Subject - Project Management (62001)
Branch - Common for all Branches (CS,CE,ME,EE)
Semester - 6th Semester
5. परियोजना प्रशासन (Project Administration) 📊🛠️
परियोजना प्रशासन में परियोजना के सभी पहलुओं की देखरेख करना शामिल होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजना समय पर, बजट के भीतर, और तय शर्तों के अनुसार पूरी हो। इसमें परियोजना की प्रगति, संसाधनों और जोखिमों को प्रबंधित करने के लिए विभिन्न तकनीकों, रणनीतियों और उपकरणों का उपयोग किया जाता है। नीचे परियोजना प्रशासन के विभिन्न विषयों पर विस्तृत नोट्स दिए गए हैं:
5.1. प्रगति भुगतान (Progress Payments) 💰📅
प्रगति भुगतान उन भुगतान को कहते हैं जो ठेकेदारों या आपूर्तिकर्ताओं को परियोजना के दौरान किए गए कार्य के लिए किया जाता है। ये भुगतान सामान्यतः कार्य के पूरा होने या मील के पत्थर की प्राप्ति के आधार पर किए जाते हैं।
- उदाहरण: निर्माण परियोजनाओं में, भुगतान तब किया जाता है जब विशेष चरणों जैसे नींव डालना, संरचना बनाना, या छत बनाना पूरा हो जाता है।
- महत्व: यह ठेकेदारों के लिए नकदी प्रवाह बनाए रखने में मदद करता है, जिससे काम में कोई रुकावट नहीं आती है।
5.2. व्यय योजना (Expenditure Planning) 💵📝
व्यय योजना एक परियोजना के लागतों का पूर्वानुमान और प्रबंधन करने की प्रक्रिया है। इसमें विभिन्न परियोजना चरणों के लिए लागतों का अनुमान लगाना और यह सुनिश्चित करना कि धन का सही तरीके से आवंटन किया जाए।
- चरण:
- लागत का अनुमान: संसाधनों, श्रम, और सामग्रियों की लागत का अनुमान लगाना।
- बजट आवंटन: विभिन्न परियोजना गतिविधियों के लिए विशिष्ट राशि का आवंटन करना।
- निगरानी: नियमित रूप से खर्चों की तुलना योजना से करना।
- उदाहरण: एक निर्माण परियोजना में लागतों में कच्चे माल, श्रम और मशीनरी के लिए ओवरहेड्स शामिल हो सकते हैं।
5.3. परियोजना समय-सारणी और नेटवर्क योजना (Project Scheduling and Network Planning) 📅🔗
परियोजना समय-सारणी उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें यह निर्धारित किया जाता है कि परियोजना की विभिन्न गतिविधियाँ कब और कैसे की जाएंगी, और नेटवर्क योजना में कार्यों और उनकी निर्भरताओं को नेटवर्क डायग्राम का उपयोग करके व्यवस्थित किया जाता है।
परियोजना समय-सारणी: यह निर्दिष्ट करता है कि विभिन्न गतिविधियाँ कब और कैसे पूरी होंगी।
नेटवर्क योजना: इसमें एक दृश्य प्रतिनिधित्व (नेटवर्क डायग्राम) तैयार करना शामिल है, जो कार्यों की निर्भरताओं और अनुक्रम को दर्शाता है।
उदाहरण: अगर कार्य A को पूरा करने के बाद कार्य B शुरू होना है, तो नेटवर्क डायग्राम इन दोनों के बीच निर्भरता दिखाएगा।
5.4. क्रिटिकल पाथ मेथड (Critical Path Method - CPM) का उपयोग 🛠️📈
क्रिटिकल पाथ मेथड (CPM) एक परियोजना प्रबंधन तकनीक है जिसका उपयोग सबसे लंबी निर्भरता श्रृंखला का निर्धारण करने और यह गणना करने के लिए किया जाता है कि परियोजना को समाप्त करने में न्यूनतम समय कितना लगेगा।
- मुख्य बिंदु:
- क्रिटिकल पाथ वह सबसे लंबा पथ है जो परियोजना समय-सारणी में होता है और यह परियोजना की न्यूनतम अवधि को निर्धारित करता है।
- इस पथ पर स्थित कार्यों में किसी भी देरी का मतलब पूरी परियोजना में देरी होगी।
- उदाहरण: एक निर्माण परियोजना में, क्रिटिकल पाथ में ऐसे कार्य शामिल हो सकते हैं जैसे साइट की तैयारी, संरचना का निर्माण, और छत का निर्माण, जिनमें किसी भी चरण में देरी नहीं हो सकती।
