Unit 5: Other Renewable Energy Sources in Hindi

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यूनिट 5: अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (Other Renewable Energy Sources)

सौर, पवन और बायोमास ऊर्जा के अलावा, कुछ अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं जो भविष्य में ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये स्रोत प्राकृतिक शक्तियों जैसे महासागर, भू-तापीय ऊष्मा और हाइड्रोजन का उपयोग करके ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। नीचे इन स्रोतों की विस्तृत व्याख्या दी गई है:


5.1 ज्वारीय ऊर्जा (Tidal Energy)

ज्वारीय ऊर्जा वह ऊर्जा है जो समुद्र की जलस्तर में होने वाले उतार-चढ़ाव से प्राप्त होती है, जिसे चंद्रमा और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करता है। यह गति बिजली उत्पन्न करने के लिए उपयोग की जाती है।

  • कैसे काम करता है: ज्वारीय ऊर्जा को ज्वारीय स्ट्रीम जनरेटर (जो समुद्र के नीचे पवन टरबाइनों की तरह होते हैं) या ज्वारीय बैरेज (समुद्र की खाड़ी के पार डेम) का उपयोग करके पकड़ा जा सकता है। जैसे ही ज्वार बढ़ता और घटता है, पानी इस बैरेज से होकर गुजरता है और टरबाइन घुमाकर बिजली उत्पन्न करता है।

  • फायदे:

    • यह ऊर्जा स्रोत पूर्वानुमेय और विश्वसनीय है।
    • जीवाश्म ईंधन की तुलना में पर्यावरण पर कम प्रभाव डालता है।
  • नुकसान:

    • स्थापना और रखरखाव की लागत बहुत अधिक होती है।
    • यह केवल उन स्थानों पर संभव है जहां ज्वारीय गति ज्यादा होती है।
  • उदाहरण: ला रांस ज्वारीय पावर स्टेशन (फ्रांस) जो 1966 से संचालित हो रहा है, दुनिया का एक बड़ा ज्वारीय पावर प्लांट है।


5.2 लहर ऊर्जा (Wave Energy)

लहर ऊर्जा महासागर की सतह पर बनने वाली लहरों की गति से उत्पन्न ऊर्जा है। यह ऊर्ध्वाधर गति के माध्यम से उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है।

  • कैसे काम करता है: लहर ऊर्जा डिवाइस आमतौर पर फ्लोटिंग बॉयस या जलमग्न दबाव प्रणालियों के रूप में होते हैं। ये डिवाइस लहरों के साथ हिलते हैं और टरबाइन को घुमाकर बिजली उत्पन्न करते हैं।

  • फायदे:

    • तटीय क्षेत्रों में यह ऊर्जा स्रोत सुसंगत और विश्वसनीय होता है।
    • इसकी ऊर्जा घनत्व उच्च होती है।
  • नुकसान:

    • इन उपकरणों को समुद्र तट के बाहर स्थापित करना कठिन होता है।
    • मजबूत लहरों और तूफानों के कारण उपकरणों को नुकसान हो सकता है।
  • उदाहरण: पेलामिस लहर ऊर्जा कन्वर्टर, जो एक समुद्र में स्थापित लहर ऊर्जा प्रणाली है, इसका उद्देश्य लहरों की गति को विद्युत में बदलना है।


5.3 ओपन और क्लोज़्ड ओटीईसी (OTEC) साइकिल

ओशन थर्मल एनर्जी कन्वर्जन (OTEC) वह प्रक्रिया है, जो समुद्र की सतह के गर्म पानी और गहरे समुद्र के ठंडे पानी के बीच के तापमान अंतर का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करती है।

दो मुख्य प्रकार की ओटीईसी साइकिल होती हैं:

  • ओपन साइकिल OTEC:

    • इसमें समुद्र की गर्म सतह के पानी का उपयोग भाप उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, जिसे टरबाइन घुमाने के लिए उपयोग किया जाता है।
    • फिर यह भाप ठंडे पानी से संघनित होती है।
    • फायदे: इसमें कोई रासायनिक पदार्थ नहीं उपयोग होते, पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित है।
    • नुकसान: इसके लिए विशेष स्थान की आवश्यकता होती है और बड़े ढांचों की जरूरत होती है।
  • क्लोज़्ड साइकिल OTEC:

