Hey Welcome to BTER Rajasthan Polytechnic.
1. Join Groups for PDF's & Regular Updates
Join the community of Civil Engineering students at BTER Polytechnic and stay updated:
- Telegram Channel: Join Telegram Channel 📱
- WhatsApp Group: Join WhatsApp Group 💬
- YouTube Channel: Visit YouTube Channel 🎥
2. Help & Donations 💖
If you find our resources helpful and wish to support our initiative, your donation will help us continue improving and providing valuable study material.
- UPI ID: garimakanwarchauhan@oksbi
- QR Code:
💰 Your support matters! Every contribution helps us reach more students and provide better resources! 🙏
3. Notes Website
- Official Notes Website: Visit Notes Website 📝
This website provides all study materials, notes, and important updates for Civil Engineering students.
4. Important Links
Explore the following links for additional resources and exam preparation:
- Syllabus: Download Syllabus 📚
- Previous Year Papers: View Previous Year Papers 🗂️
- Study Materials: Download Study Materials 📑
यूनिट 1: ऊर्जा संसाधन और नवीकरणीय ऊर्जा का परिचय
यह यूनिट ऊर्जा उपयोग, ऊर्जा संसाधनों, पर्यावरणीय प्रभाव और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों के बुनियादी पहलुओं का अध्ययन करती है। इसका उद्देश्य वैश्विक और भारतीय संदर्भ में वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य, इसके प्रभाव और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों की संभावनाओं को समझाना है। आइए इसे सरल और समझने योग्य बिंदुओं में समझें, उदाहरणों और आरेखों के साथ।
1.1 विश्व ऊर्जा उपयोग
ऊर्जा उपयोग का मतलब है ऊर्जा संसाधनों जैसे जीवाश्म ईंधन, परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपभोग। ऊर्जा आर्थिक विकास, औद्योगिक गतिविधियों, परिवहन और घरेलू आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण है।
वैश्विक ऊर्जा खपत का विभाजन:
- जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस): वैश्विक ऊर्जा खपत का सबसे बड़ा हिस्सा। ये गैर-नवीकरणीय संसाधन हैं और पर्यावरणीय प्रदूषण का कारण बनते हैं।
- नवीकरणीय ऊर्जा (सूर्य, पवन, जल विद्युत, बायोमास): यह अभी भी एक छोटा लेकिन बढ़ता हुआ हिस्सा है, जो स्थिरता में योगदान करता है।
- परमाणु ऊर्जा: यह वैश्विक बिजली उत्पादन में महत्वपूर्ण हिस्सा प्रदान करती है लेकिन इसके साथ सुरक्षा और रेडियोधर्मी अपशिष्टों से जुड़े मुद्दे हैं।
विश्व ऊर्जा उपयोग के रुझान:
- विकसित देशों में ऊर्जा का उपयोग अधिक होता है, क्योंकि उनकी औद्योगिकीकरण और जीवन स्तर उच्च होते हैं।
- विकासशील देशों में ऊर्जा का उपयोग बढ़ रहा है क्योंकि वे औद्योगिकीकरण और शहरीकरण की दिशा में बढ़ रहे हैं।
उदाहरण:
- चीन और भारत तेजी से ऊर्जा उपभोक्ता बन रहे हैं क्योंकि ये देश औद्योगिकीकरण और जनसंख्या वृद्धि का सामना कर रहे हैं। हालांकि, इन देशों को स्थिरता और पर्यावरणीय चिंताओं से संबंधित ऊर्जा चुनौतियाँ भी हैं।
1.2 ऊर्जा संसाधनों के भंडार
ऊर्जा संसाधनों को दो श्रेणियों में बाँटा जाता है: नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय।
गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन:
-
जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस): ये संसाधन सीमित होते हैं और इन्हें मानव समयरेखा पर फिर से नहीं बनाया जा सकता। जीवाश्म ईंधनों के भंडार घट रहे हैं, जिससे भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंताएँ पैदा हो रही हैं।
-
वैश्विक तेल भंडार: तेल के प्रमुख भंडार सऊदी अरब, रूस, और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में पाए जाते हैं।