5.5. भुगतान की समय-सारणी और शारीरिक प्रगति (Schedule of Payments and Physical Progress) 💸📅
भुगतान की समय-सारणी उन भुगतानों का विवरण है जो ठेकेदारों, आपूर्तिकर्ताओं, या हितधारकों को पूरी हुई कार्य के आधार पर किए जाते हैं। शारीरिक प्रगति वास्तविक कार्य को ट्रैक करने की प्रक्रिया है जो योजना के अनुसार की गई है।
- उदाहरण: ठेकेदार को भुगतान 25%, 50%, 75%, और 100% मील के पत्थर की प्राप्ति के बाद किया जा सकता है, जो शारीरिक प्रगति के साथ मेल खाते हैं।
5.6. समय-लागत व्यापार (Time-Cost Trade-Off) ⏳💰
समय-लागत व्यापार का मतलब है परियोजना के समय और लागत के बीच संतुलन बनाना। परियोजना को तेज़ी से पूरा करने से अक्सर अतिरिक्त लागत होती है, जैसे श्रम, ओवरटाइम, या त्वरित सामग्री की आपूर्ति।
- उदाहरण: परियोजना को पूरा करने के लिए कार्यबल बढ़ाने या महंगे संसाधनों का उपयोग करने से लागत बढ़ सकती है, लेकिन इससे समग्र लागत में कमी आ सकती है क्योंकि परियोजना जल्दी पूरी हो जाएगी।
5.7. PERT (प्रोग्राम मूल्यांकन और समीक्षा तकनीक) का उपयोग 📊🔍
PERT एक परियोजना प्रबंधन तकनीक है जो परियोजना के कार्यों का विश्लेषण करने और उन्हें प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयोग की जाती है। यह उच्च अनिश्चितता वाले और जटिल समयरेखा वाले परियोजनाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
- मुख्य बिंदु:
- PERT चार्ट: एक दृश्य आरेख जो परियोजना के कार्यों और उनकी निर्भरताओं को दर्शाता है।
- यह कार्यों की अनुमानित अवधि के लिए सर्वोत्तम, सबसे खराब, और सबसे संभावित समय का अनुमान लगाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- उदाहरण: एक सॉफ़्टवेयर विकास परियोजना में, PERT प्रत्येक चरण (डिज़ाइन, कोडिंग, परीक्षण) के लिए समयसीमा का अनुमान लगाने में मदद कर सकता है, जो कार्य की अवधि में भिन्नता को ध्यान में रखते हुए।
5.8. समय के कार्य के रूप में लागत (Cost as a Function of Time) 💵⏰
परियोजना प्रबंधन में, लागत को समय के कार्य के रूप में माना जाता है, यानी जितना अधिक समय परियोजना में लगेगा, उतनी ही महंगी हो जाएगी क्योंकि संसाधनों, श्रम और उपकरणों का अधिक समय तक उपयोग किया जाएगा।
- उदाहरण: निर्माण या विनिर्माण परियोजनाओं में, परियोजना की देरी के कारण अतिरिक्त लागत होती है, जैसे श्रमिकों की अतिरिक्त मजदूरी, उपकरण किराए पर लेना, या भंडारण शुल्क।
5.9. परियोजना मूल्यांकन और समीक्षा तकनीक (PERT) 📈📊
परियोजना मूल्यांकन और समीक्षा तकनीक (PERT) एक परियोजना की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करने की प्रक्रिया है, ताकि योजनाओं से किसी भी विचलन का पता चल सके और आवश्यक समायोजन किए जा सकें। यह उपकरण परियोजना की संभाव्यता और समयसीमा का मूल्यांकन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- चरण:
- परियोजना का दायरा और समयसीमा निर्धारित करें।
- प्रत्येक कार्य की अवधि का अनुमान लगाएं।
- प्रगति की ट्रैकिंग और समीक्षा करें।
- उदाहरण: एक निर्माण परियोजना के लिए, PERT चार्ट का उपयोग यह निर्धारित करने में किया जा सकता है कि कोई कार्य समय से पीछे है और इसके अनुसार संसाधनों को समायोजित किया जा सकता है।
5.10. लागत तंत्र (Cost Mechanisms) 💸🔧
लागत तंत्र उन रणनीतियों को कहते हैं जिनका उपयोग परियोजना के दौरान लागत को नियंत्रित और घटाने के लिए किया जाता है। इसमें परियोजना जीवनकाल के दौरान लागत की निगरानी, नियंत्रण और कमी की रणनीतियाँ शामिल हैं।
- उदाहरण:
- निगरानी: नियमित रूप से खर्चों की ट्रैकिंग।
