UNIT 1: INTRODUCTION TO DBMS notes in hindi

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Subject - Introduction to DBMS CS 4002(Same as CI/IT 4002)
Branch - Computer Science Engineering
Semester - 4th Semester

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UNIT 1: DBMS का परिचय

यह अध्याय डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (DBMS) का परिचय देता है और निम्नलिखित विषयों को कवर करता है:


1.1. DBMS का परिचय 🗃️

डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (DBMS) एक सॉफ़्टवेयर है जो डेटाबेस को प्रबंधित करता है। यह उपयोगकर्ताओं और डेटाबेस के बीच एक इंटरफेस प्रदान करता है। सरल शब्दों में कहें तो, DBMS डेटा को संग्रहीत, संशोधित और प्राप्त करने में मदद करता है।

मुख्य बिंदु:

  • डेटाबेस डेटा को संरचित तरीके से स्टोर करता है।
  • DBMS सुरक्षा प्रदान करता है, उपयोगकर्ता की पहुंच को नियंत्रित करता है, और डेटा की अखंडता सुनिश्चित करता है।
  • DBMS के उदाहरण: MySQL, Oracle, PostgreSQL, SQL Server, MongoDB।

DBMS क्यों?

  • यह डेटा को आसानी से उपलब्ध बनाता है।
  • बड़े पैमाने पर डेटा को स्टोर करने का एक तरीका प्रदान करता है।
  • जटिल क्वेरीज़ को संभालता है, जिससे तेज़ और सटीक परिणाम मिलते हैं।

1.2. DBMS के घटक 🧩

DBMS में कई महत्वपूर्ण घटक होते हैं जो मिलकर डेटाबेस का प्रबंधन करते हैं:

  1. डेटाबेस इंजन 🏭: यह मूल सेवा है जो डेटा स्टोर, पुनः प्राप्त और हेरफेर करने का काम करती है।
  2. डेटाबेस स्कीमा 🗂️: यह डेटा की संरचना को परिभाषित करता है (जैसे टेबल, कॉलम आदि)। यह डेटाबेस का ब्लूप्रिंट है।
  3. क्वेरी प्रोसेसर 🖥️: यह उपयोगकर्ताओं द्वारा दी गई क्वेरीज़ को इंटरप्रेट और एक्सिक्यूट करता है।
  4. लेन-देन प्रबंधन 🔄: यह सुनिश्चित करता है कि ऑपरेशंस सही तरीके से निष्पादित हों, और डेटा की संगति बनी रहे।
  5. स्टोरेज मैनेजर 🏢: यह डेटा के भौतिक स्टोर को प्रबंधित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि डेटा को कुशलतापूर्वक पुनः प्राप्त किया जाए।

चित्र:

+---------------------+ | उपयोगकर्ता इंटरफेस | +---------------------+ | +---------------------+ +---------------------+ | क्वेरी प्रोसेसर | ----> | स्टोरेज मैनेजर | +---------------------+ +---------------------+ | | +---------------------+ +---------------------+ | डेटाबेस इंजन | <--> | लेन-देन प्रबंधक | +---------------------+ +---------------------+

1.3. DBMS के लाभ 🌟

DBMS पारंपरिक फ़ाइल-आधारित प्रणालियों की तुलना में कई लाभ प्रदान करता है:

  1. डेटा पुनरावृत्ति नियंत्रण 🔄: यह डेटा की डुप्लीकेशन को कम करता है। डेटा का एक ही संस्करण स्टोर किया जाता है और एक्सेस किया जाता है।
  2. डेटा अखंडता ✅: यह सुनिश्चित करता है कि डेटा सही और संगत हो।
  3. डेटा सुरक्षा 🔒: केवल अधिकृत उपयोगकर्ता ही डेटा तक पहुंच सकते हैं।
  4. बैकअप और रिकवरी 🛡️: अगर सिस्टम क्रैश हो जाता है, तो DBMS बैकअप से डेटा को पुनः प्राप्त कर सकता है।
  5. एकाधिक उपयोगकर्ता पहुँच 👥: कई उपयोगकर्ता एक साथ डेटा तक पहुँच सकते हैं और इसे संशोधित कर सकते हैं।
  6. डेटा स्वतंत्रता 📂: डेटाबेस की संरचना को बदलने से ऐप्लिकेशन पर कोई असर नहीं पड़ता।

1.4. डेटाबेस सिस्टम बनाम फ़ाइल सिस्टम 💾

डेटाबेस सिस्टम और फ़ाइल सिस्टम दोनों डेटा स्टोर करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनमें महत्वपूर्ण अंतर होते हैं:

विशेषताडेटाबेस सिस्टम (DBMS)फ़ाइल सिस्टम
डेटा प्रबंधनसंरचित, टेबल्स, इंडेक्स आदि का उपयोग करता हैफ्लैट, कोई जटिल संरचना नहीं
डेटा पुनरावृत्तिपुनरावृत्ति को कम करता है, डेटा संगत रहता हैउच्च पुनरावृत्ति, डेटा डुप्लीकेट होता है
संवेदनशीलताएकाधिक उपयोगकर्ताओं और लेन-देन का समर्थन करता हैएकाधिक उपयोगकर्ताओं के लिए सीमित समर्थन
सुरक्षाउच्च, एन्क्रिप्शन और पहुँच नियंत्रण के साथबुनियादी, उन्नत सुरक्षा की कमी
बैकअप/रिकवरीस्वचालित, डेटा को आसानी से पुनः प्राप्त किया जा सकता हैमैन्युअल हस्तक्षेप की आवश्यकता है
स्केलेबिलिटीउच्च, बड़े पैमाने पर डेटा को संभाल सकता हैबड़े डेटा के लिए सीमित स्केलेबिलिटी

