🔷 1.1 जल आपूर्ति योजनाएँ (Water Supply Schemes)
1.1.1 उद्देश्य (Objectives):
जल आपूर्ति योजनाओं के मुख्य उद्देश्य हैं:
-
शुद्ध, सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध कराना
-
जल की सतत आपूर्ति बनाए रखना
-
सभी उपभोक्ताओं तक उचित दबाव के साथ पानी पहुँचाना
-
जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखकर जल की योजना बनाना
-
जनस्वास्थ्य की रक्षा करना
1.1.2 घटक (Components of Water Supply Scheme):
-
जल स्रोत (Source)
-
जल ग्रहण संरचना (Intake Structures)
-
पंपिंग स्टेशन (Pumping Station)
-
शुद्धिकरण संयंत्र (Water Treatment Plant)
-
जलाशय (Service Reservoirs)
-
वितरण प्रणाली (Distribution Network)
🔷 1.2 जल के स्रोत (Sources of Water)
1.2.1 सतही और भू-जल स्रोत (Surface & Subsurface Sources):
-
सतही जल स्रोत: नदी, झील, जलाशय, तालाब
-
भूजल स्रोत: कुआँ, नलकूप, झरना (spring), artesian wells
1.2.2 जल ग्रहण संरचनाएँ (Intake Structures):
ये वे संरचनाएँ होती हैं जहाँ से पानी को स्रोत से खींचा जाता है।
1.2.3 परिभाषा व प्रकार (Definition and Types):
Intake structure एक ऐसी संरचना है जो स्रोत से पानी को पाइपलाइन या चैनल में प्रवाहित करने के लिए बनाई जाती है।
प्रकार:
-
नदी जल ग्रहण संरचना (River Intake)
-
जलाशय जल ग्रहण संरचना (Reservoir Intake)
-
झील/तालाब ग्रहण संरचना (Lake Intake)
1.2.4 स्थान चयन के कारक (Factors for Location of Intake Structure):
-
शुद्ध और स्थिर जल की उपलब्धता
-
स्रोत की गहराई और सतह की सफाई
-
आसान निर्माण और रखरखाव
-
जल के प्राकृतिक प्रवाह का लाभ उठाना
-
निकटता से पंपिंग स्टेशन की सुविधा
🔷 1.3 जल की मांग (Demand of Water)
1.3.1 मांग को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Water Demand):
-
जनसंख्या
-
जीवन स्तर
-
औद्योगीकरण
-
जलवायु
-
सामाजिक आदतें
-
नगर नियोजन
1.3.2 जल की मांग में परिवर्तन (Variations in Water Demand):
-
दैनिक परिवर्तन (Daily Variations)
-
मासिक परिवर्तन (Monthly Variations)
-
मौसमी परिवर्तन (Seasonal Variations)
-
अत्यधिक मांग का समय (Peak Demand)
1.3.3 जनसंख्या पूर्वानुमान (Forecasting of Population):
भविष्य की जनसंख्या का अनुमान लगाना ताकि पानी की आवश्यक मात्रा तय की जा सके।
1.3.4 जनसंख्या पूर्वानुमान के तरीके:
-
अंकगणितीय विधि (Arithmetical Increase Method)
-
गुणोत्तर विधि (Geometrical Increase Method)
-
घटती वृद्धि विधि (Decreasing Rate Method)
-
विरुद्ध विधि (Inverse Method)
1.3.5 सरल प्रश्न (Simple Problems on Forecasting):
जैसे – 10 वर्षों के जनसंख्या आँकड़ों से अगले 10 वर्षों की जनसंख्या निकालना।
1.3.6 डिजाइन अवधि (Design Period):
यह वह समय होता है जिसके लिए जल आपूर्ति प्रणाली की योजना बनाई जाती है। आमतौर पर 30 वर्ष तक की होती है।
1.3.7 जल की मात्रा का अनुमान (Estimating Water Quantity Required):
उदाहरण:
अगर किसी शहर की जनसंख्या 1 लाख है और प्रतिव्यक्ति जल की मांग 135 लीटर है,
तो कुल आवश्यकता = 1,00,000 × 135 = 1.35 करोड़ लीटर/दिन
🔷 1.4 जल की गुणवत्ता (Quality of Water)
1.4.1 जल विश्लेषण की आवश्यकता (Need for Analysis of Water):
-
यह जानने के लिए कि पानी पीने योग्य है या नहीं
-
शुद्धिकरण की आवश्यकता तय करने के लिए
-
जलजनित बीमारियों को रोकने के लिए
1.4.2 जल की विशेषताएँ (Characteristics of Water)
1.4.2.1 शारीरिक, रासायनिक और जैविक गुण (Only Introduction):
-
शारीरिक (Physical): रंग, गंध, स्वाद, तापमान, turbidity
-
रासायनिक (Chemical): pH, hardness, fluoride, chlorides
-
जैविक (Biological): जीवाणु, वायरस, algae आदि की उपस्थिति
1.4.2.2 परीक्षण (Testing of Water):
-
Total Solids (कुल ठोस पदार्थ)
-
Hardness (कठोरता)
-
Chlorides (क्लोराइड्स)
-
Dissolved Oxygen (DO)
-
pH मान
-
Fluoride (फ्लोराइड)
-
Nitrogen और उसके यौगिक
-
Bacteriological Tests (जैविक परीक्षण):
-
E. coli Test
-
B.coli Index
-
MPN (Most Probable Number)
-
1.4.2.3 जल का सैंपल लेना (Sampling of Water):
-
साफ, स्टरलाइज्ड बोतल में सैंपल लेना चाहिए
-
तुरंत लैब में भेजना
-
स्थान, समय और गहराई रिकॉर्ड करना
1.4.2.4 IS 10500 के अनुसार मानक (Water Quality Standards):
IS 10500:2012 भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित पानी की गुणवत्ता के मानक हैं।
कुछ मानक नीचे दिए गए हैं:
घटक | मानक सीमा (Permissible Limit) |
---|---|
pH | 6.5 – 8.5 |
Total Hardness | 200–600 mg/L |
Chloride | 250 mg/L |
Fluoride | 1.0 – 1.5 mg/L |
E. coli | NIL |
इस यूनिट में आपने सीखा:
-
जल आपूर्ति योजनाओं का उद्देश्य और घटक
-
सतही और भूजल स्रोत
-
जल ग्रहण संरचनाएँ और उनके स्थान के चयन के कारक
-
जल की मांग कैसे अनुमानित की जाती है
-
जनसंख्या पूर्वानुमान के तरीके
-
पानी की गुणवत्ता और परीक्षण
0 Comments