UNIT 2: Entity-Relationship Model (ER Model) का उपयोग करते हुए डेटा मॉडलिंग

Hello Everyone, Welcome to Rajasthan Polytechnic Blogs.

Subject - Introduction to DBMS CS 4002(Same as CI/IT 4002)
Branch - Computer Science Engineering
Semester - 4th Semester

📍⚡ Important 
▶ Video PDF - Update Soon
👉 WhatsApp Group - Join Now
👉 Telegram Channel - Join Now
📄 Notes in Hindi - Click Here
📄 Notes in English - Click Here
🔥 4th Semester All Subjects Notes - Click Here

Please take a moment to share your Review in Comment Section.

UNIT 2: Entity-Relationship Model (ER Model) का उपयोग करते हुए डेटा मॉडलिंग

यह अध्याय डेटा मॉडलिंग के सिद्धांत को कवर करता है और Entity-Relationship (ER) Model को पेश करता है, जिसे डेटाबेस की संरचना को दृश्यमान रूप में प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया जाता है।


2.1. Entity-Relationship (ER) Model का उपयोग करके डेटा मॉडलिंग 🧑‍💻

डेटा मॉडलिंग एक प्रक्रिया है, जिसमें डेटाबेस की संरचना का दृश्य रूप में प्रतिनिधित्व किया जाता है। यह एक डेटाबेस को डिज़ाइन करने में मदद करता है, जो डेटा को कुशलतापूर्वक स्टोर करने और विभिन्न कार्यों जैसे पुनः प्राप्ति, अपडेट और डिलीट करने का समर्थन करता है।

Entity-Relationship (ER) Model डेटाबेस डिज़ाइन के लिए एक लोकप्रिय टूल है। यह Entities, Attributes, और Relationships का उपयोग करके डेटा और इसके आपसी संबंधों को प्रदर्शित करता है।

मुख्य अवधारणाएँ:

  • Entity: एक Entity एक वास्तविक दुनिया की वस्तु या अवधारणा है जिसके बारे में डेटा स्टोर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, Student, Employee, या Product को Entities माना जा सकता है।
  • Attribute: Attribute एक Entity का गुण या विशेषता है। उदाहरण के लिए, एक Student के पास Name, ID, और Age जैसे Attributes हो सकते हैं।
  • Relationship: Relationship दो या दो से अधिक Entities के बीच के इंटरएक्शन को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, एक Student Course में "Enrols" करता है।

उदाहरण:

  • Entity: Student
  • Attributes: Student_ID, Name, Date_of_Birth
  • Relationship: Student “enrolls in” Course

2.2. ER डायग्राम की संकेतन ✏️

ER डायग्राम एक ग्राफिकल प्रतिनिधित्व है, जिसमें डेटाबेस में Entities, Attributes, और Relationships को प्रदर्शित किया जाता है। ER डायग्राम में उपयोग किए जाने वाले संकेतन निम्नलिखित हैं:

  1. आयत (Entity): Entity सेट का प्रतिनिधित्व करता है।

    • उदाहरण: Student के नाम का एक आयत Student entity सेट का प्रतिनिधित्व करता है।
  2. दीवारे (Attributes): Entity के Attributes का प्रतिनिधित्व करती हैं।

    • उदाहरण: Name का एक दीवार Student आयत से जुड़ा हुआ, छात्र का नाम दर्शाता है।
  3. हीरा (Relationship): दो या दो से अधिक Entities के बीच Relationship को दर्शाता है।

    • उदाहरण: एक हीरा Enrolls नामक Relationship को दर्शाता है जो Student और Course के बीच है।
  4. रेखा (Entities और Relationships को जोड़ने वाली): Entities और Relationships को जोड़ने के लिए रेखाएँ उपयोग की जाती हैं, यह दर्शाता है कि उनके बीच संबंध है।

  5. डबल दीवार (Multi-valued Attribute): ऐसे Attributes को दर्शाता है जिनकी एक से अधिक मान हो सकती हैं।

    • उदाहरण: Phone Numbers का डबल दीवार Student से जुड़ा हुआ, यह दर्शाता है कि एक छात्र के पास एक से अधिक फोन नंबर हो सकते हैं।
  6. कुंजी Attribute (डबल आयत): वह Attribute जो किसी Entity की विशिष्ट पहचान को दर्शाता है।

    • उदाहरण: Student_ID का डबल आयत दर्शाता है कि यह Student Entity का प्राथमिक कुंजी है।

ER डायग्राम का उदाहरण:

+-------------------+ +---------------+ | Student | | Course | |-------------------| |---------------| | Student_ID (PK) |--------------| Course_Code | | Name | | Course_Name | | Date_of_Birth | +---------------+ +-------------------+ | | Enrolls | +-------------+ | Enrollment | +-------------+

2.3. मैपिंग प्रतिबंध (Mapping Constraints) 🔄

मैपिंग प्रतिबंध वे नियम हैं जो यह परिभाषित करते हैं कि एक Entity के कितने उदाहरण दूसरे Entity के उदाहरणों के साथ जुड़ सकते हैं।

मुख्य प्रकार के मैपिंग प्रतिबंध निम्नलिखित हैं:

  1. One-to-One (1:1): Entity A का प्रत्येक उदाहरण Entity B के एक ही उदाहरण से जुड़ा हो सकता है, और इसके विपरीत।

    • उदाहरण: एक Student का एक Student_ID होता है।
  2. One-to-Many (1:N): Entity A का एक उदाहरण कई उदाहरणों के साथ जुड़ा हो सकता है, लेकिन Entity B का प्रत्येक उदाहरण केवल एक Entity A के उदाहरण से जुड़ा हो सकता है।

    • उदाहरण: एक Department में कई Employees हो सकते हैं, लेकिन प्रत्येक Employee केवल एक Department में काम करता है।
  3. Many-to-Many (M:N): दोनों Entities के उदाहरण एक दूसरे के कई उदाहरणों से जुड़े हो सकते हैं।

    • उदाहरण: एक Student कई Courses में दाखिला ले सकता है, और प्रत्येक Course में कई Students हो सकते हैं।

डायग्राम उदाहरण:

  • One-to-One:

    +------------+ +------------+ | Student | | Student_ID | +------------+ +------------+
  • One-to-Many:

    +-------------+ +--------------+ | Department |<------->| Employee | +-------------+ +--------------+
  • Many-to-Many:

    +------------+ +------------+ +-------------+ | Student |<----->| Enrollment |<----->| Course | +------------+ +------------+ +-------------+

2.4. कुंजी (Keys) 🔑

कुंजी वह Attribute या Attributes का समूह होता है जो किसी Entity या Relationship को विशिष्ट रूप से पहचानने में मदद करता है। कुंजी डेटाबेस की अखंडता और पुनः प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण होती है।

  1. Primary Key (PK): एक Attribute या Attributes का समूह जो एक रिकॉर्ड को यूनिक रूप से पहचानता है। किसी टेबल में दो पंक्तियाँ एक जैसे Primary Key नहीं रख सकतीं।

    • उदाहरण: Student_ID Student Entity का Primary Key होता है।
  2. Foreign Key (FK): एक Attribute जो एक टेबल में दूसरे टेबल के Primary Key से जुड़ा होता है, और दोनों के बीच संबंध स्थापित करता है।

    • उदाहरण: Department_ID Employee Entity में एक Foreign Key हो सकता है, जो Department Entity के Department_ID से जुड़ा होता है।
  3. Candidate Key: एक Attribute या Attributes का समूह जो एक रिकॉर्ड को यूनिक रूप से पहचान सकता है, लेकिन Primary Key के रूप में चुना नहीं गया है। एक Entity में कई Candidate Keys हो सकते हैं।

    • उदाहरण: Email और Student_ID दोनों ही Student Entity के Candidate Keys हो सकते हैं।
  4. Composite Key: एक Primary Key जो दो या दो से अधिक Attributes का समूह होता है।

    • उदाहरण: Course Enrollment टेबल में Student_ID और Course_Code का संयोजन एक Composite Key हो सकता है।
  5. Unique Key: एक Attribute या Attributes का समूह जो एक रिकॉर्ड को यूनिक रूप से पहचानता है, लेकिन Primary Key के विपरीत इसमें Null मान स्वीकार किए जा सकते हैं।

    • उदाहरण: Email Address Student Entity में एक Unique Key हो सकता है।

2.5. Enhanced Entity-Relationship (EER) Model 🌟

Enhanced Entity-Relationship (EER) Model ER मॉडल का एक विस्तार है, जिसमें जटिल डेटाबेस डिज़ाइन को संभालने के लिए अतिरिक्त अवधारणाएँ जोड़ी गई हैं।

EER मॉडल में कुछ प्रमुख विस्तार निम्नलिखित हैं:

  1. Generalization: एक उच्च-स्तरीय Entity सेट की पहचान करना जो निम्न-स्तरीय Entity सेट्स को शामिल करता है।

    • उदाहरण: Person एक Student या Employee हो सकता है, और हम इन दोनों को Person Entity में सामान्यीकृत कर सकते हैं।
  2. Specialization: एक Entity सेट को उसकी कुछ विशेषताओं के आधार पर उप-सेट्स में विभाजित करना।

    • उदाहरण: एक Vehicle Entity को Car, Truck, और Motorcycle में विशेषीकृत किया जा सकता है।
  3. Aggregation: एक अमूर्तता जो तब उपयोग की जाती है जब हमें Relationships के बीच Relationships को मॉडल करना हो।

    • उदाहरण: अगर एक Teacher कई Courses पढ़ाता है, और एक Course में कई Students हैं, तो हम Teaching Relationship को एकत्रित कर सकते हैं।
  4. Participation Constraints: ये यह निर्धारित करते हैं कि क्या सभी या कुछ Entities Relationship में भाग ले सकती हैं।

    • Total Participation: प्रत्येक Entity का उदाहरण Relationship में भाग लेना अनिवार्य है।
    • Partial Participation: कुछ Entities का उदाहरण Relationship में भाग नहीं ले सकता है।

निष्कर्ष 🌐

  • ER Model डेटाबेस डिज़ाइन के लिए एक शक्तिशाली टूल है, जो डेटा संरचना और उसके रिश्तों को दृश्यमान रूप में प्रस्तुत करता है।
  • EER एक उन्नत संस्करण है जो जटिल Relationships जैसे Generalization, Specialization, और Aggregation को संभालने में मदद करता है।

ER और EER मॉडल को समझना और लागू करना प्रभावी डेटाबेस डिज़ाइन और प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।

Post a Comment

0 Comments