✅ 5.1 मरम्मत की विभिन्न अवस्थाएँ (Repair Stages)
1. कंक्रीट को हटाना और सतह की तैयारी
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क्षतिग्रस्त, कमजोर या दरारयुक्त कंक्रीट को हटाना होता है।
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हटाने की विधियाँ: हथौड़े से तोड़ना, वाटर जेट, या मैकेनिकल चिपिंग।
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सरफेस प्रिपरेशन:
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रस्ट हटाने के लिए वायर ब्रश, सैंड ब्लास्टिंग।
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सतह को खुरदरा बनाया जाता है ताकि नया मटीरियल अच्छी तरह जुड़ सके।
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2. उचित फॉर्मवर्क लगाना
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मरम्मत सामग्री को आकार देने और पकड़ने के लिए।
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फॉर्मवर्क लीक-प्रूफ, मज़बूत और आसानी से हटने योग्य होना चाहिए।
3. बोंडिंग/पैसिव कोटिंग लगाना
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पुराने और नए कंक्रीट के बीच बॉन्डिंग एजेंट (जैसे एपॉक्सी) लगाया जाता है।
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पैसिव कोटिंग (जैसे जिंक रिच पेंट) से रबर की जंग रुकती है।
4. मरम्मत सामग्री लगाना
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चुनी हुई मरम्मत सामग्री जैसे पॉलीमर मॉर्टार, नॉन-श्रिंक ग्राउट या एपॉक्सी मोर्टार लगाया जाता है।
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अच्छी क्योरिंग और फिनिशिंग ज़रूरी होती है।
✅ 5.2 मरम्मत के विकल्प (Repair Options)
1. ग्राउटिंग (Grouting)
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सीमेंट या रसायनिक ग्राउट को दरारों में भरकर ताकत और जल रोधकता वापस लाई जाती है।
2. पैच रिपेयर (Patch Repair)
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छोटे हिस्सों (जैसे बीम कोनों, कॉलम की सतह) की मरम्मत।
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क्षतिग्रस्त भाग हटाकर नया सीमेंट या एपॉक्सी मोर्टार लगाया जाता है।
3. कार्बोनेटेड कंक्रीट की मरम्मत
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जब कार्बोनेशन के कारण pH कम हो जाता है, तो स्टील में जंग लगती है।
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उपाय:
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कार्बोनेटेड कंक्रीट हटाना।
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क्षारीय मरम्मत मोर्टार और स्टील कोटिंग लगाना।
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4. रस्ट लगे स्टील की सफाई
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वायर ब्रश, सैंड ब्लास्टिंग या केमिकल क्लीनिंग से जंग हटाई जाती है।
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फिर एंटी-रस्ट कोटिंग लगाई जाती है।
5. कंक्रीट ओवरले
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पुराने कंक्रीट के ऊपर नई परत डाली जाती है।
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लोड बढ़ाने और सतह को ठीक करने में उपयोगी।
6. लेटेक्स कंक्रीट
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लेटेक्स मिलाकर कंक्रीट को ज्यादा लचीला और वाटरप्रूफ बनाया जाता है।
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बाथरूम, टेरेस, पूल्स के लिए उपयुक्त।
7. एपॉक्सी-बॉन्डेड मोर्टार/कंक्रीट
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एपॉक्सी से जोड़कर पुरानी और नई सतह को एकजुट किया जाता है।
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ज्यादा मजबूत, टिकाऊ और रासायनिक रूप से प्रतिरोधक।
8. पॉलीमर कंक्रीट
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सीमेंट के स्थान पर पॉलीमर रेज़िन का उपयोग होता है।
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उच्च ताकत और रासायनिक प्रतिरोधकता।
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औद्योगिक फर्श आदि में उपयोगी।
9. जाकेटिंग (Jacketing)
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कॉलम या बीम के चारों ओर नया आरसीसी कवर डाला जाता है।
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ताकत बढ़ाने, क्रैक को रोकने, और जंग से बचाने का उपाय।
✅ 5.3 बिल्डिंग की दरारें और उनकी रोकथाम
स्थिर दरारें (Dormant Cracks) के लिए मरम्मत विधियाँ:
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एपॉक्सी इंजेक्शन
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दरार में एपॉक्सी रेजिन भरकर मोनोलिथिक स्ट्रेंथ वापस लाना।
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ग्रूविंग और सीलिंग
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दरार को काटकर, साफ कर, सीलेंट से भरा जाता है।
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स्टिचिंग
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दरार के आर-पार स्टील की U शेप बार डाली जाती है, जिससे दरार फैलती नहीं।
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ग्राउटिंग
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बड़ी दरारों या छिद्रों में सीमेंट/पॉलीमर ग्राउट भरा जाता है।
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गनाइटिंग / शॉटक्रेटिंग
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हाई प्रेशर से मोर्टार का छिड़काव, सतह की पूरी मरम्मत के लिए।
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✅ 5.4 सक्रिय दरारों के लिए सुदृढ़ीकरण विधियाँ (Strengthening for Live Cracks)
1. रिइंफोर्समेंट जोड़ना
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नई स्टील रॉड्स या जाल बीम, कॉलम में जोड़कर ताकत बढ़ाई जाती है।
2. जाकेटिंग
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पूरे कॉलम या बीम को नए RCC जाकेट से घेर देना।
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भूकंप जैसी घटनाओं के बाद आम उपाय।
3. ब्रैकेट्स और कॉलर
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बीम-कॉलम जॉइंट पर ब्रैकेट लगाने से लोड ट्रांसफर बेहतर होता है।
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कॉलर से कॉलम की स्थिरता बढ़ाई जाती है।
4. पूरक सदस्य (Supplementary Members)
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शोरिंग: अस्थायी सपोर्ट से ढांचा सुरक्षित रहता है।
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अंडरपिनिंग: नींव की ताकत बढ़ाने के लिए।
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प्रॉपिंग: मरम्मत के दौरान लोड को सहारा देना।
🔁 पुनरावृत्ति सारांश (Quick Summary Table)
मरम्मत का तरीका | उपयोग | प्रमुख सामग्री |
---|---|---|
एपॉक्सी इंजेक्शन | महीन स्थिर दरारें | एपॉक्सी रेजिन |
पैच रिपेयर | सतही टूट-फूट | सीमेंट/पॉलीमर मोर्टार |
जाकेटिंग | स्ट्रक्चरल मजबूती | RCC / स्टील |
ग्राउटिंग | दरारें या खाली स्थान | सीमेंट या केमिकल ग्राउट |
गनाइटिंग/शॉटक्रेटिंग | बड़ी सतह की मरम्मत | सीमेंट मोर्टार |
स्टिचिंग | स्ट्रक्चरल दरारें | स्टील रॉड, ग्राउट |
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