यूनिट 2: पूंजी बजट प्रक्रिया (Capital Budgeting Process)

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यूनिट 2: पूंजी बजट प्रक्रिया (Capital Budgeting Process)

पूंजी बजटिंग वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक संगठन अपने दीर्घकालिक निवेश निर्णयों को निर्धारित करता है। इसमें किसी प्रोजेक्ट या योजना के लिए निवेश की योजना बनाई जाती है ताकि वह संगठन की वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सके और दीर्घकालिक लाभ प्राप्त कर सके। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी निवेश उचित, लाभकारी और सुरक्षित है।


2.1 योजना - विश्लेषण - चयन - वित्तपोषण - कार्यान्वयन - समीक्षा (Planning - Analysis - Selection - Financing - Implementation - Review)

पूंजी बजटिंग प्रक्रिया के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:

  1. योजना (Planning):

    • इस चरण में संगठन को अपनी दीर्घकालिक योजनाओं और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश के अवसरों की पहचान करनी होती है। यह योजना कंपनी के रणनीतिक उद्देश्यों से मेल खाती है।
  2. विश्लेषण (Analysis):

    • इस चरण में विभिन्न निवेश परियोजनाओं का वित्तीय विश्लेषण किया जाता है। इसमें निवेश की लागत, अपेक्षित लाभ, जोखिम और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का आकलन किया जाता है।
  3. चयन (Selection):

    • विश्लेषण के बाद, सबसे अच्छे प्रोजेक्ट का चयन किया जाता है। यह चयन पूंजी की उपलब्धता, निवेश की अपेक्षाएँ और प्रोजेक्ट के संभावित लाभ के आधार पर किया जाता है।
  4. वित्तपोषण (Financing):

    • इस चरण में यह निर्धारित किया जाता है कि परियोजना को कैसे वित्त पोषित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न स्रोतों जैसे- इक्विटी, ऋण, या अन्य वित्तीय साधनों का उपयोग किया जा सकता है।
  5. कार्यान्वयन (Implementation):

    • परियोजना के चयन और वित्तपोषण के बाद उसे लागू किया जाता है। इस चरण में प्रोजेक्ट पर काम शुरू होता है और उसे निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करने के लिए संसाधनों का आवंटन किया जाता है।
  6. समीक्षा (Review):

    • परियोजना को कार्यान्वित करने के बाद उसका निरंतर मूल्यांकन और समीक्षा की जाती है। यह समीक्षा यह सुनिश्चित करती है कि परियोजना योजना के अनुसार कार्य कर रही है और अपेक्षित लाभ प्राप्त हो रहा है या नहीं।

चित्र:

Planning → Analysis → Selection → Financing → Implementation → Review

2.2 परियोजना विचारों का निर्माण और छंटाई (Generation and Screening of Project Ideas)

परियोजना विचारों का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्रिया में विभिन्न संभावित निवेश परियोजनाओं के विचार उत्पन्न किए जाते हैं।

  • विचार निर्माण (Idea Generation):
    • यह चरण विभिन्न विभागों से विचार प्राप्त करने का होता है। इसमें नई तकनीकों, उत्पादों, या सेवाओं के बारे में विचार किया जाता है। विचारों को नवाचार, बाजार की जरूरतों, और कंपनी की रणनीतिक प्राथमिकताओं से जोड़ा जाता है।
  • छंटाई (Screening):
    • इसके बाद, इन विचारों का मूल्यांकन किया जाता है। छंटाई के दौरान, उन विचारों को बाहर किया जाता है जो वास्तविकता में लागू नहीं किए जा सकते या जिनका वित्तीय मूल्यांकन सकारात्मक नहीं होता।

उदाहरण:

  • एक कंपनी को नए उत्पाद के निर्माण के लिए विचार प्राप्त होते हैं, जैसे कि एक नया स्मार्टफोन। इसके बाद यह देखा जाता है कि क्या उस उत्पाद के निर्माण में कंपनी की आवश्यकताएँ और संसाधन उपलब्ध हैं या नहीं।

2.3 बाजार और मांग विश्लेषण (Market and Demand Analysis)

बाजार विश्लेषण में यह देखा जाता है कि किसी उत्पाद या सेवा के लिए बाजार में कितनी संभावनाएँ हैं। इसमें ग्राहक की आवश्यकताओं, बाजार के आकार, और प्रतियोगिता का अध्ययन किया जाता है।

