UNIT 2: PRODUCT LIFECYCLE – उत्पाद जीवन चक्र

 

📘 UNIT 2: PRODUCT LIFECYCLE – उत्पाद जीवन चक्र

▪ परिभाषा:

Product Life Cycle (PLC) किसी भी उत्पाद के बाज़ार में आने से लेकर, उसके बढ़ने, स्थिर रहने और फिर धीरे-धीरे ख़त्म होने तक की पूरी यात्रा को कहा जाता है।

एक तरह से, यह उत्पाद की “जन्म से मृत्यु” तक की कहानी है।


2.1 The Challenges of Product Development ➤ उत्पाद विकास की चुनौतियाँ

  1. ग्राहक की बदलती ज़रूरतें
    ➤ जैसे-जैसे समय बदलता है, ग्राहक की पसंद बदलती है।

  2. तकनीकी बदलाव
    ➤ पुराने उत्पादों की जगह नई तकनीक ले लेती है।

  3. प्रतिस्पर्धा (Competition)
    ➤ मार्केट में कई विकल्प आ जाते हैं।

  4. लागत (Cost)
    ➤ नया उत्पाद बनाना महंगा हो सकता है।

  5. फेलियर रिस्क
    ➤ हर नया उत्पाद सफल नहीं होता।


2.2 Product Analysis ➤ उत्पाद का विश्लेषण

उत्पाद विश्लेषण में हम इन चीजों को देखते हैं:

  • उत्पाद का मूल्य (Price)

  • ग्राहक की ज़रूरत कितनी है (Demand)

  • प्रतिस्पर्धा कौन-कौन है

  • उत्पाद की विशेषताएँ

  • उत्पाद के सुधार की संभावनाएँ

✅ उदाहरण: किसी मोबाइल ब्रांड के कैमरा फीचर्स का विश्लेषण


2.3 Product Characteristics ➤ उत्पाद की विशेषताएँ

  • गुणवत्ता (Quality)

  • विश्वसनीयता (Reliability)

  • उपयोगिता (Usability)

  • सुरक्षा (Safety)

  • टिकाऊपन (Durability)

  • आकर्षण (Aesthetics)


2.4 Economic Considerations ➤ आर्थिक पहलू

  • उत्पादन लागत (Manufacturing cost)

  • वितरण लागत (Distribution cost)

  • लाभ मार्जिन (Profit Margin)

  • बिक्री मूल्य निर्धारण (Pricing)

  • निवेश पर लाभ (ROI)

📊 हर उत्पाद को बाज़ार में टिकने के लिए लाभकारी होना ज़रूरी है।


2.5 Production and Marketing Aspects ➤ उत्पादन और विपणन (मार्केटिंग)

Production Side:

  • संसाधन (Resources)

  • मशीनरी और श्रमिक

  • गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Check)

Marketing Side:

  • ब्रांडिंग और पैकेजिंग

  • प्रचार (Advertising)

  • सेल्स चैनल (Online, Offline)

  • ग्राहक सेवा (After-sales)


2.6 Characteristics of Successful Product Development ➤ सफल उत्पाद की विशेषताएँ

  • ग्राहक की सही जरूरत पहचानना

  • नवाचार (Innovation)

  • तेज़ी से बाज़ार में लॉन्च

  • गुणवत्ता और मूल्य का संतुलन

  • मजबूत मार्केटिंग

  • ग्राहक संतुष्टि


2.7 Phases of a Generic Product Development Process ➤ सामान्य उत्पाद विकास की अवस्थाएँ

  1. Need Identification

  2. Concept Development

  3. Feasibility Study

  4. Design & Prototyping

  5. Testing & Feedback

  6. Final Product Launch

🔁 इस प्रक्रिया में अक्सर Iteration यानी बार-बार सुधार होता है।


2.8 Customer Need Identification ➤ ग्राहक की ज़रूरत को पहचानना

  • सर्वे और इंटरव्यू

  • सोशल मीडिया विश्लेषण

  • बिक्री डेटा का अध्ययन

  • ग्राहक से सीधे बात

उदाहरण:
अगर लोग अधिक battery backup वाला मोबाइल माँग रहे हैं, तो वह ज़रूरत मानी जाएगी।


2.9 Product Development Practices and Industry Strategies ➤ विकास की व्यावसायिक रणनीतियाँ

  • Design Thinking
    ➤ ग्राहक को केंद्र में रखकर डिजाइन करना

  • Lean Product Development
    ➤ कम लागत और समय में बढ़िया उत्पाद

  • Agile Methods
    ➤ छोटे-छोटे चरणों में तेज़ी से कार्य करना

  • Benchmarking
    ➤ प्रतियोगियों से सीखना और बेहतर करना

  • Product Line Strategy
    ➤ एक ही प्रोडक्ट का कई वैरिएंट बनाना


🔄 PRODUCT LIFE CYCLE के मुख्य चरण (Main Stages of PLC)

[1] Introduction ➤ [2] Growth ➤ [3] Maturity ➤ [4] Decline

1. Introduction Stage (परिचय)

  • नया उत्पाद

  • खर्च अधिक, लाभ कम

  • भारी मार्केटिंग

2. Growth Stage (वृद्धि)

  • बिक्री बढ़ती है

  • ब्रांड जागरूकता बनती है

  • लाभ मिलने लगता है

3. Maturity Stage (परिपक्वता)

  • बिक्री स्थिर होती है

  • प्रतियोगिता अधिक

  • कीमतें गिरती हैं

4. Decline Stage (गिरावट)

  • बिक्री कम

  • ग्राहक कम हो जाते हैं

  • नया उत्पाद लाना पड़ता है

✅ उदाहरण:
नोकिया मोबाइल – maturity से decline
स्मार्टफोन – growth या maturity

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