2. क्षति के कारण और पता लगाने की विधियाँ (Causes and Detection of Damages)

 

2.1 क्षति के कारण (Causes of Damages)

🔸 1. Distress (तनाव या क्षति की स्थिति):

  • लोड क्षमता से अधिक भार पड़ना।

  • खराब निर्माण, गलत डिजाइन, या लोड वितरण में गड़बड़ी से संरचना में तनाव और दरारें आना।

🔸 2. भूकंप (Earthquake):

  • अचानक झटकों से संरचना पर क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर बल लगते हैं।

  • दीवारों, कॉलम, बीम में शीयर और बेंडिंग क्रैक आते हैं।

🔸 3. हवा (Wind):

  • तेज हवाओं से ऊँची इमारतें प्रभावित होती हैं।

  • दीवारों में कंपन, झुकाव और मलबा हटने की संभावना।

🔸 4. बाढ़ (Flood):

  • जलभराव से फाउंडेशन कमजोर होता है।

  • दीवारों में नमी, दरारें और स्लैब में रिसाव।

🔸 5. नमी (Dampness):

  • मिट्टी से या रिसाव से नमी चढ़ने पर एफ्लोरसेंस और प्लास्टर फूटना

  • दीवार कमजोर और सड़ने लगती है।

🔸 6. जंग लगना (Corrosion):

  • RCC में स्टील रॉड को नमी और हवा से जंग लगती है

  • स्टील का वॉल्यूम बढ़ता है और कंक्रीट फटने लगता है।

🔸 7. आग (Fire):

  • कंक्रीट का तापमान 250°C के बाद कमजोर होना शुरू होता है।

  • RCC संरचनाओं में ताकत कम हो जाती है।

🔸 8. खराबी / सड़न (Deterioration):

  • समय के साथ मौसम, प्रदूषण और उपयोग से ढांचा कमजोर हो जाता है।

  • पुरानी इमारतों में आम समस्या।

🔸 9. दीमक (Termites):

  • लकड़ी या फर्नीचर में रहने वाले कीड़े जो संरचना को खोखला बना देते हैं।

🔸 10. प्रदूषण (Pollution):

  • अम्लीय वर्षा (Acid Rain), गैस, रासायनिक तत्व RCC पर असर डालते हैं।

  • कंक्रीट की सतह झड़ने लगती है।

🔸 11. फाउंडेशन बैठना (Foundation Settlement):

  • मिट्टी का दबाव बदलने या पानी की निकासी से जमीन बैठ जाती है

  • दीवारों और फर्श में तिरछापन या दरारें आती हैं।


2.2 क्षति की पहचान हेतु दृश्य निरीक्षण (Visual Observation)

दृश्य निरीक्षण के मुख्य पहलू:

  • दीवारों में दरारों की स्थिति और चौड़ाई।

  • दीवार झुकी है या नहीं।

  • छतों में रिसाव या सीलन के चिन्ह।

  • लोहे की सलाखें बाहर दिख रही हैं या नहीं।

  • दरारें कब बनीं (नयी/पुरानी) – चालू दरार या स्थिर।

  • प्लास्टर उखड़ना, पेंट छिलना, सतह में गुहाएँ (voids)।

  • मापने के उपकरण: दरार गेज, कैमरा, स्केल इत्यादि।


2.3 लोड परीक्षण और नॉन-डिस्ट्रक्टिव परीक्षण (Load & Non-Destructive Tests)

लोड टेस्ट (Load Test):

  • संरचना पर निर्धारित लोड डालकर देखा जाता है कि कितना विक्षेप (deflection) होता है।

  • फ्लोर स्लैब, बीम या बालकनी पर किया जाता है।


2.3.1 क्षतिग्रस्त ढांचे पर NDT परीक्षण

2.3.1.1 रिबाउंड हैमर टेस्ट (Rebound Hammer):

  • सतह पर हथौड़ा मारकर कठोरता (hardness) जाँची जाती है।

  • इसका रिबाउंड वैल्यू कंक्रीट की ताकत का संकेत देता है।

2.3.1.2 अल्ट्रासोनिक पल्स वेलोसिटी (UPV):

  • ध्वनि तरंगें भेजकर यह देखा जाता है कि वे कितनी तेजी से गुजरती हैं।

  • क्रैक, वॉइड, और खराबी का पता चलता है।

2.3.1.3 रीबार लोकेटर (Rebar Locator):

  • लोहे की छड़ (reinforcement) की स्थिति, गहराई और व्यास पता लगाता है।

2.3.1.4 क्रैक डिटेक्शन माइक्रोस्कोप:

  • दरारों की सूक्ष्मता से जांच करने के लिए।

  • क्रैक की चौड़ाई और गहराई मापी जाती है।

2.3.1.5 डिजिटल क्रैक माप गेज:

  • डिजिटल तरीके से दरार की सटीक चौड़ाई मापने वाला उपकरण।


2.4 रासायनिक परीक्षण (Chemical Tests)

2.4.1 क्लोराइड टेस्ट (Chloride Test):

  • कंक्रीट में क्लोराइड आयन की उपस्थिति जाँचता है।

  • अधिक मात्रा से स्टील में जंग लगती है

2.4.2 सल्फेट अटैक (Sulphate Attack):

  • सल्फेट्स से कंक्रीट में एक्सपैंशन और दरारें हो सकती हैं।

  • विशेष रूप से नमी वाले स्थानों पर।

2.4.3 कार्बोनेशन टेस्ट (Carbonation Test):

  • कंक्रीट में CO₂ घुसने से pH कम हो जाता है, जिससे स्टील को जंग लगता है।

2.4.4 pH मापन (pH Measurement):

  • कंक्रीट का क्षारीयता स्तर नापने के लिए।

  • सामान्यतः 12-13 pH होता है, कम होने पर करप्शन का खतरा बढ़ता है।

2.4.5 रेजिस्टिविटी मेथड (Resistivity Method):

  • कंक्रीट की बिजली प्रवाह क्षमता को मापता है।

  • उच्च रेजिस्टिविटी = कम करप्शन संभावना।

2.4.6 हाफ-सेल पोटेंशियल मीटर (Half-Cell Potential Meter):

  • स्टील में करप्शन की संभावना को जाँचता है।

  • सतह पर इलेक्ट्रोड रखकर पोटेंशियल मापा जाता है।


📌 संक्षेप सारणी (Quick Summary Table)

प्रकारविधि / परीक्षणउद्देश्य
दृश्य निरीक्षणदरारें, नमी, झुकाव आदि की जाँचप्रारंभिक पहचान
NDTरिबाउंड हैमर, UPV, रीबार लोकेटरबिना नुकसान किए ताकत जाँच
रासायनिक परीक्षणक्लोराइड, कार्बोनेशन, pHजंग, रासायनिक क्षति की जाँच
लोड परीक्षणनिर्धारित भार डालकरसंरचना की वास्तविक ताकत जाँच

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