उदाहरण: सोचिए कि एक फ़ाइल सिस्टम एक फ़ाइल कैबिनेट की तरह है जहाँ फ़ाइलें फोल्डरों में स्टोर की जाती हैं, और एक डेटाबेस सिस्टम एक व्यवस्थित पुस्तकालय की तरह है जहाँ किताबें विशिष्ट नियमों के साथ श्रेणियों में संगठित की जाती हैं।


1.5. डेटाबेस सिस्टम के सिद्धांत और वास्तुकला 🏛️

एक डेटाबेस सिस्टम को 3 स्तर की वास्तुकला में संरचित किया गया है:

  1. आंतरिक स्तर (भौतिक स्तर) 🔒: यह बताता है कि डेटा भौतिक रूप से डिस्क पर कैसे स्टोर होता है।
  2. संकल्पनात्मक स्तर (तार्किक स्तर) 🧠: यह बताता है कि डेटा क्या स्टोर किया गया है और उनके बीच के रिश्ते क्या हैं।
  3. बाह्य स्तर (दृश्य स्तर) 👀: यह बताता है कि उपयोगकर्ता डेटा के साथ कैसे इंटरएक्ट करते हैं (उनके लिए कौन सा डेटा दृश्य है)।

चित्र:

+----------------------------+ | बाह्य स्तर | | (उपयोगकर्ता दृश्य, एप्लिकेशन) | +----------------------------+ | +----------------------------+ | संकल्पनात्मक स्तर | | (तार्किक स्कीमा, रिश्ते) | +----------------------------+ | +----------------------------+ | आंतरिक स्तर | | (भौतिक स्टोर विवरण) | +----------------------------+

1.6. DBMS का अनुप्रयोग वास्तुकला 🖥️🏗️

DBMS में डेटा प्रोसेसिंग के लिए विभिन्न परतें होती हैं:

  1. क्लाइंट-सरवर आर्किटेक्चर: एक क्लाइंट डेटाबेस से डेटा अनुरोध करता है, और सरवर डेटाबेस ऑपरेशंस को हैंडल करता है और परिणाम लौटाता है।
  2. तीन-परत आर्किटेक्चर: इसमें 3 परतें होती हैं:
    • प्रस्तुति परत: उपयोगकर्ता इंटरफेस (क्लाइंट)।
    • एप्लिकेशन परत: व्यवसाय लॉजिक और प्रोसेसिंग।
    • डेटा परत: DBMS जहाँ वास्तविक डेटा स्टोर होता है।

चित्र:

+----------------------------+ | प्रस्तुति परत | | (उपयोगकर्ता इंटरफेस) | +----------------------------+ | +----------------------------+ | एप्लिकेशन परत | | (व्यवसाय लॉजिक) | +----------------------------+ | +----------------------------+ | डेटा परत | | (DBMS, डेटा संग्रहण) | +----------------------------+

1.7. समग्र डेटाबेस संरचना 🏗️

एक डेटाबेस में कई घटक होते हैं जैसे टेबल, पंक्तियाँ, कॉलम, और कुंजी। मुख्य घटक निम्नलिखित हैं:

  1. टेबल 📝: डेटा टेबल्स में स्टोर होता है, जो स्प्रेडशीट्स (पंक्तियाँ और कॉलम) जैसा होता है।
  2. पंक्ति (ट्यूपल) ➡️: टेबल में एक रिकॉर्ड।
  3. कॉलम (गुण) 📊: टेबल में एक डेटा क्षेत्र।
  4. प्राइमरी की 🔑: टेबल में प्रत्येक पंक्ति के लिए एक अद्वितीय पहचानकर्ता।
  5. फॉरेन की 🔗: एक टेबल में एक क्षेत्र जो दूसरे टेबल की प्राइमरी की से जुड़ा होता है।

चित्र:

+----------------------------------+ | कर्मचारी टेबल | +----------------------------------+ | Emp_ID (PK) | नाम | विभाग | +----------------------------------+ | 101 | जॉन | एचआर | | 102 | ऐलिस | फाइनेंस | | 103 | बॉब | आईटी | +----------------------------------+

निष्कर्ष 🌐

  • DBMS बड़े पैमाने पर डेटा को प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • यह डेटा को संग्रहीत करने, पुनः प्राप्त करने और सुरक्षा प्रदान करने के कुशल तरीके प्रदान करता है।
  • DBMS की वास्तुकला यह सुनिश्चित करती है कि उपयोगकर्ता डेटा के साथ एक संगठित तरीके से इंटरएक्ट कर सकते हैं, जिससे त्रुटियाँ कम होती हैं और उत्पादकता बढ़ती है।

DBMS के साथ, आप डेटा की अखंडता, सुरक्षा, और स्केलेबिलिटी सुनिश्चित कर सकते हैं, जबकि एकाधिक उपयोगकर्ताओं का समर्थन कर सकते हैं और जटिल क्वेरीज़ को संभाल सकते हैं।

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