UNIT 2: Writing Test Cases in hindi

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यूनिट 2: टेस्ट केस लिखना

इस यूनिट में हम टेस्ट केस लिखने, विभिन्न प्रकार के परीक्षण (फ़ंक्शनल, नॉन-फ़ंक्शनल), टेस्ट डेटा तैयार करने, और टेस्ट परिदृश्यों (test scenarios) और सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं (software requirements) के महत्व को समझेंगे। चलिए, प्रत्येक टॉपिक को विस्तार से समझते हैं।


2.1 टेस्ट केस लिखना

टेस्ट केस एक सेट शर्तें या परिस्थितियाँ होती हैं जिनके तहत एक परीक्षक यह निर्धारित करता है कि सॉफ़्टवेयर जैसा अपेक्षित है, वैसा कार्य करता है या नहीं। प्रभावी टेस्ट केस लिखना सॉफ़्टवेयर परीक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

टेस्ट केस के मुख्य घटक:

  1. टेस्ट केस आईडी: एक अद्वितीय पहचानकर्ता जो टेस्ट केस को पहचानने में मदद करता है।
    • उदाहरण: TC001
  2. टेस्ट केस का विवरण: यह संक्षेप में बताता है कि टेस्ट केस क्या परीक्षण करेगा।
    • उदाहरण: लॉगिन पेज यह सुनिश्चित करने के लिए कि वैध उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड स्वीकार करें।
  3. पूर्व शर्तें (Preconditions): वह स्थितियाँ जो टेस्ट केस निष्पादित होने से पहले सत्य होनी चाहिए।
    • उदाहरण: उपयोगकर्ता को पंजीकृत होना चाहिए।
  4. टेस्ट कदम (Test Steps): वह विस्तृत कदम जो परीक्षण के दौरान उठाए जाते हैं।
    • उदाहरण:
      1. ब्राउज़र खोलें।
      2. लॉगिन पेज पर जाएं।
      3. वैध उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करें।
      4. "लॉगिन" बटन पर क्लिक करें।
  5. अपेक्षित परिणाम (Expected Result): वह परिणाम जो टेस्ट के निष्पादन के बाद मिलने की उम्मीद होती है।
    • उदाहरण: उपयोगकर्ता को होमपेज पर लॉगिन होना चाहिए।
  6. वास्तविक परिणाम (Actual Result): वह परिणाम जो परीक्षण के दौरान प्राप्त हुआ।
    • उदाहरण: उपयोगकर्ता होमपेज पर लॉगिन हुआ (या नहीं हुआ)।
  7. पश्चात शर्तें (Postconditions): परीक्षण के बाद प्रणाली की स्थिति।
    • उदाहरण: उपयोगकर्ता लॉगिन स्थिति में रहेगा।
  8. स्थिति (Status): यह निर्धारित करता है कि टेस्ट केस पास हुआ है या फेल।

टेस्ट केस का उदाहरण:

टेस्ट केस आईडीTC001
टेस्ट केस नामलॉगिन कार्यक्षमता
विवरणवैध प्रमाणपत्रों के साथ लॉगिन की जांच करें
पूर्व शर्तेंउपयोगकर्ता पंजीकृत होना चाहिए
टेस्ट कदम1. ब्राउज़र खोलें
2. लॉगिन पेज पर जाएं
3. उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करें
4. लॉगिन पर क्लिक करें
अपेक्षित परिणामउपयोगकर्ता सफलतापूर्वक लॉगिन हो
वास्तविक परिणामउपयोगकर्ता सफलतापूर्वक लॉगिन हुआ
स्थितिपास

2.2 फ़ंक्शनल परीक्षण, नॉन-फ़ंक्शनल परीक्षण, UI परीक्षण

ये विभिन्न प्रकार के परीक्षण हैं जो सॉफ़्टवेयर के विभिन्न पहलुओं की जाँच करते हैं।

फ़ंक्शनल परीक्षण

फ़ंक्शनल परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर निर्दिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करता है। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर का कार्य सही तरीके से किया जा रहा है।

  • उदाहरण: "सबमिट" बटन यह सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण करें कि यह फ़ॉर्म को सही तरीके से सबमिट करता है।
  • मुख्य गतिविधियाँ:
    • यह सत्यापित करना कि सभी फीचर्स सही तरीके से काम कर रहे हैं।
    • बिज़नेस लॉजिक की जाँच करना।
    • यह सुनिश्चित करना कि उपयोगकर्ता द्वारा दी गई जानकारी सही तरीके से प्रोसेस हो रही है।

