यूनिट 2 – जल का शुद्धिकरण (Purification of Water)

🔷 2.1 जल का शुद्धिकरण (Purification of Water)

2.1.1 जल उपचार के उद्देश्य (Objectives of Water Treatment):

  • जल को पीने योग्य बनाना

  • जल से हानिकारक जीवाणु, वायरस, रासायनिक और ठोस अशुद्धियाँ हटाना

  • स्वाद, गंध और रंग में सुधार करना

  • जनस्वास्थ्य की रक्षा करना


2.1.2 एरेशन (Aeration)

उद्देश्य:

  • पानी में उपस्थित गैसों जैसे H₂S, CO₂ को हटाना

  • ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाना

  • लोहे और मैंगनीज को ऑक्सीडाइज करना

एरेशन की विधियाँ:

  1. स्प्रे एरेशन (Spray Aeration) – पानी को हवा में स्प्रे करके

  2. कैस्केड एरेशन (Cascade) – सीढ़ीनुमा ढाल पर गिराना

  3. डिफ्यूज़र एरेशन (Diffused Aeration) – पानी में एयर बबल्स छोड़ना

  4. मैकेनिकल एरेशन – ब्लेड या मोटर से हवा मिलाना


🔷 2.2 सामान्य अवसादन (Plain Sedimentation)

यह प्रक्रिया जल में उपस्थित भारी कणों को नीचे बैठाने के लिए होती है।

2.2.1 सामान्य अवसादन – केवल सैद्धांतिक ज्ञान (No Numericals)

2.2.2 सहविलेपन के साथ अवसादन (Sedimentation with Coagulation):

जब बहुत छोटे कण नीचे नहीं बैठते, तब कोएगुलेंट (सहविलायक) मिलाकर उन्हें बैठाया जाता है।

2.2.3 सहविलायकों के प्रकार (Types of Coagulants):

  1. एलम (Alum)

  2. फेरिक सल्फेट (Ferric Sulphate)

  3. फेरस सल्फेट (Ferrous Sulphate)

  4. सोडियम अलुमिनेट

2.2.4 जार परीक्षण (Jar Test):

  • प्रयोगशाला में यह परीक्षण किया जाता है कि कौन सा कोएगुलेंट और कितनी मात्रा में प्रभावी होगा।

  • कई जारों में अलग-अलग मात्राओं में कोएगुलेंट मिलाकर बैठने की दर देखी जाती है।

2.2.5 सहविलयन की प्रक्रिया (Process of Coagulation):

  1. कोएगुलेंट मिलाना

  2. तेजी से मिलाना (Rapid Mixing)

  3. धीरे मिलाना (Flocculation)

  4. फ्लोक (गांठ) का अवसादन

2.2.6 अवसादन टैंक के प्रकार (Types of Sedimentation Tanks):

  1. आयताकार टैंक (Rectangular)

  2. परिपथ टैंक (Circular)

  3. क्षैतिज प्रवाह टैंक (Horizontal Flow Type)

  4. ऊर्ध्वगामी प्रवाह टैंक (Upward Flow Type)

2.2.7 क्लैरिफ्लोकुलेटर (Clariflocculator):

  • यह एक यंत्र है जो फ्लोकुलेशन और सेडिमेंटेशन को एक साथ करता है।

  • बड़े जल संयंत्रों में प्रयोग किया जाता है।


🔷 2.3 निस्पंदन (Filtration)

2.3.1 निस्पंदन की यंत्रीकरण (Mechanisation of Filtration):

  • ऑटोमैटिक वॉल्व, बैकवॉशिंग सिस्टम, पंप और सेंसर द्वारा निस्पंदन किया जाता है।

2.3.2 निस्पंदकों का वर्गीकरण (Classification of Filters):

2.3.2.1 स्लो सैंड फिल्टर (Slow Sand Filter):

  • धीमी गति से पानी गुजरता है

  • ऊपर से नीचे की तरफ बहाव होता है

  • बैकवॉश की आवश्यकता नहीं

2.3.2.2 रैपिड सैंड फिल्टर (Rapid Sand Filter):

  • पानी तेज़ी से गुजरता है

  • बैकवॉश की आवश्यकता होती है

  • रासायनिक कोएगुलेशन आवश्यक होता है

2.3.2.3 प्रेशर फिल्टर (Pressure Filter):

  • उच्च दबाव पर काम करता है

  • इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए उपयुक्त

2.3.3 निर्माण व कार्य प्रणाली (Construction & Working):

2.3.3.1 स्लो सैंड फिल्टर:

  • संरचना: इनलेट, सैंड बेड, ग्रेवल लेयर, आउटलेट

  • कार्य: पानी धीरे-धीरे नीचे जाता है, जैविक परत में शुद्ध होता है।

2.3.3.2 रैपिड सैंड फिल्टर:

  • संरचना: इनलेट, सैंड + ग्रेवल लेयर, आउटलेट

  • बैकवॉशिंग के लिए वॉल्व लगे होते हैं

  • उच्च दक्षता से शुद्धिकरण

2.3.4 संचालन में समस्याएँ (Operational Problems):

  • सैंड का चोक हो जाना

  • फ्लो में असमानता

  • बैकवॉश की जरूरत

  • माइक्रोबियल ग्रोथ


🔷 2.3.5 कीटाणुशोधन (Disinfection)

2.3.5.1 उद्देश्य (Objects):

  • रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस को मारना

  • पानी को जीवाणुरहित बनाना

2.3.5.2 विधियाँ (Methods of Disinfection):

  1. क्लोरीनेशन (Chlorination)

  2. ओज़ोन द्वारा (Ozonation)

  3. यूवी विकिरण (Ultraviolet Rays)


🔶 क्लोरीनेशन (Chlorination)

2.3.5.3.1 क्लोरीन का अनुप्रयोग (Application of Chlorine):

  • क्लोरीन को पानी में मिलाकर बैक्टीरिया नष्ट किए जाते हैं।

2.3.5.3.2 क्लोरीनेशन के रूप (Forms of Chlorination):

  1. गैसीय क्लोरीन (Gaseous)

  2. ब्लिचिंग पाउडर

  3. क्लोरीन टेबलेट

2.3.5.3.3 क्लोरीनेशन की प्रथाएँ (Types of Chlorination Practices):

  • Pre-chlorination: उपचार से पहले

  • Post-chlorination: वितरण से पहले

  • Break-point chlorination: पूरा ऑर्गेनिक पदार्थ हटाने तक क्लोरीन देना

  • Super chlorination: अधिक मात्रा में क्लोरीन देना

2.3.5.3.4 अवशिष्ट क्लोरीन और इसका महत्व (Residual Chlorine):

  • यह वह क्लोरीन होती है जो पानी में बनी रहती है

  • यह सुनिश्चित करती है कि वितरण नेटवर्क में भी पानी सुरक्षित रहे


2.3.5.3.5 जल उपचार संयंत्र का फ्लो डायग्राम (Flow Diagram of Water Treatment Plant):


जल स्रोत → Intake Structure → Screening → Aeration → Coagulation → Flocculation → Sedimentation → Filtration → Disinfection → जलाशय → उपभोक्ता

✅ निष्कर्ष:

इस अध्याय में आपने सीखा:

  • जल उपचार की विभिन्न प्रक्रियाएँ जैसे एरेशन, अवसादन, निस्पंदन, और कीटाणुशोधन

  • कोएगुलेशन, क्लोरीनेशन और विभिन्न फिल्टर के प्रकार

  • जल उपचार संयंत्र का संपूर्ण फ्लो चार्ट

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