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3. इलेक्ट्रिक पावर मापना
3.1 डायनमोमीटर प्रकार वाट मीटर: निर्माण और कार्य सिद्धांत
डायनमोमीटर प्रकार वाट मीटर विद्युत ऊर्जा (पावर) को मापने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह मीटर वास्तविक शक्ति (Active Power) को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है।
निर्माणात्मक विशेषताएँ:
- दो मुख्य भाग: डायनमोमीटर प्रकार के वाट मीटर में दो प्रमुख हिस्से होते हैं:
- फिक्स्ड कुंडली (Fixed Coil): यह वोल्टेज (V) को मापने के लिए होता है।
- मूविंग कुंडली (Moving Coil): यह करंट (I) को मापने के लिए होता है।
- कंट्रोल मेगनेट: मीटर के अंदर एक स्थिर मैग्नेट भी होता है जो सिस्टम की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है।
- मेकनिकल डायल: मीटर के डायल पर रीडिंग को दिखाने के लिए एक घुमावदार नीडल (Pointer) होता है, जो करंट और वोल्टेज के गुणनफल को प्रदर्शित करता है।
- दो मुख्य भाग: डायनमोमीटर प्रकार के वाट मीटर में दो प्रमुख हिस्से होते हैं:
कार्य सिद्धांत:
- डायनमोमीटर वाट मीटर का कार्य विद्युत पावर को मापने के लिए वोल्टेज और करंट के बीच के गुणनफल (P = V × I) पर आधारित होता है।
- मूविंग कुंडली करंट (I) को महसूस करती है और फिक्स्ड कुंडली वोल्टेज (V) को महसूस करती है। इन दोनों को जोड़कर मीटर पावर (P) को मापता है।
- मीटर में चुंबकीय क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली बल को पावर को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। वोल्टेज और करंट के बीच का गुणनफल पावर का निर्धारण करता है।
3.2 रेंज: गुणन गुणक और CT तथा PT के द्वारा रेंज का विस्तार
- गुणन गुणक (Multiplying Factor):
- जब भी विद्युत मीटर का रेंज बढ़ाना होता है, तो उसे उपयुक्त गुणन गुणक (Multiplying Factor) के द्वारा विस्तारित किया जा सकता है। यह गुणक मीटर के डिज़ाइन पर निर्भर करता है और इसे मीटर के द्वारा मापे जाने वाले पावर को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- गुणन गुणक मीटर द्वारा मापे गए पावर के मान को वास्तविक पावर में बदलने के लिए उपयोग होता है।
- CT (करंट ट्रांसफॉर्मर) और PT (पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर):
- CT और PT का उपयोग करंट और वोल्टेज के उच्च मान को मापने के लिए किया जाता है। ये उच्च वोल्टेज और करंट को छोटे मानों में बदलने में मदद करते हैं।
- CT (Current Transformer): यह बड़े करंट को छोटे करंट में परिवर्तित करता है, जिससे मीटर द्वारा सुरक्षित रूप से माप लिया जाता है।
- PT (Potential Transformer): यह उच्च वोल्टेज को छोटे वोल्टेज में परिवर्तित करता है।
- इनका उपयोग करके रेंज का विस्तार किया जाता है, ताकि मीटर उच्च वोल्टेज और करंट पर भी सटीक माप दे सके।
3.3 गलतियाँ और उनकी क्षतिपूर्ति
- गलतियाँ:
- थर्मल त्रुटियाँ (Thermal Errors): मीटर में तापमान परिवर्तन से कुछ पदार्थों की प्रतिरोध क्षमता बदल जाती है, जिससे गलत माप हो सकते हैं।
- क्यूबिकल त्रुटियाँ (Cubic Errors): इन त्रुटियों का कारण पावर फैक्टर में अनियमितता हो सकती है।
- मल्टीपल पावर फैक्टर त्रुटियाँ (Multiple Power Factor Errors): अगर लोड का पावर फैक्टर बहुत कम या बहुत अधिक हो, तो मीटर की माप में त्रुटियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
- क्षतिपूर्ति विधियाँ:
- कैलिब्रेशन (Calibration): नियमित रूप से मीटर का कैलिब्रेशन करना चाहिए, ताकि कोई भी त्रुटि सुधारने के लिए मीटर को सटीक किया जा सके।
- तापमान नियंत्रण: तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए मीटर को नियंत्रित वातावरण में रखना चाहिए।
- पावर फैक्टर सुधार: मीटर में पावर फैक्टर सुधार के लिए विशेष सर्किट का उपयोग किया जा सकता है।
- स्वत: निदान: कुछ मीटर स्वचालित रूप से अपनी त्रुटियों का पता लगाने की क्षमता रखते हैं और इन त्रुटियों को सुधारने के लिए अल्गोरिदम का उपयोग करते हैं।
3.4 सक्रिय और रिएक्टिव पावर मापना: एक, दो और तीन वाट मीटर विधि
सक्रिय शक्ति (Active Power):
- सक्रिय शक्ति वह शक्ति होती है जो वास्तविक काम करती है, जैसे किसी लोड को चलाना। इसे किलवाट (kW) में मापा जाता है।
- सक्रिय शक्ति की गणना की जाती है: जहाँ वोल्टेज और करंट के बीच का फेज़ कोण होता है।
रिएक्टिव शक्ति (Reactive Power):
- रिएक्टिव शक्ति वह शक्ति है जो सिस्टम में उर्जा भंडारण और रिहाई करती है, लेकिन वास्तविक काम नहीं करती। इसे किलोवोल्ट-एम्पियर-रिएक्टिव (kVAR) में मापा जाता है।
- रिएक्टिव शक्ति की गणना की जाती है:
एक वाट मीटर विधि (One Wattmeter Method):
- एक वाट मीटर विधि का उपयोग केवल सक्रिय शक्ति को मापने के लिए किया जाता है। यह विधि केवल एक वाट मीटर का उपयोग करती है, और इसे सिंगल-फेज़ सिस्टम में उपयोग किया जाता है।
दो वाट मीटर विधि (Two Wattmeter Method):
- दो वाट मीटर विधि का उपयोग तीन-फेज़ सिस्टम में किया जाता है। इसमें दो अलग-अलग वाट मीटर होते हैं, जो सक्रिय शक्ति को मापते हैं। इसे संभालने के लिए एक आवश्यकता होती है कि दो मीटरों द्वारा प्राप्त कुल पावर को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।
तीन वाट मीटर विधि (Three Wattmeter Method):
- यह विधि तीन-फेज़ असंतुलित लोड के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें तीन अलग-अलग वाट मीटर का उपयोग किया जाता है। यह विधि किसी भी पावर फैक्टर पर काम करती है और असंतुलित लोड के लिए सटीक माप प्रदान करती है।
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