नॉन-फ़ंक्शनल परीक्षण

नॉन-फ़ंक्शनल परीक्षण उन पहलुओं की जाँच करता है जो सॉफ़्टवेयर के विशिष्ट कार्यों से संबंधित नहीं होते, जैसे प्रदर्शन और उपयोगिता।

  • प्रकार:
    1. प्रदर्शन परीक्षण (Performance Testing): यह परीक्षण करता है कि सॉफ़्टवेयर अपेक्षित लोड के तहत अच्छा प्रदर्शन करता है या नहीं।
      • उदाहरण: क्या वेबसाइट 1000 उपयोगकर्ताओं द्वारा एक साथ एक्सेस किए जाने पर ठीक से लोड होती है?
    2. सुरक्षा परीक्षण (Security Testing): यह परीक्षण करता है कि सॉफ़्टवेयर बाहरी खतरों से सुरक्षित है या नहीं।
      • उदाहरण: क्या संवेदनशील डेटा एन्क्रिप्टेड है?
    3. उपयोगिता परीक्षण (Usability Testing): यह परीक्षण करता है कि सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ता के लिए सुगम है या नहीं।
      • उदाहरण: क्या वेबसाइट की नेविगेशन सरल और सहज है?
    4. संगतता परीक्षण (Compatibility Testing): यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर विभिन्न उपकरणों, ब्राउज़रों या ऑपरेटिंग सिस्टमों पर सही तरीके से काम करता है।
      • उदाहरण: क्या वेबसाइट क्रोम, फ़ायरफ़ॉक्स और सफ़ारी पर ठीक से काम करती है?

UI परीक्षण

यूजर इंटरफ़ेस (UI) परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर का यूज़र इंटरफ़ेस अपेक्षित तरीके से कार्य करता है और उपयोगकर्ता अनुभव (UX) अच्छा है।

  • मुख्य क्षेत्रों की जाँच:

    • लेआउट (बटन, टेक्स्ट एलाइन्मेंट, आदि)
    • प्रतिक्रियाशीलता (स्क्रीन के विभिन्न आकारों में अनुकूलन)
    • कार्यक्षमता (बटन, लिंक, फ़ॉर्म)
    • पहुँचनीयता (कीबोर्ड नेविगेशन, रंग कंट्रास्ट)
  • उदाहरण: यह सत्यापित करना कि लॉगिन बटन दिखाई दे रहा है और क्लिक करने योग्य है।


2.3 टेस्ट डेटा तैयार करना, यूनिट टेस्ट, इंटीग्रेशन टेस्ट और यूज़र स्वीकृति परीक्षण (UAT)

टेस्ट डेटा तैयार करना

टेस्ट डेटा वह जानकारी है जिसे परीक्षण के दौरान सॉफ़्टवेयर में फीड किया जाता है ताकि उसकी कार्यप्रणाली की जाँच की जा सके। टेस्ट डेटा उस टेस्ट केस के आधार पर तैयार किया जाता है जिसे आप निष्पादित कर रहे हैं।

  • टेस्ट डेटा के प्रकार:
    1. वैध डेटा (Valid Data): ऐसा डेटा जो सही परिणामों की उम्मीद करता है।
      • उदाहरण: लॉगिन परीक्षण के लिए वैध उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड।
    2. अवैध डेटा (Invalid Data): ऐसा डेटा जो गलत या अस्वीकार्य हो।
      • उदाहरण: लॉगिन परीक्षण के लिए गलत उपयोगकर्ता नाम या पासवर्ड।
    3. सीमा डेटा (Boundary Data): डेटा जो वैध इनपुट सीमा के किनारे हो।
      • उदाहरण: किसी फ़ील्ड के लिए सबसे छोटा और सबसे बड़ा वैध मान।

यूनिट टेस्ट लिखना

यूनिट परीक्षण एकल घटकों या फ़ंक्शंस का परीक्षण करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक फ़ंक्शन या मॉड्यूल अपेक्षित तरीके से कार्य करता है।

  • उदाहरण: एक फ़ंक्शन का परीक्षण करना जो मात्रा और प्रति इकाई मूल्य के आधार पर कुल मूल्य की गणना करता है।
    • टेस्ट केस: यदि मात्रा 3 है और प्रति इकाई मूल्य 100 है, तो अपेक्षित परिणाम 300 होना चाहिए।

इंटीग्रेशन टेस्ट लिखना

इंटीग्रेशन परीक्षण यह जांचता है कि विभिन्न मॉड्यूल या घटक आपस में सही तरीके से इंटरएक्ट कर रहे हैं या नहीं।

  • उदाहरण: यदि आप शॉपिंग कार्ट का परीक्षण कर रहे हैं, तो आप इंटीग्रेशन परीक्षण लिख सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आइटम को कार्ट में जोड़ने के बाद, चेकआउट पर सही कुल मूल्य कैलकुलेट हो रहा है।

