यहां पर Industrial Engineering & Management (कोर्स कोड: ME 5003, MP/MT 5003) के Unit 1: Plant Engineering के विषय में विस्तृत नोट्स दिए गए हैं। यह यूनिट Plant Engineering, Plant Layout और Layout Improvement के विभिन्न पहलुओं के बारे में है।
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1. Plant Engineering (प्लांट इंजीनियरिंग)
प्लांट इंजीनियरिंग का उद्देश्य उद्योगों में उत्पादन और संचालन प्रक्रियाओं को कुशल और प्रभावी बनाने के लिए सुविधाओं का डिज़ाइन, योजना, निर्माण और रखरखाव करना है। इसमें उत्पादन प्रक्रियाओं, मशीनरी, संयंत्र, भवनों, और अन्य बुनियादी ढांचे का डिज़ाइन, स्थापना और निगरानी शामिल होती है।
1.1 Plant (प्लांट)
प्लांट एक उत्पादन इकाई है जिसमें विभिन्न संसाधनों और मशीनरी का उपयोग करके उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इसमें कई प्रकार की प्रक्रियाएँ, उपकरण, और कार्यप्रणाली होती हैं जो एक निर्धारित उत्पाद के निर्माण के लिए संयोजन करते हैं।
- संयंत्र (Plant) का उद्देश्य विभिन्न उत्पादों का निर्माण करना, चाहे वह मशीनें, उपकरण, उपभोक्ता वस्त्र, या अन्य उद्योगों से संबंधित हो।
- संयंत्र में उत्पादकों, श्रमिकों, प्रबंधकों और अन्य कर्मचारियों के द्वारा काम किया जाता है।
1.2 Selection of Site of Industry (उद्योग के स्थान का चयन)
उद्योग के स्थान का चयन करते समय विभिन्न कारकों का ध्यान रखा जाता है ताकि उत्पादकता और संचालन में कुशलता सुनिश्चित हो सके। ये कारक निम्नलिखित हैं:
- Raw Material Availability: कच्चे माल की उपलब्धता।
- Labor Availability: श्रमिकों की उपलब्धता और उनकी लागत।
- Transportation Facilities: परिवहन सुविधाओं की उपलब्धता जैसे सड़क, रेल, और जलमार्ग।
- Market Proximity: उत्पाद के बाजार के निकटता।
- Utility Availability: बिजली, पानी, गैस, आदि की उपलब्धता।
- Government Policies: सरकारी नियम और नीतियाँ, जैसे कर लाभ और औद्योगिक क्षेत्र की योजनाएँ।
- Climate and Environmental Conditions: जलवायु और पर्यावरणीय स्थितियाँ, जो उत्पादन प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकती हैं।
- Land Cost and Taxes: भूमि की लागत और टैक्स।
1.3 Plant Layout (प्लांट लेआउट)
प्लांट लेआउट एक विशिष्ट प्रक्रिया है जिसके द्वारा संयंत्र में विभिन्न कार्यस्थल, उपकरण, और संसाधन सही तरीके से व्यवस्थित किए जाते हैं ताकि कार्यकुशलता, उत्पादन और सुरक्षा में सुधार हो सके।
प्लांट लेआउट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्पादन प्रक्रिया सही और प्रभावी तरीके से चल सके और संचालन में किसी प्रकार की रुकावट न हो।
1.4 Principles of a Good Layout (एक अच्छे लेआउट के सिद्धांत)
एक अच्छा संयंत्र लेआउट वह होता है जो उत्पादकता, कार्यकुशलता और सुरक्षा में वृद्धि करता है। इसके प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं:
- Minimum Material Handling (न्यूनतम सामग्री परिवहन): उत्पादन प्रक्रिया में सामग्री का परिवहन न्यूनतम होना चाहिए ताकि समय और ऊर्जा की बचत हो सके।
- Flexibility (लचीलापन): संयंत्र में लचीलापन होना चाहिए ताकि उत्पादन में बदलाव की स्थिति में आसानी से समायोजन किया जा सके।
- Flow of Work (कार्य का प्रवाह): कार्यों का प्रवाह स्वाभाविक और निरंतर होना चाहिए, ताकि कोई भी कार्य रुकावट या व्यवधान से प्रभावित न हो।
