3. Construction of Road Pavements, Transportation Engineering, CE 4006 (Same as CC 4006)

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Written by Garima Kanwar | Blog: Rajasthan Polytechnic


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Subject: Transportation Engineering, CE 4006 (Same as CC 4006)

Branch: Civil Engineering 🏗️
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3. सड़क निर्माण (Pavements) 🛣️

सड़क का पक्कापन (Pavement) वह परत है जो वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए चिकनी सतह प्रदान करती है। इसे विभिन्न सामग्रियों जैसे बिटुमिन, सीमेंट और एग्रीगेट (पत्थर) से बनाया जाता है। सड़क निर्माण में विभिन्न प्रकार की सड़कें होती हैं, जिनका निर्माण अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।


3.1 सड़क निर्माण सामग्री और उनके परीक्षण (Types of Road Materials and their Tests)

सड़क निर्माण सामग्री में एग्रीगेट (पत्थर, बालू, बजरी), बिटुमिन (सड़क पर चिपकाने वाला पदार्थ), और सीमेंट शामिल हैं। इन सामग्रियों का परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि वे उच्च गुणवत्ता की हों और वाहन के भार और मौसम के बदलाव का सामना कर सकें।


3.1.1 एग्रीगेट (Aggregates) पर परीक्षण

एग्रीगेट (पत्थर, बालू, बजरी) सड़क निर्माण के लिए मुख्य सामग्री हैं। हमें इनका परीक्षण करना होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये मजबूत और टिकाऊ हैं।


3.1.1.1 फ्लैकनेस और इलॉन्गेशन इंडेक्स परीक्षण (Flakiness and Elongation Index Tests) 🧪

ये परीक्षण एग्रीगेट्स (पत्थरों) के आकार को मापते हैं:

  • फ्लैकनेस इंडेक्स: यह मापता है कि पत्थर कितना पतला और सपाट है। सपाट पत्थर जल्दी टूट सकते हैं।
  • इलॉन्गेशन इंडेक्स: यह मापता है कि पत्थर कितना लंबा और खींचा हुआ है। लंबे पत्थर सड़क में कमजोर जगह बना सकते हैं।

उदाहरण:

  • फ्लैक वाला पत्थर = कम ताकत 💔
  • कोणीय पत्थर = मजबूत सड़क 🏋️

3.1.1.2 एंगुलैरिटी नंबर टेस्ट (Angularity Number Test) 🔶

यह परीक्षण यह मापता है कि एग्रीगेट (पत्थर) कितना कोणीय (तेज किनारा) है। जितना अधिक कोणीय पत्थर होगा, उतना बेहतर होगा क्योंकि यह एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह से जुड़ेंगे।

उदाहरण:

  • तेज किनारे वाले पत्थर ➡️ बेहतर स्थिरता 🛠️
  • गोल आकार वाले पत्थर ➡️ कम स्थिरता ⚠️

3.1.2 बिटुमिन (Bitumen) पर परीक्षण

बिटुमिन एक चिपचिपा पदार्थ है, जो फ्लेक्सिबल (लचीली) सड़कों में एग्रीगेट्स को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हमें बिटुमिन का परीक्षण करना होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह अलग-अलग तापमान और ट्रैफिक लोड्स के तहत अच्छा काम करेगा।


3.1.2.1 पेनेट्रेशन टेस्ट (Penetration Test) 🧪

पेनेट्रेशन परीक्षण से यह मापा जाता है कि बिटुमिन कितना सॉफ्ट या हार्ड है। इस परीक्षण में एक सुई का उपयोग किया जाता है, जो बिटुमिन में एक निश्चित तापमान पर प्रवेश करती है। उच्च पेनेट्रेशन का मतलब है कि बिटुमिन सॉफ्ट है।

  • उच्च पेनेट्रेशन = सॉफ्ट बिटुमिन 🧴 (ठंडे क्षेत्रों के लिए अच्छा)
  • कम पेनेट्रेशन = कठोर बिटुमिन ❄️ (गर्म क्षेत्रों के लिए अच्छा)

