1. INTRODUCTION TO MEASUREMENTS notes in hindi

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Subject - MEASUREMENTS & METROLOGY ME 4001(Same in MA 4001)
Branch - Mechanical Engineering
Semester - 4th Semester

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1. मापन का परिचय (Introduction to Measurements)

1.1 मापन और इसका महत्व (Measurement and its Significance)

मापन किसी भौतिक मात्रा (जैसे लंबाई, द्रव्यमान, समय, तापमान आदि) को संख्यात्मक रूप से व्यक्त करने की प्रक्रिया है। यह विज्ञान, इंजीनियरिंग और दैनिक जीवन में सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। मापन के बिना, वैज्ञानिक प्रयोग, निर्माण, और गुणवत्ता नियंत्रण असंभव हो जाएगा।

1.2 मापन के मानक (Standards of Measurements: Primary & Secondary)

मापन के मानकों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:

  1. प्राथमिक मानक (Primary Standards) – ये अत्यधिक सटीक और स्थिर होते हैं तथा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं द्वारा बनाए जाते हैं। उदाहरण: इंटरनेशनल मीटर बार, किलोग्राम प्रोटोटाइप।

  2. द्वितीयक मानक (Secondary Standards) – ये प्राथमिक मानकों से तुलना करके बनाए जाते हैं और प्रयोगशालाओं या उद्योगों में उपयोग किए जाते हैं। ये कम सटीक होते हैं लेकिन व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए पर्याप्त होते हैं।


1.6 मापन उपकरणों के चयन को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing Selection of Measuring Instruments)

मापन उपकरण का चयन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:

  • मापन की सटीकता (Accuracy) – उपकरण कितना सही माप प्रदान कर सकता है।

  • संवेदनशीलता (Sensitivity) – उपकरण कितने छोटे परिवर्तन को पहचान सकता है।

  • मापन सीमा (Range) – उपकरण किस न्यूनतम और अधिकतम सीमा तक माप सकता है।

  • पर्यावरणीय स्थितियाँ (Environmental Conditions) – जैसे तापमान, आर्द्रता, और कंपन आदि।

  • लागत (Cost) – उपकरण की कीमत और रखरखाव।


1.7 मापन उपकरणों से संबंधित शब्दावली (Terms Applicable to Measuring Instruments)

(सिर्फ परिभाषाएँ)

  1. सटीकता (Accuracy): किसी उपकरण द्वारा मापा गया मान वास्तविक मान के कितना करीब है।

  2. प्रेसिजन (Precision): जब एक ही मापन को बार-बार किया जाता है, तो वे कितने निकट होते हैं।

  3. संवेदनशीलता (Sensitivity): उपकरण द्वारा मापे गए छोटे से छोटे परिवर्तन को पहचानने की क्षमता।

  4. दोहृरावृत्ति (Repeatability): एक ही उपकरण से बार-बार किए गए मापों में समानता।

  5. सीमा (Range): उपकरण द्वारा मापे जा सकने वाले न्यूनतम और अधिकतम मान।

  6. थ्रेशहोल्ड (Threshold): किसी उपकरण द्वारा मापा जाने वाला न्यूनतम परिवर्तन।

  7. हिस्टेरेसिस (Hysteresis): यदि कोई उपकरण बढ़ते और घटते हुए मानों पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देता है, तो इसे हिस्टेरेसिस कहते हैं।

  8. कैलिब्रेशन (Calibration): उपकरण की सटीकता को बनाए रखने के लिए किया जाने वाला समायोजन।


1.8 मापन में त्रुटियाँ (Errors in Measurements)

मापन में त्रुटियाँ तीन प्रकार की हो सकती हैं:

  1. प्रणालीगत त्रुटि (Systematic Error): किसी उपकरण या पद्धति में मौजूद स्थायी त्रुटियाँ।

  2. यादृच्छिक त्रुटि (Random Error): प्रयोग में अप्रत्याशित रूप से उत्पन्न होने वाली त्रुटियाँ।

  3. सकल त्रुटि (Gross Error): मापने वाले व्यक्ति द्वारा की गई गलती, जैसे गलत रीडिंग लेना।


1.9 सतह समापन मापन (Surface Finish Measurements)

सतह समापन का मापन किसी सतह की चिकनाई या खुरदरापन का आकलन करने के लिए किया जाता है। इसे निम्नलिखित विधियों से मापा जा सकता है:

  • रफनेस मीटर (Roughness Meter) – यह उपकरण सतह की ऊँचाई और गहराई को मापता है।

  • ऑप्टिकल विधियाँ (Optical Methods) – लाइट या माइक्रोस्कोप की मदद से सतह का निरीक्षण किया जाता है।

  • संपर्क विधियाँ (Contact Methods) – स्टाइलस प्रोफाइलर जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

सतह की गुणवत्ता मशीनी भागों की कार्यक्षमता और स्थायित्व को प्रभावित करती है, इसलिए इसका सही मापन महत्वपूर्ण होता है।

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1 Comments

  1. I like your Notes it's very useful THAN YOU for this

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