  • मांग विश्लेषण:
    • यह यह समझने की प्रक्रिया है कि भविष्य में किसी विशेष उत्पाद या सेवा की कितनी मांग हो सकती है। यह वर्तमान बाजार ट्रेंड्स, उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं और आर्थिक कारकों पर आधारित होता है।

उदाहरण:

  • यदि एक स्मार्टफोन निर्माता कंपनी नए स्मार्टफोन के मॉडल का निर्माण करना चाहती है, तो उसे पहले यह अध्ययन करना होगा कि इस प्रकार के स्मार्टफोन की बाजार में कितनी मांग है, ग्राहक इसकी कीमत कितनी चुका सकते हैं, और कौन सी विशेषताएँ उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं।

2.4 मांग पूर्वानुमान तकनीक (Demand Forecasting Techniques)

मांग पूर्वानुमान का उद्देश्य यह पूर्वानुमान करना होता है कि किसी विशेष उत्पाद या सेवा की भविष्य में कितनी मांग हो सकती है। इसके लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है:

  1. गति प्रवृत्ति (Trend Analysis):
    इसमें पहले के डेटा को देखकर भविष्य की मांग का अनुमान लगाया जाता है। यह आमतौर पर लंबे समय के आंकड़ों पर आधारित होता है।

  2. सर्वेक्षण तकनीक (Survey Method):
    इसमें उपभोक्ताओं से सीधा डेटा प्राप्त किया जाता है, जैसे- प्रश्नावली या इंटरव्यू के माध्यम से।

  3. आधिकारिक रिपोर्ट्स (Official Reports):
    सरकारी रिपोर्ट्स और अन्य औद्योगिक रिपोर्ट्स का उपयोग करके भविष्य की मांग का अनुमान लगाया जाता है।


2.5 बाजार योजना और विपणन अनुसंधान प्रक्रिया (Market Planning and Marketing Research Process)

बाजार योजना में बाजार के आकार, लक्षित उपभोक्ताओं, प्रचार रणनीतियों, मूल्य निर्धारण और वितरण चैनलों का निर्धारण किया जाता है। यह योजना व्यापार की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होती है।

विपणन अनुसंधान प्रक्रिया: यह प्रक्रिया उपभोक्ता व्यवहार, प्रतिस्पर्धी गतिविधियों, और बाज़ार के अन्य कारकों का अध्ययन करती है ताकि एक रणनीति बनाई जा सके।

  • कदम:
    1. समस्या या अवसर की पहचान करें।
    2. डेटा संग्रहण की विधि निर्धारित करें।
    3. डेटा संग्रहित करें।
    4. डेटा का विश्लेषण करें।
    5. निष्कर्षों पर रिपोर्ट तैयार करें।

2.6 तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis)

तकनीकी विश्लेषण में किसी परियोजना की तकनीकी योग्यता, उपलब्धता, और लागत का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है:

  1. उपकरण और तकनीकी आवश्यकताएँ: यह देखा जाता है कि परियोजना में कौन-कौन सी तकनीकी सुविधाएँ, उपकरण या संसाधन आवश्यक होंगे।

  2. तकनीकी जोखिम: यह विश्लेषण किया जाता है कि तकनीकी दृष्टिकोण से किसी परियोजना में क्या जोखिम हो सकते हैं।

  3. नवीनता और अनुसंधान: यह देखा जाता है कि परियोजना तकनीकी दृष्टिकोण से कितनी नई है और इसमें किसी नए अनुसंधान की आवश्यकता है या नहीं।

उदाहरण:
यदि कोई कंपनी एक नई तकनीकी उत्पाद विकसित करने जा रही है, तो तकनीकी विश्लेषण में यह देखना होगा कि क्या उस उत्पाद के निर्माण के लिए सही तकनीकी उपकरण और संसाधन उपलब्ध हैं और वह क्या नए अनुसंधान पर निर्भर है या नहीं।


निष्कर्ष (Conclusion)

पूंजी बजटिंग प्रक्रिया में योजनाओं की शुरुआत से लेकर उनके कार्यान्वयन तक सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण किया जाता है। इसमें बाजार की मांग, तकनीकी विश्लेषण और वित्तीय योजना के साथ-साथ प्रोजेक्ट की क्षमता का मूल्यांकन शामिल है। इससे संगठन को दीर्घकालिक निर्णय लेने में मदद मिलती है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ सफलता की दिशा में आगे बढ़ाते हैं।

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