यूज़र स्वीकृति परीक्षण (UAT)

यूज़र स्वीकृति परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि सॉफ़्टवेयर व्यापार आवश्यकताओं को पूरा करता है और उसे उत्पादन में भेजने के लिए तैयार है। यह सामान्यतः अंतिम उपयोगकर्ता या ग्राहक द्वारा किया जाता है।

  • उदाहरण: एक ग्राहक अंतिम उत्पाद का परीक्षण करता है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि सभी फीचर्स (जैसे लॉगिन, आइटम को कार्ट में जोड़ना, आदि) अपेक्षित तरीके से काम करते हैं और व्यापारिक उद्देश्यों को पूरा करते हैं।

2.4 सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं से टेस्ट परिदृश्य तैयार करना

टेस्ट परिदृश्य (Test Scenario) एक उच्च-स्तरीय अवधारणा होती है जो उस स्थिति का वर्णन करती है जिसे परीक्षण किया जाएगा। इसे सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं से निकाला जाता है और इसमें मुख्य कार्यात्मकताओं या कार्यप्रवाहों को परीक्षण में लिया जाता है।

टेस्ट परिदृश्य तैयार करने के चरण:

  1. सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं को समझना: सॉफ़्टवेयर की कार्यात्मक और नॉन-फ़ंक्शनल आवश्यकताओं को ध्यान से पढ़ें।
    • उदाहरण: यदि आवश्यकता है "सिस्टम को वैध प्रमाणपत्रों के साथ उपयोगकर्ता को लॉगिन करने की अनुमति देनी चाहिए", तो एक टेस्ट परिदृश्य हो सकता है: "वैध प्रमाणपत्रों के साथ लॉगिन कार्यक्षमता का परीक्षण करें।"
  2. प्रमुख फीचर्स की पहचान करें: परीक्षण करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण फीचर्स या कार्यप्रवाहों को चुनें।
    • उदाहरण: "कार्ट में आइटम जोड़ने का परीक्षण करें", "पेमेंट गेटवे का परीक्षण करें"।
  3. परिदृश्य लिखें: वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों और संभावित किनारे मामलों (edge cases) को ध्यान में रखते हुए टेस्ट परिदृश्य लिखें।
    • उदाहरण: लॉगिन के लिए एक परिदृश्य हो सकता है: "सही उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉगिन कार्यक्षमता का परीक्षण करें।"

टेस्ट परिदृश्य का उदाहरण:

टेस्ट परिदृश्य आईडीTS001
टेस्ट परिदृश्य नामलॉगिन कार्यक्षमता
विवरणसत्यापित करें कि उपयोगकर्ता वैध प्रमाणपत्रों के साथ लॉगिन कर सकते हैं।
संबंधित आवश्यकताउपयोगकर्ता को वैध प्रमाणपत्रों के साथ लॉगिन करने की अनुमति होनी चाहिए।
टेस्ट कदम1. ब्राउज़र खोलें
2. लॉगिन पेज पर जाएं
3. वैध उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड दर्ज करें
4. लॉगिन पर क्लिक करें
अपेक्षित परिणामउपयोगकर्ता सफलतापूर्वक लॉगिन हो

सारांश:

  1. टेस्ट केस लिखना: एक अच्छी तरह से संरचित टेस्ट केस में आईडी, विवरण, पूर्व शर्तें, कदम, अपेक्षित और वास्तविक परिणाम, और पश्चात शर्तें शामिल होती हैं।
  2. प्रकार परीक्षण:
    • फ़ंक्शनल परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि सॉफ़्टवेयर का कार्यक्षमता सही है।
    • नॉन-फ़ंक्शनल परीक्षण प्रदर्शन, उपयोगिता, सुरक्षा और अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • UI परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि यूज़र इंटरफ़ेस सुगम और उत्तरदायी है।
  3. टेस्ट डेटा तैयार करना: वैध, अवैध, और सीमा स्थितियों सहित डेटा तैयार करें।
  4. यूनिट, इंटीग्रेशन, और यूएटी परीक्षण: यूनिट परीक्षण घटकों पर, इंटीग्रेशन परीक्षण इंटरएक्शन पर, और यूएटी परीक्षण व्यवसाय आवश्यकताओं पर केंद्रित होते हैं।
  5. टेस्ट परिदृश्यों का निर्माण: सॉफ़्टवेयर आवश्यकताओं से परिदृश्य तैयार करें जो महत्वपूर्ण कार्यक्षमताओं या कार्यप्रवाहों का परीक्षण करते हैं।

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