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5. सर्किट पैरामीटर माप, CRO और अन्य मीटर
5.1 प्रतिरोध मापना
5.1.1 निम्न प्रतिरोध: केल्विन डबल ब्रिज
उद्देश्य: केल्विन डबल ब्रिज का उपयोग बहुत कम प्रतिरोधों को मापने के लिए किया जाता है। यह कनेक्शन और संपर्क प्रतिरोध के प्रभाव को समाप्त करता है, जो निम्न प्रतिरोधों को मापने में त्रुटि उत्पन्न कर सकते हैं।
कार्यप्रणाली:
- ब्रिज में चार आर्म होते हैं: दो अज्ञात प्रतिरोध के लिए और दो मानक प्रतिरोधों के लिए।
- केल्विन ब्रिज में दो सेट कनेक्शन होते हैं: एक धारा आपूर्ति के लिए और एक वोल्टेज मापने के लिए।
- बाहरी आर्म के माध्यम से धारा प्रवाहित की जाती है, और आंतरिक आर्म से वोल्टेज मापा जाता है, जिससे लीड प्रतिरोध का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
लाभ:
- यह बहुत कम प्रतिरोध (मिलिओहम रेंज में) को मापने के लिए उच्च सटीकता प्रदान करता है।
- कनेक्शन और संपर्क प्रतिरोध के प्रभाव को समाप्त करता है।
5.1.2 मध्य प्रतिरोध: वोल्टमीटर और एम मीटर विधि
उद्देश्य: यह विधि मध्य रेंज (कई ओहम से कई किलो ओहम तक) के प्रतिरोधों को मापने के लिए उपयोग की जाती है।
कार्यप्रणाली:
- इस विधि में, एक ज्ञात धारा को प्रतिरोध के माध्यम से प्रवाहित किया जाता है और वोल्टमीटर से उस प्रतिरोध पर वोल्टेज मापा जाता है।
- ओम के नियम का पालन करते हुए प्रतिरोध की गणना की जाती है: जहां प्रतिरोध के ऊपर वोल्टेज है और प्रतिरोध से होकर प्रवाहित होने वाली धारा है।
लाभ:
- यह विधि सरल और उपयोग में आसान है।
- यह विभिन्न प्रतिरोध रेंज के लिए उपयुक्त है, बशर्ते कि धारा स्रोत स्थिर और सटीक हो।
5.1.3 उच्च प्रतिरोध: मेग्गर और ओम मीटर (सीरीज और शंट)
उद्देश्य: यह विधि उच्च प्रतिरोधों (मेगाहोम रेंज में) को मापने के लिए उपयोग की जाती है।
मेग्गर:
- मेग्गर (इन्सुलेशन रेजिस्टेंस टेस्टर) का उपयोग उच्च इन्सुलेशन प्रतिरोध मापने के लिए किया जाता है, जैसे कि तार, मोटर, ट्रांसफॉर्मर आदि।
- यह उच्च वोल्टेज (आमतौर पर 500V से 5000V के बीच) लागू करता है और इन्सुलेशन के प्रतिरोध को मापता है।
ओम मीटर (सीरीज और शंट):
- सीरीज प्रकार: इस सेटअप में अज्ञात प्रतिरोध को एक ज्ञात प्रतिरोध के साथ सीरीज में रखा जाता है और ओम मीटर से कुल प्रतिरोध मापा जाता है। यह मध्यम प्रतिरोध रेंज के लिए उपयुक्त है।
- शंट प्रकार: इस सेटअप में ज्ञात प्रतिरोध अज्ञात प्रतिरोध के साथ समानांतर में रखा जाता है। इस प्रकार का उपयोग तब किया जाता है जब उच्च प्रतिरोध मापने होते हैं।
लाभ:
- मेग्गर विशेष रूप से इन्सुलेशन परीक्षण के लिए उपयोगी है।
- ओम मीटर विधि उच्च प्रतिरोधों को मापने के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन इसे सटीकता से मापने के लिए सही सावधानियां अपनानी होती हैं।
5.2 इंडक्टेंस मापना एंडरसन ब्रिज द्वारा (किसी व्युत्पत्ति और फेजर डायग्राम के बिना)
उद्देश्य: एंडरसन ब्रिज का उपयोग इंडक्टर (L) के इंडक्टेंस को मापने के लिए किया जाता है।
कार्यप्रणाली:
- एंडरसन ब्रिज एक AC ब्रिज है जो इंडक्टेंस को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें अज्ञात इंडक्टर, मानक रेसिस्टर्स, और कैपेसिटर्स होते हैं। ब्रिज को संतुलित करके, अज्ञात इंडक्टेंस का मूल्य निर्धारित किया जा सकता है।
- संतुलन की स्थिति में, इंडक्टेंस का मूल्य सटीक रूप से प्राप्त किया जाता है।
लाभ:
- इंडक्टेंस के माप में सटीकता प्रदान करता है।
- जटिल रिएक्टेंस के होते हुए भी यह सटीक परिणाम देता है।
5.3 कैपेसिटेंस मापना शेरिंग ब्रिज द्वारा (किसी व्युत्पत्ति और फेजर डायग्राम के बिना)
उद्देश्य: शेरिंग ब्रिज का उपयोग कैपेसिटेंस और कैपेसिटर के लोज़ फैक्टर को मापने के लिए किया जाता है।