    • इसमें गर्म सतह के पानी का उपयोग एक कार्यशील द्रव (जैसे अमोनिया) को वाष्पित करने के लिए किया जाता है, जो टरबाइन को घुमाने में मदद करता है।
    • ठंडे गहरे समुद्र के पानी से इसे संघनित किया जाता है।
    • फायदे: यह ओपन साइकिल की तुलना में अधिक प्रचलित और उपयोगी होता है।
    • नुकसान: यह प्रणाली अधिक जटिल होती है और इसमें सिंथेटिक द्रव का उपयोग किया जाता है।
  • उदाहरण: नौरू ओटीईसी परियोजना एक पायलट परियोजना है जो महासागर के तापमान अंतर का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करती है।


5.4 छोटा हाइड्रो और भू-तापीय ऊर्जा (Small Hydro and Geothermal Energy)

  • छोटा हाइड्रो ऊर्जा:

    • यह छोटे जल प्रवाह वाले क्षेत्रों में 25 MW से कम क्षमता वाली जल विद्युत प्रणालियों को संदर्भित करता है।

    • ये प्रणालियाँ नदियों या धाराओं में कम प्रभाव डालती हैं और बड़े हाइड्रोपावर संयंत्रों की तुलना में कम भूमि उपयोग करती हैं।

    • फायदे: छोटे जल स्रोतों से कम लागत में ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।

    • उदाहरण: रन-ऑफ-द-रिवर सिस्टम, जो बिना बड़े जलाशयों के विद्युत उत्पन्न करते हैं।

  • भू-तापीय ऊर्जा:

    • यह ऊर्जा पृथ्वी की आंतरिक गर्मी से प्राप्त होती है। इसका उपयोग भूतापीय जलाशयों या भाप क्षेत्रों को ड्रिल करके किया जाता है।

    • कैसे काम करता है: पृथ्वी के भीतर गहरे जलाशयों में गर्म पानी या भाप प्राप्त की जाती है, जिसे बिजली उत्पन्न करने के लिए टरबाइन द्वारा उपयोग किया जाता है।

    • फायदे: स्थिर और विश्वसनीय ऊर्जा स्रोत, भूमि उपयोग कम।

    • नुकसान: यह ऊर्जा स्रोत स्थान-विशेष है और इसमें संयंत्र बनाने के लिए बड़ी लागत होती है।

    • उदाहरण: द गीज़र्स, कैलिफोर्निया में दुनिया का सबसे बड़ा भू-तापीय विद्युत संयंत्र है।


5.5 हाइड्रोजन और स्टोरेज (Hydrogen and Storage)

हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा वाहक है जिसका उपयोग विभिन्न रूपों में, जैसे बिजली उत्पादन, गर्मी, और परिवहन (ईंधन सेल) में किया जा सकता है। इसका उपयोग करने पर कोई प्रदूषण नहीं होता, जिससे यह एक आकर्षक विकल्प बनता है।

  • कैसे काम करता है: हाइड्रोजन मुख्य रूप से इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पन्न होता है, जिसमें पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जाता है। हाइड्रोजन को टैंकों में संग्रहीत किया जा सकता है और इसे ईंधन या ईंधन सेल के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • संग्रहण विधियाँ:

    • उच्च दबाव टैंक
    • क्रायोजेनिक संग्रहण (बहुत कम तापमान पर हाइड्रोजन को तरल रूप में संग्रहित किया जाता है)
  • फायदे: इसका उपयोग करते समय कोई उत्सर्जन नहीं होता है, विविध अनुप्रयोगों में इसका उपयोग किया जा सकता है।

  • नुकसान: उत्पादन विधियाँ महँगी हैं, संग्रहण और परिवहन में उच्च ऊर्जा खपत होती है।

  • उदाहरण: टोयोटा मिराई एक हाइड्रोजन-चालित वाहन है, जो हाइड्रोजन का उपयोग परिवहन के लिए करता है।


5.6 ईंधन सेल सिस्टम (Fuel Cell Systems)

