1. रखरखाव की मूल बातें (Basics of Maintenance)

 

1.1 रखरखाव के प्रकार (Types of Maintenance)

1.1.1 मरम्मत (Repair):

  • यह उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें क्षतिग्रस्त या खराब हुए हिस्सों को ठीक किया जाता है।

  • उदाहरण: दीवार में दरार आने पर उसे भरना या सील करना।

1.1.2 रेट्रोफिटिंग (Retrofitting):

  • पुराने निर्माण को नई तकनीक से मज़बूत बनाना।

  • उद्देश्य: भविष्य के लिए संरचना को भूकंप या अन्य जोखिमों से सुरक्षित बनाना।

  • उदाहरण: पुराने भवन में सीज़्मिक बैंड जोड़ना।

1.1.3 री-स्ट्रेंथनिंग (Re-strengthening):

  • क्षतिग्रस्त हिस्सों की संरचनात्मक ताकत को बढ़ाना।

  • इसमें स्टील जैकेटिंग, फाइबर रैपिंग, ग्राउटिंग आदि तकनीकें प्रयोग होती हैं।

1.1.4 पुनर्वास (Rehabilitation):

  • जब कोई संरचना आंशिक रूप से काम करने की स्थिति में हो, तो उसे फिर से उपयोग लायक बनाना

  • इसमें मरम्मत, रेट्रोफिटिंग और उपयोग की स्थिति के अनुसार सुधार होता है।

1.1.5 पुनर्स्थापन (Restoration):

  • किसी संरचना को उसकी मूल स्थिति में वापस लाना

  • विशेषकर ऐतिहासिक इमारतों जैसे किले, मंदिरों आदि के लिए किया जाता है।


1.2 रखरखाव की आवश्यकता, उद्देश्य और महत्व (Necessity, Objectives and Importance)

आवश्यकता (Necessity):

  • समय के साथ प्राकृतिक क्षरण, उपयोग का प्रभाव, और पर्यावरणीय कारक जैसे बारिश, धूप आदि से क्षति होती है।

  • सुरक्षा, दीर्घायु और सेवा जीवन बनाए रखने के लिए जरूरी।

उद्देश्य (Objectives):

  • इमारत को कार्यशील स्थिति में बनाए रखना।

  • जीवनकाल को बढ़ाना और मरम्मत की लागत को कम करना।

  • पर्यावरणीय खतरों से सुरक्षा देना।

महत्व (Importance):

  • भवन की कार्यक्षमता बनाए रखता है।

  • दुर्घटनाओं से बचाव होता है।

  • भवन का मूल्य घटने से रोका जा सकता है।


1.3 रखरखाव के लिए प्रभावी प्रबंधन का दृष्टिकोण (Approach of Effective Management)

  1. नियमित निरीक्षण (Regular Inspection): समय-समय पर जाँच।

  2. रिकॉर्ड मेंटेनेंस: सभी मरम्मत और रखरखाव कार्यों का डेटा।

  3. प्राथमिकता तय करना: कौन-से काम पहले जरूरी हैं।

  4. सामग्री और श्रमिक प्रबंधन: सही सामग्री और प्रशिक्षित व्यक्ति का उपयोग।

  5. बजट प्रबंधन: खर्च का पूर्वानुमान और नियंत्रण।

  6. आपातकालीन योजना: बाढ़, आग, भूकंप जैसे हादसों के लिए तैयार रहना।


1.4 समय-समय पर रखरखाव (Periodical Maintenance)

1.4.1 चेक लिस्ट (Check List):

  • एक सूची जिसमें नियमित रूप से जाँच किए जाने वाले बिंदु शामिल होते हैं।

  • जैसे – छत की रिसाव जाँच, दरारें, प्लंबिंग फिटिंग्स, इलेक्ट्रिकल वायरिंग आदि।

1.4.2 रखरखाव पुस्तिका (Maintenance Manual):

  • इसमें भवन की पूरी योजना, संरचना की जानकारी, रखरखाव की विधियाँ शामिल होती हैं।

1.4.3 रीनफोर्समेंट डिटेल्स (Reinforcement Details):

  • RCC संरचनाओं में प्रयोग हुए स्टील रॉड्स का विवरण।

  • मरम्मत के समय बहुत जरूरी जानकारी।

1.4.4 सामग्री स्रोत (Material Sources):

  • निर्माण और मरम्मत में इस्तेमाल होने वाली सामग्री कहाँ से मिलेगी – इसका रिकॉर्ड।

1.4.5 रखरखाव की आवृत्ति (Maintenance Frequency):

  • कब-कब रखरखाव करना है, इसका समय निर्धारण।

  • जैसे – वार्षिक निरीक्षण, मासिक सफाई, मानसून पूर्व जाँच आदि।

1.4.6 सुधारात्मक रखरखाव प्रक्रिया (Corrective Maintenance Procedures):

  • जब किसी हिस्से में दोष या खराबी आ जाए, तो उसे सुधारने की विधियाँ

  • जैसे – प्लास्टर रिपेयर, क्रैक फिलिंग, लीकेज रोकना आदि।

1.4.7 मानसून पूर्व और बाद रखरखाव (Pre and Post Monsoon Maintenance):

  • मानसून से पहले: छत की वाटरप्रूफिंग, नालियों की सफाई, सीलन की जाँच।

  • मानसून के बाद: लीकेज, सीलन, रिसाव से हुए नुकसान की मरम्मत।

Post a Comment

0 Comments