4. Steam Nozzles notes in Hindi

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Subject - THERMAL ENGINEERING - II ME 4003
Branch - Mechanical Engineering
Semester - 4th Semester

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स्टीम नोज़ल (Steam Nozzles)

स्टीम नोज़ल एक ऐसा उपकरण है, जिसकी क्रॉस-सेक्शन (Cross-Section) भिन्न-भिन्न होती है, जिससे होकर भाप प्रवाहित होती है और ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal Energy) को गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) में परिवर्तित करती है।

स्टीम नोज़ल का उपयोग स्टीम टरबाइन, इंजेक्टर, और अन्य स्टीम-चालित यंत्रों में किया जाता है, जहाँ उच्च वेग (High Velocity) की भाप की आवश्यकता होती है।


4.1 नोज़ल के माध्यम से भाप का प्रवाह (Flow of Steam Through Nozzle)

जब भाप एक नोज़ल में प्रवेश करती है, तो उसका दबाव घटता है, जिससे वह विस्तारित (Expand) होती है और इसकी गति (Velocity) बढ़ जाती है

भाप का प्रवाह निम्नलिखित अवस्थाओं में होता है:

  • सबसोनिक प्रवाह (Subsonic Flow) – जब भाप की गति ध्वनि की गति से कम होती है।

  • सोनिक प्रवाह (Sonic Flow) – जब भाप की गति ध्वनि की गति के बराबर होती है (गले या थ्रोट पर)।

  • सुपरसोनिक प्रवाह (Supersonic Flow) – जब भाप की गति ध्वनि की गति से अधिक हो जाती है (विस्तारित भाग में)।

नोज़ल के प्रकार (Types of Nozzles)

  1. संकुचित नोज़ल (Convergent Nozzle) – संकरी होती है; सबसोनिक प्रवाह के लिए प्रयोग होती है।

  2. विस्तारित नोज़ल (Divergent Nozzle) – चौड़ी होती है; सुपरसोनिक प्रवाह के लिए उपयोग होती है।

  3. संकुचित-विस्तारित नोज़ल (Convergent-Divergent Nozzle) – टरबाइन में प्रयुक्त होती है, जहाँ पहले भाप की गति बढ़ती है और फिर विस्तारित होकर सुपरसोनिक बनती है।


4.2 नोज़ल के निकास पर भाप की गति (Velocity at Exit Using Heat Drop & Mollier Chart)

भाप की गति नोज़ल के निकास पर ऊष्मीय ऊर्जा में कमी (Heat Drop) के आधार पर मापी जाती है।

सूत्र:

V2=2(h1h2)V_2 = \sqrt{2(h_1 - h_2)}

जहाँ:

  • V2V_2 = निकास वेग (Exit Velocity) (m/s)

  • h1h_1 = प्रवेश पर भाप की एंथैल्पी (Enthalpy at Inlet) (kJ/kg)

  • h2h_2 = निकास पर भाप की एंथैल्पी (Enthalpy at Exit) (kJ/kg)

इस ऊष्मीय अंतर (h₁ - h₂) को स्टीम टेबल या मोलियर चार्ट (h-s Diagram) से निकाला जाता है।


4.3 नोज़ल के माध्यम से भाप का प्रवाह (Discharge of Steam Through Nozzles)

m=AVρm = A \cdot V \cdot \rho

जहाँ:

  • mm = प्रवाहित भाप की दर (Mass Flow Rate) (kg/s)

  • AA = क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्रफल (Cross-Sectional Area) (m²)

  • VV = भाप का वेग (Velocity) (m/s)

  • ρ\rho = भाप का घनत्व (Density) (kg/m³)

अधिकतम प्रवाह (Maximum Discharge) तब प्राप्त होता है, जब भाप नोज़ल के गले (Throat) पर सोनिक गति (Sonic Speed) तक पहुँचती है।


4.4 क्रिटिकल प्रेशर अनुपात (Critical Pressure Ratio)

क्रिटिकल प्रेशर अनुपात (P₂/P₁) वह अनुपात है, जिस पर भाप का प्रवाह अधिकतम होता है।

(P2P1)critical=(2n+1)nn1\left(\frac{P_2}{P_1}\right)_{\text{critical}} = \left(\frac{2}{n+1}\right)^{\frac{n}{n-1}}