-
कोयला भंडार: चीन, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में बड़े कोयला भंडार हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन:
- सौर ऊर्जा: सूर्य लगभग असीमित ऊर्जा प्रदान करता है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का विशाल संभावनाएं हैं, जहाँ अधिक धूप होती है।
- पवन ऊर्जा: पवन टर्बाइन हवा से ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए तटीय और पहाड़ी क्षेत्र सर्वोत्तम होते हैं।
- जल विद्युत: बहते पानी का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। थ्री गॉर्जेस डेम (चीन) एक उदाहरण है।
आरेख:
- वैश्विक ऊर्जा भंडार: एक पाई चार्ट जो दुनिया में विभिन्न प्रकार के ऊर्जा भंडार के अनुपात को दिखाता है (तेल, कोयला, गैस, नवीकरणीय)।
1.3 ऊर्जा उपयोग के पर्यावरणीय पहलू
ऊर्जा उपयोग का पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है, खासकर जब यह गैर-नवीकरणीय संसाधनों से लिया जाता है। इन प्रभावों में शामिल हैं:
जीवाश्म ईंधन का प्रभाव:
- वायु प्रदूषण: कोयला, तेल, और गैस जलाने से हानिकारक प्रदूषक जैसे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जित होते हैं, जो वैश्विक तापन और वृष्टि का अम्लीयकरण का कारण बनते हैं।
- जलवायु परिवर्तन: जीवाश्म ईंधन जलाने से ग्रीनहाउस गैसें (GHGs) उत्सर्जित होती हैं, जो वातावरण में गर्मी को फँसाती हैं, जिसके कारण जलवायु परिवर्तन होता है। CO2 मुख्य ग्रीनहाउस गैस है।
परमाणु ऊर्जा का प्रभाव:
- रेडियोधर्मी कचरा: परमाणु ऊर्जा खतरनाक अपशिष्ट उत्पन्न करती है, जो हजारों वर्षों तक रेडियोधर्मी रहते हैं, और इनका निपटान एक दीर्घकालिक समस्या है।
- परमाणु दुर्घटनाएँ: चेरनोबिल (1986) और फुकुशिमा (2011) जैसी दुर्घटनाओं ने परमाणु ऊर्जा के पर्यावरणीय जोखिमों को दिखाया है।
नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभाव:
- सौर और पवन ऊर्जा: ये बहुत साफ और स्थिर स्रोत हैं, लेकिन इनसे स्थानीय पर्यावरणीय प्रभाव हो सकते हैं, जैसे सौर फार्मों के लिए भूमि उपयोग या पवन टर्बाइनों के पक्षियों पर प्रभाव।
- जल विद्युत: बड़े बांध पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं और स्थानीय समुदायों को विस्थापित कर सकते हैं, हालांकि छोटे पैमाने पर परियोजनाओं का पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।
उदाहरण:
- पेरिस समझौता (2015) ने वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए थे, और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बदलाव को बढ़ावा दिया।
1.4 नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य भारत और दुनिया में
वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य:
- कई देश जीवाश्म ईंधन की समाप्ति और जलवायु परिवर्तन की चिंताओं के कारण नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपना रहे हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी देश:
- जर्मनी: सौर और पवन ऊर्जा में अग्रणी है।
- चीन: दुनिया का सबसे बड़ा सौर पैनल और पवन टर्बाइन उत्पादक और उपभोक्ता।
- यूएसए: पवन और सौर ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा:
भारत भी ऊर्जा सुरक्षा और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा अपना रहा है।
- पवन ऊर्जा: भारत दुनिया का 4वाँ सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक है।
- सौर ऊर्जा: भारत ने 2022 तक 100 GW सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
चुनौतियाँ:
- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उच्च प्रारंभिक निवेश लागत।
- विकेंद्रीकरण ऊर्जा स्रोतों को संभालने के लिए ग्रिड संरचना में सुधार की आवश्यकता।
आरेख:
- वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन: एक बार चार्ट जो प्रमुख देशों द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन को तुलना करता है।
1.5 नवीकरणीय ऊर्जा की संभावनाएँ; उपलब्धियाँ/ अनुप्रयोग
नवीकरणीय ऊर्जा की संभावनाएँ:
- सौर ऊर्जा: भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में उच्च सौर विकिरण के कारण इसका विशाल संभावनाएं हैं।
- पवन ऊर्जा: तटीय क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र और खुले मैदान पवन ऊर्जा के लिए आदर्श होते हैं।
- बायोमास: कृषि अपशिष्ट और वन अवशेषों का उपयोग जैव ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
उपलब्धियाँ:
- भारत: 2020 में भारत दुनिया का 4वाँ सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक बना।
- जर्मनी: जर्मनी ने 2020 में अपनी बिजली का 46% नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पादन किया।
- चीन: सौर ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता में चीन सबसे आगे है।
अनुप्रयोग:
- सौर ऊर्जा से चलने वाले घर और सौर पार्क।
- पवन फार्म तटीय और पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली उत्पन्न करते हैं।
- बायो गैस संयंत्र जो ग्रामीण क्षेत्रों में जैविक अपशिष्ट को उपयोगी ऊर्जा में बदलते हैं।
उदाहरण: गुजरात सोलर पार्क भारत का एक विशाल सौर पार्क है जिसमें 5 GW की क्षमता है।
1.6 नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों की अर्थशास्त्र
नवीकरणीय ऊर्जा की लागत:
- प्रारंभिक पूंजी लागत: नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों (सौर पैनल, पवन टर्बाइन, आदि) में सामान्यत: उच्च प्रारंभिक लागत होती है।
- संचालन लागत: एक बार स्थापित होने पर, संचालन लागत जीवाश्म ईंधन वाले विद्युत संयंत्रों के मुकाबले अपेक्षाकृत कम होती है।
आर्थिक लाभ:
- रोज़गार सृजन: नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विशेष रूप से स्थापना, रखरखाव और निर्माण में महत्वपूर्ण रोजगार सृजन होता है।
- ऊर्जा स्वतंत्रता: यह विदेशी तेल और गैस पर निर्भरता को कम करता है, जिससे देश अधिक ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करते हैं।
- कम संचालन लागत: एक बार स्थापित होने पर, नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियाँ ईंधन की लागत नहीं होने के कारण दीर्घकालिक रूप से आर्थिक रूप से प्रभावी होती हैं।
सरकारी समर्थन:
- कई देश नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, कर छूट, और नीति समर्थन प्रदान करते हैं।
उदाहरण:
- सौर पैनलों के लिए सब्सिडी: कई देशों, विशेष रूप से भारत, ने उपभोक्ताओं के लिए सौर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की है, ताकि लागत का बोझ कम किया जा सके।
निष्कर्ष
नवीकरणीय ऊर्जा स्थिरता के लिए भविष्य का मार्ग है, जो जीवाश्म ईंधनों के मुकाबले पर्यावरणीय रूप से स्वच्छ और आर्थिक रूप से व्यावहारिक विकल्प प्रदान करती है। दुनिया तेजी से स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है, और भारत इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। हालांकि प्रारंभिक लागत, प्रौद्योगिकी और अवसंरचना से जुड़ी चुनौतियाँ हैं, नवीकरणीय ऊर्जा के दीर्घकालिक लाभ—जैसे पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा सुरक्षा और रोजगार सृजन—इसे वैश्विक ऊर्जा समाधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं।
📢 🔔 Download PDF & Join Study Groups:
📥 WhatsApp Group: Join Now
📥 Telegram Channel: Join Now
📺 Watch Lecture on YouTube: BTER Polytechnic Classes
📍 Stay connected for more study materials! 🚀
Thank You for Visiting!
We wish you all the best for your studies. Keep learning, and don't hesitate to reach out for help! 📚✨
0 Comments