कार्यप्रणाली:
- शेरिंग ब्रिज अन्य AC ब्रिजों की तरह काम करता है, लेकिन यह विशेष रूप से कैपेसिटिव रिएक्टेंस को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें एक मानक कैपेसिटर, अज्ञात कैपेसिटर और कुछ मानक रेसिस्टर्स और कैपेसिटर्स होते हैं। ब्रिज को संतुलित करके अज्ञात कैपेसिटेंस का मूल्य प्राप्त किया जा सकता है।
- यह कैपेसिटर के लोज़ फैक्टर (गंभीरता) को भी माप सकता है, जो कैपेसिटर के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए महत्वपूर्ण है।
लाभ:
- उच्च सटीकता के साथ छोटे और बड़े कैपेसिटर्स को मापने के लिए उपयुक्त।
- कैपेसिटेंस और लोज़ फैक्टर दोनों को माप सकता है, जो कैपेसिटर की गुणवत्ता के बारे में जानकारी देता है।
5.4 अन्य मीटर
5.4.1 अर्थ टेस्टर
उद्देश्य: अर्थ टेस्टर का उपयोग अर्थ रेजिस्टेंस या ग्राउंडिंग सिस्टम के प्रतिरोध को मापने के लिए किया जाता है।
कार्यप्रणाली:
- यह टेस्टर पृथ्वी इलेक्ट्रोड के माध्यम से एक छोटी धारा प्रवाहित करता है और प्रतिरोध मापने के लिए वोल्टेज का अंतर मापता है।
- सामान्यत: फॉल ऑफ पोटेंशियल मेथड का उपयोग किया जाता है, जिसमें दो सहायक इलेक्ट्रोडों के बीच वोल्टेज ड्रॉप मापा जाता है।
लाभ:
- यह इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशंस में ग्राउंडिंग सिस्टम की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
5.4.2 डिजिटल मल्टीमीटर
उद्देश्य: एक डिजिटल मल्टीमीटर (DMM) का उपयोग वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध जैसे विभिन्न इलेक्ट्रिकल पैरामीटर मापने के लिए किया जाता है।
कार्यप्रणाली:
- DMM एक एनालॉग-टू-डिजिटल कन्वर्टर (ADC) का उपयोग करता है और मापी गई वैल्यू को डिजिटल डिस्प्ले पर दिखाता है।
लाभ:
- यह बहुत सटीक माप प्रदान करता है और उपयोग में सरल है।
- यह DC/AC वोल्टेज, DC करंट, और प्रतिरोध के साथ अन्य पैरामीटर माप सकता है।
5.4.3 L-C-R मीटर
उद्देश्य: एक L-C-R मीटर का उपयोग इंडक्टेंस (L), कैपेसिटेंस (C) और रेसिस्टेंस (R) को मापने के लिए किया जाता है।
कार्यप्रणाली:
- मीटर कंपोनेंट के माध्यम से AC सिग्नल को प्रवाहित करता है और उसके इम्पीडेंस को मापता है। इससे L, C, और R के मान की गणना की जाती है।
लाभ:
- यह बहुत सटीक माप प्रदान करता है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के परीक्षण में उपयोग किया जाता है।
5.4.4 फेज़ सीक्वेंस इंडिकेटर
उद्देश्य: एक फेज़ सीक्वेंस इंडिकेटर का उपयोग तीन-फेज़ सिस्टम के फेज़ सीक्वेंस (रोटेशन की दिशा) को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
कार्यप्रणाली:
- डिवाइस एक रोटेटिंग फील्ड का उपयोग करती है, जो यह बताती है कि फेज़ सीक्वेंस सही है (घड़ी की दिशा) या गलत (घड़ी के विपरीत दिशा)।
लाभ:
- यह मोटर्स और अन्य उपकरणों में सही फेज़ सीक्वेंस की पुष्टि करने के लिए आवश्यक है।
5.4.5 पावर फैक्टर मीटर (सिंगल फेज़ और तीन फेज़ डायनमोमीटर प्रकार)
उद्देश्य: एक पावर फैक्टर मीटर AC सिस्टम के पावर फैक्टर को मापता है, जो वोल्टेज और करंट के बीच फेज़ अंतर को दर्शाता है।
सिंगल फेज़ पावर फैक्टर मीटर:
- यह डायनमोमीटर प्रकार के मेकेनिज़्म का उपयोग करता है, जिसमें पावर फैक्टर को सिंगल फेज़ सिस्टम में वोल्टेज और करंट के बीच फेज़ अंतर से निर्धारित किया जाता है।
तीन फेज़ पावर फैक्टर मीटर:
- यह सिंगल फेज़ पावर फैक्टर मीटर की तरह काम करता है, लेकिन इसे तीन फेज़ सिस्टम के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह तीन-वाटमीटर विधि का उपयोग कर सकता है।
लाभ:
- यह AC सिस्टम की दक्षता की निगरानी करने के लिए उपयोगी है और पावर फैक्टर सुधार के लिए आवश्यक है।
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