UNIT 1: Basics of Software Quality in Hindi

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यूनिट 1: सॉफ़्टवेयर गुणवत्ता के बुनियादी सिद्धांत

यह यूनिट सॉफ़्टवेयर गुणवत्ता, सॉफ़्टवेयर परीक्षण और सॉफ़्टवेयर अनुप्रयोगों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया के बुनियादी सिद्धांतों को पेश करती है। चलिए, हर एक टॉपिक को सरल भाषा में समझते हैं और डाइग्राम के साथ उदाहरण देते हैं।


1.1 सॉफ़्टवेयर गुणवत्ता का परिचय

सॉफ़्टवेयर गुणवत्ता का मतलब है कि सॉफ़्टवेयर उत्पाद ग्राहक की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूरा करता है। इसका मतलब है कि सॉफ़्टवेयर में कोई दोष नहीं है, यह अपेक्षित तरीके से काम करता है, और सभी उपयोगकर्ता की ज़रूरतों को संतुष्ट करता है।

1.1.1 सत्यापन (Verification) और मान्यता (Validation)

  • सत्यापन (Verification): यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर निर्दिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करता है। यह इस बात की जाँच है कि क्या आप उत्पाद को सही तरीके से बना रहे हैं।

    • उदाहरण: अगर आप एक घर बना रहे हैं, तो सत्यापन यह देखता है कि घर का डिज़ाइन आर्किटेक्चरल प्लान से मेल खाता है या नहीं।
  • मान्यता (Validation): यह यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं को पूरा करता है। यह इस बात की जाँच है कि क्या आपने सही उत्पाद बनाया है।

    • उदाहरण: घर के मामले में, मान्यता यह देखती है कि घर घर मालिक की आवश्यकताओं को पूरा करता है, जैसे कि कमरे की संख्या या डिज़ाइन का उपयुक्त होना।

1.1.2 गुणवत्ता के दृष्टिकोण

सॉफ़्टवेयर गुणवत्ता पर विभिन्न दृष्टिकोण होते हैं, जो आपके दृष्टिकोण पर निर्भर करते हैं। मुख्य दृष्टिकोण हैं:

  1. उपयोगकर्ता दृष्टिकोण: यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि क्या सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूरा करता है (उपयोगिता, प्रदर्शन)।
  2. डेवलपर दृष्टिकोण: यह इस पर ध्यान केंद्रित करता है कि सॉफ़्टवेयर को कितनी अच्छी तरह से बनाया गया है, जैसे कि कोडिंग मानक, रखरखाव और प्रदर्शन।
  3. टेस्टर दृष्टिकोण: यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि सॉफ़्टवेयर में क्या दोष या बग हैं।
  4. प्रबंधकीय दृष्टिकोण: यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि सॉफ़्टवेयर समय पर, बजट में और कुल मिलाकर गुणवत्ता के साथ वितरित किया जाए।

1.2 परीक्षण शब्दावली (Testing Terminology)

यहाँ कुछ प्रमुख परीक्षण शब्द हैं:

  • बग (Bug): सॉफ़्टवेयर में एक दोष या गलती।
  • टेस्ट केस (Test Case): एक सेट शर्तें, जिसके तहत एक परीक्षक यह निर्धारित करता है कि सॉफ़्टवेयर सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं।
  • टेस्ट सूट (Test Suite): परीक्षण मामलों का संग्रह।
  • टेस्ट योजना (Test Plan): एक विस्तृत दस्तावेज़ जो परीक्षण की सीमा, दृष्टिकोण, संसाधन और समय सारणी का वर्णन करता है।
  • रिग्रेशन परीक्षण (Regression Testing): परीक्षण जो यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर में किए गए नए बदलाव पुराने कार्यों को प्रभावित नहीं करते।

1.3 सॉफ़्टवेयर परीक्षण जीवन चक्र (STLC)

