3. अनुरक्षण और मरम्मत के लिए सामग्री (Materials for Maintenance and Repairs)

 

3.1 मरम्मत सामग्री के प्रकार और चयन (Types of Repair Material & Material Selection)

मरम्मत सामग्री के प्रकार:

  1. बाइंडर्स (Binders):

    • सीमेंट, लाइम, एपॉक्सी, पॉलिमर रेजिन।

  2. फिलर मटेरियल्स:

    • सैंड, मोर्टार, पुट्टी, ग्राउट।

  3. बॉन्डिंग एजेंट्स:

    • एपॉक्सी, लेटेक्स, पॉलीमर इमल्शन।

  4. कोटिंग्स:

    • वाटरप्रूफिंग कोट, एंटी-करप्शन पेंट।

  5. सुदृढ़ीकरण मटेरियल:

    • स्टील मेश, वायर फैब्रिक, फेरो-सीमेंट प्लेटें।

सामग्री का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें:

  • मरम्मत का उद्देश्य (संरचनात्मक/सौंदर्य)।

  • पुरानी सामग्री से मिलान (क्लर, टेक्सचर)।

  • जलवायु, स्थान और लोडिंग कंडीशन।

  • उपलब्धता, लागत और लागू करने में आसानी।


3.2 मरम्मत सामग्री की मुख्य विशेषताएँ (Essential Parameters)

1. सब्सट्रेट से अच्छा बॉन्ड (Bond with Substrate):

  • नई सामग्री को पुराने ढांचे से अच्छी तरह चिपकना चाहिए।

2. टिकाऊपन (Durability):

  • दीर्घकालिक प्रभाव के लिए सामग्री जल, मौसम, रासायनिक क्रिया के विरुद्ध मजबूत होनी चाहिए।

3. थर्मल संगतता:

  • पुरानी और नई सामग्री के थर्मल एक्सपेंशन गुण मिलते-जुलते हों।

4. कार्यक्षमता (Workability):

  • सामग्री को आसानी से लगाया जा सके।


3.3 जलरोधक सामग्री (Waterproofing Materials)

3.3.1 पॉलिमर संशोधित सीमेंट स्लरी (Polymer Modified Cement Slurry)

  • सीमेंट में अॅक्रेलिक पॉलिमर मिलाकर बनाई जाती है।

  • छतों, टेरेस, बेसमेंट आदि के लिए उपयुक्त।

3.3.2 यूवी प्रतिरोधक एक्रेलिक पॉलिमर (UV Resistant Acrylic Polymer)

  • सूरज की किरणों से खराब नहीं होता।

  • बाहरी दीवारों और टेरेस के लिए उपयुक्त।

3.3.3 फेरो-सीमेंट (Ferro-cement)

  • पतली स्टील जाली + सीमेंट मोर्टार।

  • जलरोधी, मजबूत और लचीला।

  • टैंकों, छत, दीवारों में उपयोग।


3.4 मैसनरी के लिए मरम्मत सामग्री (Repairing Materials for Masonry)

3.4.1 प्लास्टिक/एल्युमिनियम निप्पल (Plastic/Aluminum Nipples)

  • दरारों में इंजेक्शन ग्राउटिंग के लिए प्रयोग।

3.4.2 नॉन-श्रिंक सीमेंट (Non-Shrink Cement)

  • सूखने पर सिकुड़ता नहीं, जिससे क्रैक नहीं आता।

  • दरार भरने में उत्तम।

3.4.3 पॉलिएस्टर पुट्टी या 1:3 सीमेंट बालू मोर्टार

  • सतही दरारों और प्लास्टर सुधारने में उपयोग।

3.4.4 गैल्वनाइज्ड स्टील वायर फैब्रिक और क्लैम्पिंग रॉड्स

  • दरारों को जोड़ने व मजबूत करने के लिए।

  • क्रैक ब्रिजिंग में उपयोग।

3.4.5 वायर नेल्स (Wire Nails)

  • जोड़ को मजबूती देने व दीवार को पकड़ने में सहायक।

3.4.6 फेरो-सीमेंट प्लेट्स (Ferro-Cement Plates)

  • कोनों और कमजोर हिस्सों में सुदृढ़ीकरण हेतु।

  • थिन प्लेट्स जो दरारें रोकती हैं।


3.5 RCC के लिए मरम्मत सामग्री (Repairing Materials for RCC)

3.5.1 एपॉक्सी रेजिन (Epoxy Resins)

  • हाई स्ट्रेंथ, तेजी से जुड़ने वाली रसायनिक सामग्री।

  • क्रैक इंजेक्शन, स्टील बॉन्डिंग में प्रयोग।

3.5.2 एपॉक्सी मोर्टार (Epoxy Mortar)

  • एपॉक्सी + सैंड से बना मोटा पेस्ट।

  • बड़ी दरारों, बीम और कॉलम की मरम्मत में उपयोग।

3.5.3 पॉलीप्रोपाइलीन व सिलिकॉन मिला सीमेंट मोर्टार

  • अधिक लचीलापन और जलरोधकता।

  • वाटर टैंक, बाथरूम के लिए आदर्श।

3.5.4 पॉलिमर कंक्रीट कंपोजिट (Polymer Concrete Composites)

  • पॉलिमर से भरपूर कंक्रीट, जो केमिकल और वाटर रेसिस्टेंट होता है।

3.5.5 सीलेंट्स (Sealants)

  • दरारों को भरने वाले फ्लेक्सिबल पदार्थ।

  • सिलिकॉन, ऐक्रेलिक बेस्ड।

3.5.6 फाइबर रिइंफोर्स्ड कंक्रीट (FRC)

  • फाइबर मिलाकर मजबूत और दरार प्रतिरोधक कंक्रीट।

3.5.7 इमल्शन और पेंट्स (Emulsions and Paints)

  • वाटरप्रूफिंग और सुंदरता के लिए।

  • एंटी-फंगल, यूवी रेजिस्टेंट।

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