ईंधन सेल एक डिवाइस है जो रासायनिक ऊर्जा (आमतौर पर हाइड्रोजन) को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है। यह विद्युत उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रोकेमिकल प्रतिक्रियाओं का उपयोग करता है और इसमें जलने की प्रक्रिया नहीं होती।

  • कैसे काम करता है: एक ईंधन सेल हाइड्रोजन (या अन्य ईंधन) और ऑक्सीजन का उपयोग करके विद्युत, गर्मी और पानी उत्पन्न करता है। हाइड्रोजन एनोڈ में आपूर्ति किया जाता है और ऑक्सीजन कैथोड में आपूर्ति होती है। यह एक रासायनिक प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है, जो विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है।

  • प्रकार:

    • प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन फ्यूल सेल (PEMFC): इनका उपयोग मुख्य रूप से परिवहन (कारों, बसों) में किया जाता है।
    • सॉलिड ऑक्साइड फ्यूल सेल (SOFC): इनका उपयोग स्थिर विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है।
  • फायदे: उच्च दक्षता, कम उत्सर्जन, शांत संचालन।

  • नुकसान: महंगा, हाइड्रोजन ढुलाई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होती है।

  • उदाहरण: बालर्ड पावर सिस्टम्स जो हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रणालियाँ विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए बनाती है।


5.7 हाइब्रिड सिस्टम (Hybrid Systems)

हाइब्रिड सिस्टम दो या दो से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का संयोजन करते हैं, ताकि ऊर्जा उत्पादन और दक्षता का अनुकूलन किया जा सके। इन प्रणालियों का उद्देश्य विभिन्न ऊर्जा स्रोतों की ताकत का उपयोग करना और उनकी कमजोरियों को दूर करना है।

  • कैसे काम करता है: एक हाइब्रिड सिस्टम में सौर और पवन ऊर्जा का संयोजन हो सकता है, जहां सौर ऊर्जा दिन में उपलब्ध होती है और पवन ऊर्जा रात में अधिक प्रभावी होती है। इसी तरह, सौर और बैटरी स्टोरेज सिस्टम मिलकर काम करते हैं, ताकि सूरज नहीं होने पर भी ऊर्जा प्रदान की जा सके।

  • प्रकार:

    • सौर-पवन हाइब्रिड: सौर और पवन दोनों का संयोजन ताकि एक स्थिर ऊर्जा आपूर्ति प्रदान की जा सके।
    • सौर-डीजल हाइब्रिड: सौर ऊर्जा के साथ डीजल जनरेटर का संयोजन, ताकि ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में ईंधन की खपत कम हो सके।
    • सौर-बैटरी हाइब्रिड: सौर ऊर्जा बैटरियों को चार्ज करती है, जो तब उपयोग की जाती है जब सूरज नहीं होता है।
  • फायदे:

    • अधिक विश्वसनीय और निरंतर बिजली आपूर्ति।
    • नवीकरणीय संसाधनों का बेहतर उपयोग।
  • नुकसान:

    • प्रारंभिक निवेश और रखरखाव की लागत अधिक होती है।
    • इसके लिए उन्नत प्रबंधन प्रणालियों की आवश्यकता होती है।
  • उदाहरण: सौर-पवन हाइब्रिड सिस्टम जो दूरस्थ ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में एक निरंतर ऊर्जा आपूर्ति प्रदान करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा स्रोतों को एकीकृत करता है।


निष्कर्ष (Conclusion)

नवीकरणीय ऊर्जा का क्षेत्र बहुत विस्तृत है, और इसके अलावा जो पारंपरिक सौर और पवन ऊर्जा स्रोत हैं, उनके अलावा भी कई अन्य स्रोत मौजूद हैं। जैसे-ज्वारीय, लहर, ओटीईसी, हाइड्रोजन और ईंधन सेल जैसी तकनीकें ऊर्जा उत्पन्न करने और स्टोर करने के तरीके को नया रूप दे रही हैं। जैसे-जैसे ये तकनीकें विकसित हो रही हैं, इनका पर्यावरणीय प्रभाव कम करने और स्थिर ऊर्जा भविष्य की दिशा में योगदान करने में बहुत संभावनाएँ हैं।

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