3.1.2.2 डक्टिलिटी टेस्ट (Ductility Test) 🌟

डक्टिलिटी परीक्षण से यह मापा जाता है कि बिटुमिन कितना लचीला है। उच्च डक्टिलिटी का मतलब है कि बिटुमिन खिंचने पर टूटता नहीं है, जो उन सड़कों के लिए महत्वपूर्ण है जो तापमान के बदलाव से प्रभावित होती हैं।

उदाहरण:

  • तापमान में भिन्नता वाले क्षेत्रों के लिए अच्छा 🌞❄️

3.1.2.3 फ्लैश और फायर प्वाइंट टेस्ट (Flash and Fire Point Test) 🔥

यह परीक्षण यह निर्धारित करता है कि बिटुमिन में आग लगने का तापमान कितना है:

  • फ्लैश प्वाइंट: वह तापमान जब बिटुमिन के वाष्प जलने लगते हैं।
  • फायर प्वाइंट: वह तापमान जब बिटुमिन जलकर आग पकड़ता है।

3.1.2.4 सॉफ़्टनिंग प्वाइंट टेस्ट (Softening Point Test) 🌡️

यह परीक्षण यह मापता है कि बिटुमिन किस तापमान पर सॉफ्ट हो जाता है। उच्च सॉफ़्टनिंग प्वाइंट का मतलब है कि बिटुमिन गर्मी में बेहतर काम करेगा।


3.2 पवमेंट (Pavement) 🛤️

पवमेंट वह संरचना है जो सड़क के लिए बनाई जाती है और इसमें विभिन्न परतें होती हैं जो ट्रैफिक को सहन करने और टिकाऊ बनाने में मदद करती हैं। पवमेंट के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:

  • फ्लेक्सिबल पवमेंट्स (Flexible Pavements): ये पवमेंट्स ट्रैफिक के भार के तहत झुकती हैं, जैसे बिटुमिन सड़कों में।
  • रिजिड पवमेंट्स (Rigid Pavements): ये पवमेंट्स झुकती नहीं हैं, जैसे सीमेंट कंक्रीट सड़कों में।

3.2.1 परिभाषा (Definition)

पवमेंट वह परत या परतों का समूह होता है जो सड़क पर डाली जाती है, ताकि सड़क की सतह प्रदान की जा सके।


3.2.2 पवमेंट के प्रकार (Types of Pavements)

  1. फ्लेक्सिबल पवमेंट (Flexible Pavement):

    • बिटुमिन और एग्रीगेट्स से बना।
    • लोड के तहत झुकता है।
    • शहरी सड़कों और राजमार्गों में सामान्य।
  2. रिजिड पवमेंट (Rigid Pavement):

    • सीमेंट कंक्रीट से बना।
    • लोड के तहत झुकता नहीं है।
    • उन क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है जहाँ भारी ट्रैफिक और लोड होते हैं।

3.2.3 पवमेंट के संरचनात्मक घटक और उनके कार्य (Structural Components of Pavement and their Functions)

एक सामान्य पवमेंट में कई परतें होती हैं, जिनका प्रत्येक का अलग कार्य होता है:

  1. सबग्रेड (Subgrade - Foundation) 🌍: पवमेंट के नीचे की प्राकृतिक मिट्टी, जो मजबूत और संकुचित होनी चाहिए।
  2. सब-बेस (Sub-base) 🏗️: एक परत जो स्थिरता प्रदान करती है और पानी को बेस तक पहुँचने से रोकती है।
  3. बेस (Base) 🧱: कच्चे एग्रीगेट्स की परत, जो पवमेंट को मजबूती प्रदान करती है।
  4. सतह परत (Surface Course) 🌟: सबसे ऊपर की परत, आमतौर पर बिटुमिन या कंक्रीट, जो वाहन के लिए चिकनी और टिकाऊ सतह प्रदान करती है।