- नियंत्रण: लागत में अधिकता का पता लगाना और सुधारात्मक कदम उठाना।
- कमी: सामग्रियों का विकल्प बदलना या कार्यकुशलता में सुधार करके लागत को कम करना।
5.11. न्यूनतम लागत अवधि का निर्धारण (Determination of Least Cost Duration) ⏳💰
यह अवधारणा परियोजना को पूरा करने के लिए सबसे लागत-प्रभावी अवधि का निर्धारण करने में मदद करती है। समय और लागत के बीच संबंध का विश्लेषण करके, परियोजना प्रबंधक यह निर्धारित करते हैं कि कौन सी अवधि न्यूनतम लागत पर परियोजना को पूरा करने के लिए उपयुक्त है।
- उदाहरण: कार्यबल बढ़ाकर या तेजी से सामग्री का उपयोग करके समय को कम किया जा सकता है, लेकिन इससे प्रारंभिक लागत बढ़ सकती है, लेकिन इससे परियोजना के दौरान लंबी अवधि के लिए अतिरिक्त ओवरहेड लागत में कमी आ सकती है।
5.12. पोस्ट-परियोजना मूल्यांकन (Post-Project Evaluation) 📅🔍
पोस्ट-परियोजना मूल्यांकन परियोजना के परिणामों की समीक्षा करने की प्रक्रिया है ताकि इसकी सफलता, सीखी गई पाठों, और सुधार के क्षेत्रों का आकलन किया जा सके। यह भविष्य की परियोजना योजना और निष्पादन में सुधार करने में मदद करता है।
मुख्य कदम:
- प्रदर्शन की समीक्षा करें: वास्तविक परिणामों की तुलना प्रारंभिक लक्ष्यों से करें।
- विचलन का विश्लेषण करें: किसी भी विचलन और उनके कारणों की जांच करें।
- निष्कर्षों का दस्तावेजीकरण करें: भविष्य के संदर्भ के लिए सीखी गई पाठों को रिकॉर्ड करें।
उदाहरण: एक निर्माण परियोजना के पूरा होने के बाद, एक समीक्षा बैठक आयोजित की जा सकती है ताकि यह मूल्यांकन किया जा सके कि क्या परियोजना समय पर, बजट के भीतर और विनिर्देशों के अनुसार पूरी हुई।
5.13. विभिन्न परियोजना प्रबंधन सॉफ़्टवेयर का परिचय 💻📱
परियोजना प्रबंधन सॉफ़्टवेयर परियोजना की योजना, निष्पादन और निगरानी के लिए आवश्यक है। यह कार्यों की समय-सारणी, संसाधनों का प्रबंधन, प्रगति की ट्रैकिंग, और टीम के बीच सहयोग में मदद करता है।
- प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर उदाहरण:
- Microsoft Project: परियोजना की समय-सारणी, संसाधन आवंटन और प्रगति ट्रैकिंग के लिए एक व्यापक उपकरण।
- Trello: कार्यों और परियोजनाओं को व्यवस्थित करने के लिए सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल उपकरण।
- Asana: कार्य प्रबंधन उपकरण जो टीमों को कार्य प्रगति और समयसीमा पर ट्रैक करने में मदद करता है।
- JIRA: विशेष रूप से सॉफ़्टवेयर विकास में उपयोग किया जाता है, यह एगाइल परियोजना प्रबंधन में सहायक है।
- Primavera: बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाता है ताकि जटिल परियोजनाओं की योजना बनाई जा सके और निगरानी की जा सके।
सारांश 📑
परियोजना प्रशासन यह सुनिश्चित करता है कि परियोजनाएँ शुरू से अंत तक सुचारू रूप से चलें। परियोजना प्रशासन के मुख्य पहलुओं में शामिल हैं:
- प्रगति भुगतान और व्यय योजना के माध्यम से नकदी प्रवाह बनाए रखना।
- क्रिटिकल पाथ मेथड (CPM) और PERT का उपयोग परियोजना समय-सारणी और अनिश्चितताओं के प्रबंधन के लिए करना।
- समय-लागत व्यापार को समझना ताकि परियोजना के समय और बजट के बीच संतुलन बना रहे।
- शारीरिक प्रगति की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना कि परियोजना ट्रैक पर है।
- परियोजना प्रबंधन उपकरण और तकनीकों का उपयोग करके यह सुनिश्चित करना कि परियोजना प्रभावी रूप से पूरी हो, न्यूनतम देरी और लागत अधिक होने के बिना।
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