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3. शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट (Shear Force and Bending Moment)
3.1 समर्थन, बीम और लोड के प्रकार (Types of Supports, Beams and Loads)
समर्थन (Supports):
समर्थन (Supports) वह संरचनाएं हैं जो बीम के अंत में स्थित होती हैं और उन पर बल लागू करती हैं। मुख्य प्रकार के समर्थन निम्नलिखित हैं:
- पिन समर्थन (Pinned Support): यह समर्थन बीम को घुमा सकता है, लेकिन इसे स्थानांतरित नहीं होने देता। इसे एक्स (X) दिशा में मुक्तता नहीं होती।
- रोलर समर्थन (Roller Support): यह समर्थन बीम को एक दिशा में घुमा सकता है और दूसरी दिशा में स्थानांतरित कर सकता है।
- स्थिर समर्थन (Fixed Support): यह समर्थन बीम को न केवल घुमने से रोकता है, बल्कि उसे स्थानांतरित होने से भी रोकता है।
बीम के प्रकार (Types of Beams):
- केंटिलीवर बीम (Cantilever Beam): यह बीम एक छोर पर स्थिर होती है जबकि दूसरा छोर मुक्त होता है।
- सिंपली सपोर्टेड बीम (Simply Supported Beam): इस बीम के दोनों छोर पर पिन और रोलर समर्थन होते हैं।
- कॉंटिन्यूस बीम (Continuous Beam): यह बीम दो या दो से अधिक समर्थन के साथ होती है, जो इसे अधिक स्थिर बनाती है।
लोड के प्रकार (Types of Loads):
- पॉइंट लोड (Point Load): यह लोड बीम के एक छोटे से क्षेत्र पर लगाया जाता है।
- यूनिफॉर्मली डिस्ट्रिब्यूटेड लोड (Uniformly Distributed Load): यह लोड बीम की पूरी लंबाई पर समान रूप से वितरित होता है।
- लीनियर लोड (Linear Load): यह लोड बीम पर एक रेखीय अनुपात में वितरित होता है, अर्थात यह लोड बीम की लंबाई के साथ बदलता है।
3.2 शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट का सिद्धांत (Concept and Definition of Shear Force and Bending Moment)
शियर फोर्स (Shear Force):
शियर फोर्स वह बल है जो बीम के किसी क्रॉस-सेक्शन पर लागू होता है और बीम के उस हिस्से को क्षैतिज दिशा में काटने की कोशिश करता है। यह बीम में स्थानिक परिवर्तन (shear stress) उत्पन्न करता है और बेंडिंग मोमेंट के विकास में योगदान करता है।
बेंडिंग मोमेंट (Bending Moment):
बेंडिंग मोमेंट वह मोमेंट (घूर्णन बल) होता है जो बीम के किसी बिंदु पर उत्पन्न होता है और बीम को मोड़ने की कोशिश करता है। बेंडिंग मोमेंट उस बिंदु पर लागू लोड के कारण उत्पन्न होता है, जो उस बिंदु से बीम के अंत तक होती है।
3.3 लोड, शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट के बीच संबंध (Relation Between Load, Shear Force and Bending Moment) - (प्रमाण सहित)
यदि बीम पर कोई लोड लागू होता है, तो वह लोड बीम पर शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट का कारण बनता है।
शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट के बीच संबंध:
शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट के बीच संबंध (Mathematical Relation):
बीम पर शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट के बीच एक सरल संबंध होता है:
जहां:
- = बेंडिंग मोमेंट (Bending Moment)
- = शियर फोर्स (Shear Force)
- = बीम पर लागू लोड (Load applied on the beam)
- = बीम की लंबाई (Length of the beam)
शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट के बीच संबंध का व्याख्या:
- यदि शियर फोर्स में कोई बदलाव होता है, तो बेंडिंग मोमेंट में भी बदलाव होता है।
- शियर फोर्स की दिशा तब बदलती है जब बेंडिंग मोमेंट में परिवर्तन होता है।
3.4 शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट आरेख (Shear Force and Bending Moment Diagrams) के लिए साधारण बीम पर बिंदु लोड, समान रूप से वितरित लोड और युग्म के तहत (For Cantilever and Simply Supported Beams subjected to Point Loads, Uniformly Distributed Loads and Couples)
केंटिलीवर बीम (Cantilever Beam):
केंटिलीवर बीम पर शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट आरेख निम्नलिखित होते हैं:
पॉइंट लोड (Point Load) पर: जब पॉइंट लोड बीम के एक बिंदु पर लागू होता है, तो शियर फोर्स का मान उस बिंदु के पास कूदता है। बेंडिंग मोमेंट धीरे-धीरे बढ़ता है और बीम के अंत तक अधिकतम होता है।
समान रूप से वितरित लोड (Uniformly Distributed Load): समान रूप से वितरित लोड पर, शियर फोर्स आरेख एक सीधी रेखा के रूप में होता है और बेंडिंग मोमेंट आरेख त्रिकोणीय रूप में होता है।
सिंपली सपोर्टेड बीम (Simply Supported Beam):
- पॉइंट लोड (Point Load) पर: सिंपली सपोर्टेड बीम पर पॉइंट लोड के परिणामस्वरूप शियर फोर्स आरेख एक सीधी रेखा बनाता है और बेंडिंग मोमेंट आरेख एक वक्र रेखा बनाता है।
- समान रूप से वितरित लोड (Uniformly Distributed Load): जब समान रूप से वितरित लोड लागू होता है, तो शियर फोर्स आरेख सीधी रेखा में बदलाव करता है और बेंडिंग मोमेंट आरेख परवलयाकार होता है।
- युग्म (Couple): युग्म के कारण बेंडिंग मोमेंट में स्थिर वृद्धि होती है, लेकिन शियर फोर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
आरेख के महत्व:
- शियर फोर्स आरेख (Shear Force Diagram) और बेंडिंग मोमेंट आरेख (Bending Moment Diagram) को बनाने से हमें बीम में उत्पन्न होने वाले शियर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट की सटीक जानकारी मिलती है, जो बीम के डिज़ाइन और सुरक्षित लोड की गणना के लिए आवश्यक होती है।
3.5 कंट्रा फ्लेक्सर पॉइंट (Point of Contra Flexure)
कंट्रा फ्लेक्सर पॉइंट वह बिंदु होता है जहां बीम पर बेंडिंग मोमेंट शून्य हो जाता है और बेंडिंग मोमेंट के संकेत में परिवर्तन होता है (यानि बेंडिंग मोमेंट का दिशा परिवर्तन होता है)। इसे बेंडिंग मोमेंट के बदलने का बिंदु भी कहा जाता है। कंट्रा फ्लेक्सर पॉइंट वह बिंदु होता है जहां बीम पर बेंडिंग मोमेंट की दिशा बदलती है, और यह अक्सर अधिकतम बेंडिंग मोमेंट के दोनों तरफ होता है।
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