3.3 WBM सड़क का निर्माण (Construction of WBM Road) 🚜

WBM सड़कें कुचले हुए पत्थर और पानी से बनाई जाती हैं। ये सड़कों में सस्ती होती हैं, लेकिन बिटुमिनस सड़कों की तुलना में कम टिकाऊ होती हैं।

निर्माण के चरण:

  1. कुचला हुआ पत्थर फैलाना: सड़क की सतह पर कुचला हुआ पत्थर डाला जाता है।
  2. पानी डालना: पत्थरों को जोड़ने के लिए पानी डाला जाता है।
  3. संकुचन: रोलर का उपयोग करके पत्थरों को एक ठोस सतह में संकुचित किया जाता है।

लाभ: सस्ता निर्माण 💸
नुकसान: बिटुमिनस सड़कों की तुलना में कम टिकाऊ और चिकनी 😕


3.4 WBM और WMM सड़क के लाभ और नुकसान (Merits and Demerits of WBM & WMM Roads)

WBM सड़क:

  • लाभ:
    • सस्ता 🏷️
    • आसान निर्माण 🚜
  • नुकसान:
    • कम टिकाऊ 🔧
    • गीली परिस्थितियों में खराब हो सकती है 🌧️

WMM सड़क:

  • लाभ:
    • ज्यादा टिकाऊ 💪
    • बेहतर लोड वितरण 🚛
  • नुकसान:
    • महंगा 💰
    • कुशल श्रमिकों की आवश्यकता 👷‍♂️

3.5 फ्लेक्सिबल पवमेंट / बिटुमिनस सड़क का निर्माण (Construction of Flexible Pavement / Bituminous Road) 🛣️

बिटुमिनस सड़कें लचीली होती हैं और ट्रैफिक और मौसम की स्थितियों के अनुसार समायोजित होती हैं।

निर्माण के चरण:

  1. सबग्रेड तैयार करें: इसे स्तरित और संकुचित करें।
  2. सब-बेस परत डालें: समर्थन के लिए कुचला हुआ पत्थर।
  3. बेस परत: बिटुमिन और एग्रीगेट्स को मिला कर इस परत को मजबूत किया जाता है।
  4. सतह परत: बिटुमिन और एग्रीगेट्स की परत जो सड़क की सबसे ऊपर की सतह बनाती है।

3.6 बिटुमिन के प्रकार और गुण (Types of Bitumen and Its Properties) 🛢️

बिटुमिन फ्लेक्सिबल पवमेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रकार के बिटुमिन का उपयोग जलवायु और उद्देश्य के अनुसार किया जाता है।

  1. एमल्शन: पानी के साथ मिला हुआ बिटुमिन; पैचवर्क मरम्मत के लिए।
  2. कटबैक: सॉल्वेंट्स के साथ मिला हुआ बिटुमिन; त्वरित सेटिंग सड़कों के लिए।
  3. टार: कोयला से बने पदार्थ, अब कम आम हैं लेकिन कुछ सड़कों में अभी भी उपयोग किए जाते हैं।

3.7 बिटुमिनस सड़कों में प्रयुक्त शब्द (Terms Used in Bituminous Roads) 📝

3.7.1 प्राइम कोट (Prime Coat) 🛠️

यह एक पतली परत है जो बेस परत पर बिटुमिन डालने के लिए होती है ताकि अगले परतों के बीच चिपकाव बढ़ सके।

3.7.2 टैक कोट (Tack Coat) 🧰

यह एक पतली परत होती है जो एसेल्ट की परतों के बीच डाली जाती है ताकि वे आपस में अच्छी तरह से चिपक जाएं।

3.7.3 सील कोट (Seal Coat) 🌟

यह सबसे ऊपर की परत होती है, जो सड़क की सतह को सील करती है ताकि पानी का प्रवेश न हो सके और सड़क की आयु बढ़ सके।


