UNIT 4: I/O सिस्टम और स्टोरेज प्रबंधन

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Subject - Operating Systems CS 4001(Same as CB/IT 4001)
Branch - Computer Science Engineering
Semester - 4th Semester

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UNIT 4: I/O सिस्टम और स्टोरेज प्रबंधन

इस यूनिट में I/O सिस्टम, मास स्टोरेज संरचना, डिस्क शेड्यूलिंग एल्गोरिदम, स्वैप स्पेस प्रबंधन और RAID (रेडंडेंट एरे ऑफ इंडिपेंडेंट डिस्क) जैसे प्रमुख विषयों को कवर किया जाएगा। इन अवधारणाओं को समझना, डेटा के स्टोरेज डिवाइस से CPU तक और CPU से डेटा के ट्रांसफर को समझने में मदद करता है, साथ ही डिस्क का कुशल उपयोग और डेटा अखंडता सुनिश्चित करता है।


4.1 I/O सिस्टम 🖥️

I/O सिस्टम उन प्रक्रियाओं का समूह है, जो कंप्यूटर सिस्टम के CPU और बाहरी उपकरणों (जैसे, कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, स्टोरेज डिवाइस) के बीच डेटा ट्रांसफर को प्रबंधित करती है। I/O सिस्टम डेटा ट्रांसफर, डिवाइस प्रबंधन और यह सुनिश्चित करता है कि इनपुट/आउटपुट ऑपरेशंस कुशलतापूर्वक किए जाएं।

I/O सिस्टम के प्रमुख घटक:

  1. I/O उपकरण: ये वे हार्डवेयर घटक होते हैं जैसे कि डिस्क ड्राइव, कीबोर्ड, डिस्प्ले और प्रिंटर।
  2. डिवाइस कंट्रोलर: ये विशेष हार्डवेयर होते हैं जो CPU और I/O उपकरणों के बीच संचार को प्रबंधित करते हैं।
  3. डिवाइस ड्राइवर्स: सॉफ़्टवेयर जो डिवाइस कंट्रोलर और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच इंटरफेस के रूप में कार्य करते हैं।
  4. बफरिंग: डेटा को अस्थायी रूप से स्टोर करना, जब वह डिवाइस और CPU के बीच ट्रांसफर हो रहा हो।

4.2 मास स्टोरेज संरचना 💾

मास स्टोरेज उन डिवाइसों को संदर्भित करता है, जिनका उपयोग डेटा को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए किया जाता है, जैसे कि हार्ड ड्राइव, SSDs और टेप ड्राइव। मास स्टोरेज सिस्टम सिस्टम फ़ाइलों, एप्लिकेशन डेटा और उपयोगकर्ता डेटा को स्टोर करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

4.2.1 ओवरव्यू

मास स्टोरेज सिस्टम उच्च क्षमता वाले डेटा स्टोरेज को संभालने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन प्रणालियों का उद्देश्य डेटा को सुरक्षित रूप से स्टोर करना और सिस्टम बंद होने पर भी आसानी से पुनर्प्राप्त करना है।

मास स्टोरेज की प्रमुख विशेषताएँ:

  • क्षमता: मास स्टोरेज डिवाइस में टेराबाइट से पेटाबाइट तक डेटा हो सकता है।
  • विश्वसनीयता: ये लंबी अवधि के डेटा संरक्षण को सुनिश्चित करते हैं।
  • प्रदर्शन: डेटा जल्दी से पुनः प्राप्त किया जा सकता है, हालांकि यह डिवाइस के प्रकार (HDD, SSD, टेप ड्राइव) पर निर्भर करता है।

4.2.2 डिस्क संरचना 🖴

डिस्क संरचना उस तरीके को संदर्भित करती है, जिसमें डेटा डिस्क पर शारीरिक रूप से व्यवस्थित होता है। यह डेटा को कुशलतापूर्वक स्टोर और रीड करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके प्रमुख घटक हैं:

  1. ट्रैक: डिस्क पर वृत्ताकार पथ, जहाँ डेटा स्टोर किया जाता है।
  2. सेक्टर: ट्रैक के छोटे खंड जहाँ डेटा स्टोर किया जाता है। प्रत्येक सेक्टर में सामान्यतः 512 बाइट्स डेटा होता है।
  3. सिलेंडर: ट्रैक्स का समूह जो विभिन्न प्लेटर्स (डिस्क सतहों) पर समान स्थिति में स्थित होता है।