- Safety (सुरक्षा): कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
- Space Utilization (स्थान का उपयोग): संयंत्र में स्थान का सर्वोत्तम उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे उत्पादकता बढ़े।
- Minimize Wastage (बर्बादी को कम करना): संयंत्र के लेआउट में संसाधनों की बर्बादी को कम करना चाहिए।
- Easy Maintenance (आसान रखरखाव): संयंत्र के उपकरण और संरचनाओं का रखरखाव सरल होना चाहिए ताकि उत्पादन प्रक्रिया में कोई रुकावट न हो।
1.5 Types of Layouts (लेआउट के प्रकार)
Process Layout (प्रक्रिया लेआउट):
- इसमें समान प्रकार के कार्यों को एक ही स्थान पर रखा जाता है।
- जैसे कि एक उत्पादन क्षेत्र में सभी मशीनें और उपकरण एक साथ होते हैं।
- उदाहरण: अस्पताल, रेस्तरां, मरम्मत की दुकान।
Product Layout (उत्पाद लेआउट):
- इस लेआउट में एक निश्चित उत्पाद के उत्पादन के लिए कार्यों को अनुक्रमिक तरीके से रखा जाता है।
- यह उत्पादन प्रक्रिया में न्यूनतम समय की खपत करता है।
- उदाहरण: कार निर्माण संयंत्र, असेंबली लाइन।
Fixed Position Layout (स्थिर स्थिति लेआउट):
- इस लेआउट में उत्पाद को एक स्थिर स्थान पर रखा जाता है, और आवश्यक संसाधन और श्रमिक उस स्थान पर आते हैं।
- उदाहरण: बड़े जहाज निर्माण, एरोस्पेस उद्योग।
1.6 Techniques to Improve Layout (लेआउट में सुधार करने की तकनीकें)
Systematic Layout Planning (SLP) (संविधानिक लेआउट योजना):
- यह एक संगठित तकनीक है जो संयंत्र के लेआउट की योजना बनाने और सुधारने में मदद करती है। इसमें आवश्यक वस्तुओं का विश्लेषण किया जाता है और उनका सर्वोत्तम स्थान निर्धारित किया जाता है।
Flow Process Chart (प्रवाह प्रक्रिया चार्ट):
- यह तकनीक संयंत्र के संचालन की प्रक्रियाओं और गतिविधियों को प्रदर्शित करती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कार्यों का प्रवाह सुचारू हो और कोई अवरोध न हो।
Line Balancing (लाइन संतुलन):
- यह तकनीक संयंत्र में काम के बोझ को संतुलित करने के लिए उपयोग की जाती है, ताकि सभी श्रमिकों और मशीनों के बीच कार्य का उचित वितरण हो सके।
Space Relationship Diagram (स्थान संबंध आरेख):
- यह तकनीक संयंत्र में विभिन्न कार्यों के बीच स्थानिक संबंधों को समझने में मदद करती है, ताकि कार्यों को बेहतर तरीके से व्यवस्थित किया जा सके।
Computer-Aided Layout Design (CAD) (कंप्यूटर सहायता से लेआउट डिज़ाइन):
- इस तकनीक में CAD सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है, जिससे संयंत्र के लेआउट का डिज़ाइन तैयार करना और सुधारना आसान हो जाता है। यह समय और लागत बचाने में मदद करता है।
सारांश:
- Plant Engineering का उद्देश्य उद्योगों में विभिन्न प्रक्रियाओं, संसाधनों और उपकरणों को कुशलता से व्यवस्थित करना है।
- उद्योग स्थान के चयन में कच्चे माल की उपलब्धता, श्रमिक, परिवहन और सरकारी नीतियाँ महत्वपूर्ण कारक हैं।
- एक अच्छा Plant Layout वह होता है जो कार्यकुशलता, सुरक्षा और संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग को सुनिश्चित करता है।
- संयंत्र लेआउट के प्रकार: Process Layout, Product Layout, और Fixed Position Layout।
- Layout Improvement Techniques में SLP, Flow Process Chart, Line Balancing, Space Relationship Diagram, और CAD जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
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