सॉफ़्टवेयर परीक्षण जीवन चक्र (STLC) सॉफ़्टवेयर परीक्षण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को संदर्भित करता है। ये चरण यह सुनिश्चित करते हैं कि परीक्षण को व्यवस्थित और प्रभावी रूप से किया जाए।

STLC के चरणों का एक अवलोकन:

  1. आवश्यकता विश्लेषण (Requirement Analysis): परीक्षणकर्ता यह विश्लेषण करते हैं कि क्या परीक्षण किया जाना चाहिए।
  2. परीक्षण योजना (Test Planning): एक परीक्षण योजना बनाई जाती है, जिसमें दायरा, उद्देश्य, संसाधन और समय सारणी शामिल होती है।
  3. परीक्षण डिज़ाइन (Test Design): परीक्षण मामलों को डिज़ाइन किया जाता है, जिसमें इनपुट्स, अपेक्षित परिणाम और परीक्षण डेटा निर्दिष्ट किए जाते हैं।
  4. परीक्षण निष्पादन (Test Execution): परीक्षण किए जाते हैं, और परिणाम लॉग किए जाते हैं।
  5. दोष रिपोर्टिंग (Defect Reporting): जो भी दोष परीक्षण के दौरान पाए जाते हैं, उन्हें रिपोर्ट और ट्रैक किया जाता है।
  6. परीक्षण समापन (Test Closure): परीक्षण प्रक्रिया को समाप्त किया जाता है, और एक सारांश रिपोर्ट तैयार की जाती है।

STLC का डाइग्राम:

+-------------------+ | आवश्यकता विश्लेषण | +-------------------+ | v +-------------------+ | परीक्षण योजना | +-------------------+ | v +-------------------+ | परीक्षण डिज़ाइन | +-------------------+ | v +-------------------+ | परीक्षण निष्पादन | +-------------------+ | v +-------------------+ | दोष रिपोर्टिंग | +-------------------+ | v +-------------------+ | परीक्षण समापन | +-------------------+

1.4 "V" मॉडल का परीक्षण

"V" मॉडल एक सॉफ़्टवेयर विकास मॉडल है जो सत्यापन और मान्यता पर जोर देता है। यह सॉफ़्टवेयर विकास जीवनचक्र का प्रतिनिधित्व करता है, जहाँ प्रत्येक विकास चरण के लिए परीक्षण चरण होते हैं।

  • बाएं ओर (विकास चरण): ये चरण सॉफ़्टवेयर बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसे आवश्यकताओं का विश्लेषण, डिज़ाइन, और कोडिंग।
  • दाएं ओर (परीक्षण चरण): इन चरणों में सॉफ़्टवेयर का परीक्षण और सुविधाओं का सत्यापन किया जाता है।

"V" मॉडल का डाइग्राम:

+------------------------+ | आवश्यकताओं का |<----->| स्वीकृति परीक्षण | | विश्लेषण | | (मान्यता) | +------------------------+ +-------------------------+ | | v v +------------------------+ +-------------------------+ | सिस्टम डिज़ाइन |<----->| सिस्टम परीक्षण | | (आर्किटेक्चर) | | (सत्यापन) | +------------------------+ +-------------------------+ | | v v +------------------------+ +-------------------------+ | विस्तृत डिज़ाइन |<----->| एकीकरण परीक्षण | | (लो-लेवल डिज़ाइन) | | (सत्यापन) | +------------------------+ +-------------------------+ | | v v +------------------------+ +-------------------------+ | कोडिंग |<----->| इकाई परीक्षण | | (विकास) | | (सत्यापन) | +------------------------+ +-------------------------+
  • सत्यापन (Verification) प्रत्येक विकास चरण में होता है (बाएं ओर)।
  • मान्यता (Validation) संबंधित विकास चरण के बाद होती है (दाएं ओर)।

1.5 QA प्रक्रिया, परीक्षण की लागत, और परीक्षण के प्रकार

QA प्रक्रिया (Quality Assurance Process)

गुणवत्ता आश्वासन (QA) एक सक्रिय प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करती है कि सॉफ़्टवेयर की गुणवत्ता विकास और परीक्षण प्रक्रियाओं के निगरानी और सुधार से सुनिश्चित की जाती है। इसमें निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल हैं:

  • प्रक्रिया का मानकीकरण।
  • जोखिम प्रबंधन।
  • निरंतर सुधार।
  • ऑडिट और समीक्षा।

परीक्षण की लागत (Cost of Testing)

परीक्षण की लागत सॉफ़्टवेयर की जटिलता, आवश्यक परीक्षण प्रकार, और उपयोग किए गए परीक्षण उपकरणों के आधार पर भिन्न हो सकती है। हालांकि, यह हमेशा सस्ता होता है यदि दोषों को विकास चक्र के शुरुआती चरणों में ही ठीक किया जाए।

  • प्रारंभिक परीक्षण: लागत कम होती है, और दोषों को ठीक करना आसान होता है।
  • देरी से परीक्षण: लागत बढ़ जाती है क्योंकि दोषों को ठीक करना कठिन हो सकता है और यह सॉफ़्टवेयर के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।

लागत का ग्राफ:

| . | . | . | . | . | . |___________________________ प्रारंभिक परीक्षण देरी से परीक्षण

परीक्षण के प्रकार (Types of Tests)

  1. इकाई परीक्षण (Unit Testing): सॉफ़्टवेयर के व्यक्तिगत घटकों या मॉड्यूल का परीक्षण।

    • उदाहरण: लॉगिन फ़ंक्शन का परीक्षण यह देखने के लिए कि यह सही तरीके से काम करता है या नहीं।
  2. इंटीग्रेशन परीक्षण (Integration Testing): एकीकृत मॉड्यूल के बीच इंटरएक्शन का परीक्षण।

    • उदाहरण: लॉगिन सिस्टम का परीक्षण यह देखने के लिए कि क्या यह डेटाबेस के साथ ठीक से काम करता है।
  3. सिस्टम परीक्षण (System Testing): पूरे सिस्टम का परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह आवश्यकताओं को पूरा करता है।

    • उदाहरण: पूरी एप्लिकेशन का परीक्षण विभिन्न परिस्थितियों में यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह काम करती है।
  4. स्वीकृति परीक्षण (Acceptance Testing): यह सुनिश्चित करना कि सॉफ़्टवेयर को उपयोगकर्ता द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है।

    • उदाहरण: ग्राहक द्वारा सॉफ़्टवेयर का परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह उनकी अपेक्षाओं को पूरा करता है।
  5. रिग्रेशन परीक्षण (Regression Testing): यह सुनिश्चित करना कि नए बदलाव पुराने कार्यों को प्रभावित नहीं करते।

    • उदाहरण: एक नई विशेषता जोड़ने के बाद, एप्लिकेशन के अन्य हिस्सों का परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई पुराना कार्य ख़राब नहीं हुआ है।

सारांश:

  1. सॉफ़्टवेयर गुणवत्ता यह सुनिश्चित करती है कि उत्पाद उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूरा करता है।
  2. सत्यापन और मान्यता यह सुनिश्चित करती हैं कि सॉफ़्टवेयर सही तरीके से बनाया गया है (सत्यापन) और उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं को पूरा करता है (मान्यता)।
  3. परीक्षण शब्दावली परीक्षण के महत्वपूर्ण शब्दों जैसे बग, टेस्ट केस, और टेस्ट सूट को परिभाषित करती है।
  4. सॉफ़्टवेयर परीक्षण जीवन चक्र (STLC) परीक्षण के चरणों को कवर करता है, आवश्यकता विश्लेषण से लेकर परीक्षण समापन तक।
  5. "V" मॉडल परीक्षण और विकास चरणों के बीच कनेक्शन दिखाता है।
  6. QA प्रक्रिया प्रक्रिया सुधार पर केंद्रित होती है, जबकि परीक्षण की लागत देरी से दोषों का पता चलने पर बढ़ जाती है। विभिन्न प्रकार के परीक्षण सॉफ़्टवेयर की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।

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