डिस्क को ट्रैक्स और सेक्टर्स की एक श्रृंखला में व्यवस्थित किया जाता है, जो डेटा को कुशलतापूर्वक पढ़ने और लिखने की अनुमति देता है।

4.2.3 डिस्क अटैचमेंट 💻

डिस्क अटैचमेंट उस तरीके को संदर्भित करता है, जिससे डिस्क कंप्यूटर सिस्टम से जुड़ी होती है। डिस्क को जोड़ने के कई तरीके हो सकते हैं:

  1. डायरेक्ट अटैच्ड स्टोरेज (DAS): डिस्क को सीधे कंप्यूटर से जोड़ा जाता है, आमतौर पर केबल या इंटरफेस जैसे SATA, SCSI, या IDE के माध्यम से।
  2. नेटवर्क अटैच्ड स्टोरेज (NAS): एक स्टोरेज डिवाइस जिसे नेटवर्क से जोड़ा जाता है और जिसे कई सिस्टम नेटवर्क के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं।
  3. स्टोरेज एरिया नेटवर्क (SAN): एक विशेष नेटवर्क, जो उच्च प्रदर्शन स्टोरेज डिवाइसों तक पहुंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

4.3 डिस्क शेड्यूलिंग एल्गोरिदम 📅

डिस्क शेड्यूलिंग एल्गोरिदम का उपयोग डिस्क अनुरोधों की सेवा करने के क्रम को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। लक्ष्य यह है कि डिस्क हेड की गति (seek time) को कम किया जाए और अधिकतम दक्षता प्राप्त की जाए।

4.3.1 FCFS (फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व्ड)

FCFS एल्गोरिदम में डिस्क अनुरोधों को उसी क्रम में संसाधित किया जाता है, जिस क्रम में वे आए हैं। यह सरल है, लेकिन यह कार्यकुशल नहीं होता क्योंकि अनुरोधों का वितरण डिस्क पर बहुत फैला हुआ हो सकता है, जिससे लंबा seek time हो सकता है।

फायदे:

  • सरल और लागू करने में आसान।

नुकसान:

  • उच्च वेटिंग टाइम हो सकता है यदि अनुरोध डिस्क पर एक जैसे नहीं होते।

4.3.2 SSTF (शॉर्टेस्ट सीक टाइम फर्स्ट) ⏱️

SSTF एल्गोरिदम में सबसे पास के डिस्क अनुरोध को चुना जाता है। यह हमेशा सबसे छोटा seek time चुनकर उसे कम करता है।

फायदे:

  • औसत seek time को कम करता है।
  • FCFS से अधिक प्रभावी।

नुकसान:

  • स्टारवेशन हो सकता है (कुछ अनुरोध सेवा प्राप्त नहीं कर पाते यदि पास के अनुरोध लगातार आते हैं)।

4.3.3 SCAN 🔄

SCAN एल्गोरिदम में डिस्क आर्म एक दिशा में (या तो अंदर की ओर या बाहर की ओर) मूव करता है और रास्ते में आने वाले सभी अनुरोधों को पूरा करता है। जब वह एक दिशा में डिस्क के अंत तक पहुँच जाता है, तो दिशा बदलता है और दूसरे दिशा में अनुरोधों को पूरा करता है।

फायदे:

  • स्टारवेशन को कम करता है।
  • FCFS और SSTF से अधिक समान वेटिंग टाइम देता है।

नुकसान:

  • यदि अनुरोध दूसरी दिशा में होते हैं तो लंबा वेटिंग टाइम हो सकता है।

4.3.4 LOOK 🔍

LOOK एल्गोरिदम SCAN के समान है, लेकिन इसमें डिस्क आर्म तब रुकता है जब वर्तमान दिशा में कोई अनुरोध नहीं होता, बजाय इसके कि वह डिस्क के अंत तक जाए। यह SCAN से अधिक प्रभावी है क्योंकि इसमें डिस्क आर्म की अनावश्यक मूवमेंट कम होती है।

फायदे:

  • SCAN से अधिक प्रभावी।
  • डिस्क आर्म की अनावश्यक मूवमेंट को कम करता है।

नुकसान:

  • SCAN के समान लंबा वेटिंग टाइम हो सकता है।

4.4 स्वैप स्पेस प्रबंधन 🔄

स्वैप स्पेस वह डिस्क क्षेत्र है जो RAM की कमी होने पर अतिरिक्त RAM के रूप में काम करता है। जब RAM भर जाता है, तो ऑपरेटिंग सिस्टम डेटा को स्वैप स्पेस में स्वैप कर देता है, जिससे RAM में और डेटा के लिए स्थान खाली हो जाता है।

स्वैप स्पेस प्रबंधन की प्रमुख विशेषताएँ:

  • वर्चुअल मेमोरी: स्वैप स्पेस वर्चुअल मेमोरी का एक हिस्सा है, जिससे सिस्टम को अधिक डेटा संभालने की अनुमति मिलती है।
  • प्रभावशीलता: कुशल स्वैप स्पेस प्रबंधन सिस्टम की प्रदर्शन को बनाए रखने में मदद करता है।
  • पेज रिप्लेसमेंट एल्गोरिदम: ये एल्गोरिदम निर्धारित करते हैं कि स्वैप स्पेस में कौन सा डेटा स्वैप किया जाएगा।

4.5 RAID (रेडंडेंट एरे ऑफ इंडिपेंडेंट डिस्क) 💾🔐

RAID एक डेटा स्टोरेज तकनीक है जो एक से अधिक डिस्क ड्राइव को एक या अधिक लॉजिकल यूनिट्स में जोड़ती है, ताकि प्रदर्शन, विश्वसनीयता और डेटा की रेडंडेंसी को बढ़ाया जा सके।

RAID के स्तर:

  1. RAID 0: स्ट्राइपिंग – डेटा को कई डिस्कों पर वितरित किया जाता है, जिससे प्रदर्शन में वृद्धि होती है, लेकिन कोई रेडंडेंसी नहीं होती है, यानी यदि एक डिस्क फेल हो जाती है तो डेटा खो सकता है।
  2. RAID 1: मिररिंग – डेटा को दो या अधिक डिस्कों पर डुप्लिकेट किया जाता है, जिससे डेटा की सुरक्षा मिलती है, लेकिन स्टोरेज क्षमता आधी हो जाती है।
  3. RAID 5: स्ट्राइपिंग विथ पैरीटी – डेटा और पैरीटी (त्रुटि-चेकिंग) जानकारी को कई डिस्कों पर वितरित किया जाता है। यह प्रदर्शन और रेडंडेंसी दोनों प्रदान करता है। कम से कम तीन डिस्क की आवश्यकता होती है।
  4. RAID 10: RAID 1 और RAID 0 का संयोजन, जो मिररिंग और स्ट्राइपिंग दोनों प्रदान करता है, जिससे उच्च प्रदर्शन और डेटा सुरक्षा दोनों मिलती है।

RAID के फायदे:

  • बेहतर प्रदर्शन: विशेष रूप से रीड/राइट ऑपरेशन्स के लिए, क्योंकि डेटा कई डिस्कों पर वितरित होता है।
  • डेटा रेडंडेंसी: मिररिंग या पैरीटी का उपयोग करके डेटा हानि से सुरक्षा मिलती है।

RAID के नुकसान:

  • लागत: RAID लागू करने के लिए अतिरिक्त डिस्क की आवश्यकता होती है, जिससे लागत बढ़ती है।
  • जटिलता: कुछ RAID संरचनाओं को सेटअप और बनाए रखना जटिल हो सकता है।

निष्कर्ष 🎯

I/O सिस्टम और मास स्टोरेज प्रबंधन को समझना कंप्यूटर सिस्टम के प्रदर्शन, विश्वसनीयता और डेटा अखंडता को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। डिस्क शेड्यूलिंग एल्गोरिदम डिस्क अनुरोधों को संभालने में दक्षता को बढ़ाते हैं, जबकि RAID संरचनाएँ डेटा सुरक्षा और दोष सहनशीलता सुनिश्चित करती हैं। स्वैप स्पेस प्रबंधन कुशल डेटा हैंडलिंग को सक्षम बनाता है, और डिस्क संरचनाएँ डेटा को व्यवस्थित रूप से स्टोर करने में मदद करती हैं।

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