विभिन्न एक्ट्यूटर्स का चयन करें।
  2. कनेक्शन करना:
    • मोटर या रिले को Arduino के पिन से जोड़ें। उदाहरण के लिए, मोटर को एक PWM पिन (जैसे D9) से जोड़ें।
  3. कोड लिखना:
    • एक्ट्यूटर को संचालित करने के लिए कोड लिखें। उदाहरण के लिए, मोटर को संचालित करने के लिए:
    "CPP"
    int motorPin = 9; void setup() { pinMode(motorPin, OUTPUT); } void loop() { digitalWrite(motorPin, HIGH); // मोटर चालू करें delay(1000); // 1 सेकंड चालू रखें digitalWrite(motorPin, LOW); // मोटर बंद करें delay(1000); // 1 सेकंड बंद रखें }

निष्कर्ष: Arduino प्रोग्रामिंग और सेंसर/एक्ट्यूटर्स का एकीकरण IoT परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इससे हम अपने प्रोजेक्ट्स को वास्तविकता में बदल सकते हैं और विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए स्वचालन को लागू कर सकते हैं। Arduino का उपयोग करना आसान है और यह कई अनुप्रयोगों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे स्मार्ट होम, औद्योगिक ऑटोमेशन, और बहुत कुछ।

यह Notes Rajasthan Polytechnic के Syllabus के अनुसार है । 

अगर आपको और किसी विषय के Notes चाहिए हो तो Comment में लिख कर बताए । 

धन्यवाद 

गरिमा कंवर 

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