जहाँ,

  • nn = प्रसार गुणांक (Expansion Index) (सामान्यतः 1.3)

भाप के लिए, क्रिटिकल प्रेशर अनुपात लगभग 0.546 होता है, अर्थात गले पर दबाव, प्रवेश दबाव का 54.6% होता है।


4.5 क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्रफल की गणना (Cross-Sectional Areas for Maximum Discharge)

  1. गले का क्षेत्रफल (Throat Area, Aₜ) – जहाँ भाप की गति सोनिक (Mach 1) होती है।

  2. निकास क्षेत्रफल (Exit Area, Aₑ) – जहाँ भाप का वेग अधिकतम होता है।

At=mρtVtA_t = \frac{m}{\rho_t V_t}

जहाँ,

  • ρt\rho_t = गले पर भाप का घनत्व

  • VtV_t = गले पर भाप की गति

इसी प्रकार, निकास क्षेत्रफल निकास गति और घनत्व का उपयोग करके निकाला जाता है।


4.6 नोज़ल में घर्षण का प्रभाव (Effect of Friction in Nozzles)

  • घर्षण (Friction) भाप की गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) को कम करता है और इसे ऊष्मा में बदल देता है।

  • वास्तविक गति (Actual Velocity) सैद्धांतिक गति (Theoretical Velocity) से कम होती है

  • घर्षण से एंथैल्पी में वृद्धि होती है, जिससे ऊर्जा हानि होती है।

नोज़ल की इसेंट्रॉपिक दक्षता (Isentropic Efficiency):

η=Actual K.E. at exitTheoretical K.E. at exit\eta = \frac{\text{Actual K.E. at exit}}{\text{Theoretical K.E. at exit}}

4.7 नोज़ल में सुपरसेचुरेटेड प्रवाह (Super Saturated Flow in Nozzles)

  • जब भाप बहुत तेज़ी से विस्तारित (Expand) होती है, तो यह तरल कणों में संघनित (Condense) नहीं हो पाती, जिससे सुपरसेचुरेटेड (Super-Saturated) प्रवाह बनता है।

  • परिणाम:

    • भाप का वेग अपेक्षाकृत अधिक हो जाता है।

    • ऊष्मा में कमी (Heat Drop) कम हो जाती है।

    • नोज़ल में शॉक वेव्स (Shock Waves) उत्पन्न हो सकते हैं।


4.8 स्टीम जेट इंजेक्टर का कार्य (Working of Steam Jet Injector)

स्टीम जेट इंजेक्टर एक उपकरण है, जो उच्च वेग की भाप का उपयोग करके जल को पंप करता है

कार्य प्रणाली:

  1. उच्च दबाव की भाप एक नोज़ल से प्रवाहित होती है, जिससे एक उच्च वेग जेट बनता है।

  2. यह वेग कम दबाव उत्पन्न करता है, जिससे आसपास का जल अंदर खिंचता है।

  3. मिश्रण डिफ्यूज़र (Diffuser) में प्रवेश करता है, जहाँ गति घटती है और दबाव बढ़ता है।

  4. यह उच्च दबाव वाला जल बॉयलर में भेज दिया जाता है

उपयोग:

  • बॉयलर में जल पंप करने के लिए।


4.9 सरल गणनाएँ (Simple Numerical Problems)

उदाहरण: निकास वेग की गणना

दिया गया:

  • h1=2800 kJ/kg

  • h2=2500h_2 = 2500 kJ/kg

V2=2(h1h2)V_2 = \sqrt{2(h_1 - h_2)} V2=2×300V_2 = \sqrt{2 \times 300} V2=34.64×10=346.4 m/sV_2 = 34.64 \times 10 = 346.4 \text{ m/s}

तो, निकास वेग 346.4 m/s होगा


निष्कर्ष (Conclusion)

  • स्टीम नोज़ल ऊष्मीय ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में बदलता है

  • क्रिटिकल प्रेशर अनुपात अधिकतम प्रवाह प्राप्त करने में मदद करता है।

  • स्टीम जेट इंजेक्टर उच्च वेग की भाप का उपयोग करके जल पंप करता है।

 

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