3.8 बिटुमिनस सड़कों के लाभ और नुकसान (Merits and Demerits of Bituminous Roads) 🚗

लाभ:

  • चिकनी सतह 🌟
  • लचीला 💪
  • अच्छी टिकाऊ

नुकसान:

  • कभी-कभी जल्दी खराब होती है 💔
  • महंगा 💰

3.9 कंक्रीट सड़क (Cement Concrete Road) 🏢

कंक्रीट सड़कें अधिक टिकाऊ होती हैं लेकिन ये महंगी होती हैं।

3.9.1 निर्माण विधियाँ (Methods of Construction) 🏗️

  1. ऑल्टरनेट बे विधि (Alternate Bay Method): कंक्रीट को अलग-अलग खंडों में डाला जाता है और उन्हें अलग-अलग समय पर कंक्रीट किया जाता है।
  2. कंटीन्युअस बे विधि (Continuous Bay Method): कंक्रीट को एक बार में डाला जाता है, जिससे निर्माण तेज होता है।

3.9.2 ऑल्टरनेट और कंटीन्युअस बे विधि (Alternate and Continuous Bay Method) 🧱

  • ऑल्टरनेट बे विधि: यह विधि क्रैकिंग को नियंत्रित करने में मदद करती है और छोटे खंडों में बेहतर काम करती है।
  • कंटीन्युअस बे विधि: तेज निर्माण के लिए है, लेकिन अगर ध्यान न दिया जाए तो क्रैक हो सकते हैं।

3.9.3 निर्माण जॉइंट्स (Construction Joints) 🔩

यह जॉइंट्स कंक्रीट सड़कों में जोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं ताकि कंक्रीट के विस्तार और संकुचन को नियंत्रित किया जा सके।


3.9.4 फिलर और सीलर (Filler and Sealers) 🛡️

फिलर जॉइंट्स के बीच के अंतर को भरने के लिए होता है और सीलर सड़क को पानी और अन्य क्षति से बचाने के लिए होता है।


3.9.5 कंक्रीट सड़कों के लाभ और नुकसान (Merits and Demerits of Concrete Roads) 🏆

लाभ:

  • बहुत टिकाऊ 💪
  • भारी ट्रैफिक के लिए अच्छा 🚚

नुकसान:

  • महंगे होते हैं 💰
  • नियमित रख-रखाव की आवश्यकता होती है 🛠️

3.9.6 जॉइंट्स के प्रकार (Types of Joints) 🏗️

  1. निर्माण जॉइंट्स: यह जॉइंट्स उन खंडों के बीच होते हैं जिन्हें अलग-अलग दिनों में डाला जाता है।
  2. विस्तार जॉइंट्स (Expansion Joints): यह कंक्रीट को गर्मी के कारण फैलने का अवसर प्रदान करते हैं।
  3. संकोचन जॉइंट्स (Contraction Joints): यह कंक्रीट को सिकुड़ने का अवसर देते हैं ताकि क्रैक न हो।

चित्र (Diagrams) 🖼️

पवमेंट संरचना (Pavement Structure) 🌍

-------------------------------------- | सतह परत (Surface Course) 🌟 | -------------------------------------- | बेस परत (Base) 🧱 | -------------------------------------- | सब-बेस (Sub-base) 🏗️ | -------------------------------------- | सबग्रेड (Foundation) 🌍 | --------------------------------------

बिटुमिनस सड़क परतें (Bituminous Road Layers) 🛣️

-------------------------------------- | सतह परत (Surface Coat) 🌟 | -------------------------------------- | सील कोट (Seal Coat) 🌈 | -------------------------------------- | टैक कोट (Tack Coat) 🧰 | -------------------------------------- | प्राइम कोट (Prime Coat) 🛠️ | -------------------------------------- | बेस और सब-बेस (Base and Sub-base) 🏗️ | -------------------------------------- | सबग्रेड (Subgrade) 🌍 | --------------------------------------

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