4. मैसनरी निर्माण की मरम्मत और अनुरक्षण विधियाँ

 

4.1 दीवारों में दरारें आने के कारण (Causes of Cracks in Walls)

4.1.1 दीवार का उभरना (Bulging) और संकुचन (Shrinkage)

  • दीवार के बीच से बाहर निकलना या मुड़ना।

  • कारण: नींव का बैठना, खराब ईंट जोड़, नमी के कारण संकुचन

4.1.2 बंधन में कमजोरी (Bonding) और शीयर फोर्स (Shear)

  • ईंटें एक-दूसरे से अच्छी तरह नहीं जुड़ी होतीं।

  • भूकंप या असमान लोड से शीयर क्रैक बनते हैं।

4.1.3 तनावजन्य दरारें (Tensile Cracks)

  • ऊर्ध्वाधर लोड या थर्मल एक्सपेंशन से पैदा होती हैं।

  • विशेषकर लंबी दीवारों में पाई जाती हैं।

4.1.4 पेड़-पौधों की जड़ें (Vegetation)

  • दीवारों या नींव के पास उगने वाले पौधे/झाड़ियाँ दीवारों को फोड़ देती हैं

  • दीवारों में दरारें और झुकाव का कारण बनती हैं।


4.2 संभावित दरार स्थान (Probable Crack Locations)

4.2.1 मुख्य दीवार और क्रॉस वॉल का जंक्शन

  • जोड़ में लोड ट्रांसफर सही न होने पर दरारें।

4.2.2 स्लैब और दीवार का जंक्शन

  • थर्मल मूवमेंट या कंक्रीट-ईंट में भिन्न थर्मल एक्सपेंशन से दरारें।

4.2.3 ईंट की जोड़ों में दरारें (Masonry Joints)

  • खराब जुड़ाई, संकुचन या कम सीमेंट सामग्री से होती हैं।


4.3 दरार के प्रकार पर आधारित मरम्मत विधियाँ (Repair Methods Based on Crack Type)

4.3.1 छोटे और मध्यम दरारें (0.5 मिमी – 5 मिमी चौड़ी): ग्राउटिंग

  • सीमेंट ग्राउट या पॉलिमर ग्राउट से दरारें भरी जाती हैं।

  • दरार को सील करने और ताकत बहाल करने का कार्य।

4.3.2 बड़ी दरारें (>5 मिमी): मेष लगाना (Fixing Mesh)

  • दरार के ऊपर स्टील या फाइबर मेश लगाकर प्लास्टर किया जाता है।

  • यह दरार को और फैलने से रोकता है।

4.3.3 RCC बैंड लगाना

  • क्षतिग्रस्त दीवार के ऊपर/बीच में RCC बैंड डाला जाता है।

  • विशेष रूप से भूकंप रोधी निर्माण में अनिवार्य।

  • यह लोड को संतुलित करने में मदद करता है।

4.3.4 कोनों पर फेरो-सीमेंट प्लेट लगाना

  • फेरो-सीमेंट प्लेटें कोनों पर लगाने से दरारों और टूट-फूट को रोका जाता है।

  • यह सुदृढ़ीकरण (strengthening) के लिए प्रभावी है।

4.3.5 डॉवेल बार लगाना

  • दरार के दोनों ओर स्टील की रॉड (dowel bars) डालकर जोड़ा जाता है।

  • यह दरार के दोनों हिस्सों को आपस में जोड़कर स्थिरता लाता है।

4.3.6 लोड-बेयर दीवार का प्रॉपिंग (Propping)

  • लोड-बेयरिंग दीवार में अगर बहुत दरार है, तो अस्थायी सहारा (props) लगाया जाता है।

  • इससे मरम्मत के दौरान ढांचा गिरने से बचता है।


4.4 नमी और सफेद जमाव (Efflorescence) के निवारक उपाय

नमी (Dampness) के उपाय:

  • दीवारों में डैम्प-प्रूफ कोर्स (DPC) देना।

  • दरारों और जोड़ों को सीलेंट या ग्राउट से भरना।

  • बाहरी दीवारों पर वाटरप्रूफ कोटिंग लगाना।

एफ्लोरसेंस (Efflorescence) के उपाय:

  • सूखी ब्रशिंग या स्क्रैपिंग से सफेद पाउडर हटाना।

  • फिर गर्म पानी से धोना और सतह को सूखने देना।

  • सल्फ्यूरिक एसिड (5-10%) से उपचार (ध्यानपूर्वक)।

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