🎉 Welcome to the Rajasthan Polytechnic Blog! 🎉
For 4th Semester Polytechnic CE Students
Written by Garima Kanwar | Blog: Rajasthan Polytechnic
📢 🔔 Important Updates:
👉 Full PDFs available in our WhatsApp Group | Telegram Channel
👉 Subscribe to YouTube Channel: BTER Polytechnic Classes 📺
Subject: Transportation Engineering, CE 4006 (Same as CC 4006)
Branch: Civil Engineering 🏗️
Semester: 4th Semester 📚
📍⚡ Important Links:
👉 WhatsApp Group: Join Now 💬
👉 Telegram Channel: Join Now 📱
📄 Notes in Hindi: Click Here
📄 Notes in English: Click Here
🔥 4th Semester All Subjects Notes: Click Here 📑
💖 Support Our Initiative
If you find these resources helpful, your generous support helps us continue providing valuable study materials to students like you. Every contribution, big or small, makes a difference! 🙏
UPI ID: garimakanwarchauhan@oksbi 💳
Thank you for your kindness and support! Your help truly matters. 🌟💖
4. रेलवे इंजीनियरिंग के आधार 🚆
रेलवे इंजीनियरिंग का संबंध उस तकनीकी, सामग्री और संरचनाओं से है, जो रेलवे प्रणालियों के निर्माण और रख-रखाव के लिए आवश्यक हैं। इसमें स्थायी मार्ग (Permanent Way) का निर्माण और रख-रखाव भी शामिल है, जो रेलवे ट्रैक का आधार है और ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए जरूरी है।
4.1 स्थायी मार्ग (Permanent Way) 🛤️
स्थायी मार्ग का मतलब पूरी ट्रैक संरचना है, जिसमें रेल, स्लीपर (टाई), बैलास्ट और फास्टनिंग्स (संयोजन सामग्री) शामिल होते हैं। यह रेलवे नेटवर्क का आधार होता है, जो ट्रेनों के वजन को सहता है और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करता है।
4.1.1 आदर्श आवश्यकताएँ (Ideal Requirements) 🌟
एक प्रभावी स्थायी मार्ग के लिए निम्नलिखित गुणों की आवश्यकता होती है:
- मजबूती 💪: ट्रैक को ट्रेनों का वजन सहने के लिए मजबूत होना चाहिए, जिसमें भारी इंजन, यात्री और माल शामिल हैं।
- टिकाऊपन ⏳: उपयोग की गई सामग्री को लंबे समय तक मरम्मत की आवश्यकता के बिना मौसम, घिसावट और भारी दबाव का सामना करना चाहिए।
- स्मूदनेस (Smoothness) 🚄: एक चिकना और समतल ट्रैक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के लिए जरूरी है।
- लचीलापन 🔄: ट्रैक को विभिन्न मौसमीय परिस्थितियों (जैसे ठंड या गर्मी) और विभिन्न प्रकार की ट्रेनों की आवश्यकताओं के अनुकूल होना चाहिए।
4.1.2 घटक (Components) 🛠️
स्थायी मार्ग के विभिन्न घटक होते हैं:
- रेल 🚂: ये धातु के ट्रैक होते हैं जो ट्रेन को मार्गदर्शन करते हैं।
- स्लीपर (टाई) 🛏️: ये वे आधार तत्व हैं जो रेल को सहारा देते हैं और ट्रैक के स्थान को बनाए रखते हैं।
- बैलास्ट 🪶: यह पत्थर या कंकड़ होते हैं जो स्लीपर के नीचे डाले जाते हैं, यह पानी को बहने देता है और ट्रैक को स्थिर रखता है।
- फास्टनिंग्स (संयोजन सामग्री) 🔩: इसमें क्लिप, कीलें, बोल्ट, और फिशप्लेट्स शामिल होते हैं जो रेल को मजबूती से स्लीपर से जोड़ते हैं।
4.1.3 रेल गेज, प्रकार, और गेज के चयन पर प्रभाव डालने वाले कारक 🛤️🔧
रेल गेज दो रेलों के बीच की आंतरिक दूरी है। यह ट्रेन की स्थिरता और सुरक्षा को निर्धारित करता है।
- रेल गेज के प्रकार:
- ब्रॉड गेज (1.676 मीटर): यह भारत में सामान्य है और उच्च गति और बड़े ट्रेनों के लिए उपयुक्त है।
- मानक गेज (1.435 मीटर): यह सबसे व्यापक रूप से उपयोग होने वाला गेज है और यूरोप व अमेरिका में प्रयोग होता है।
- नैरो गेज (1 मीटर या कम): यह पहाड़ी इलाकों में उपयोग किया जाता है जहां ब्रॉड गेज बनाना महंगा या असंभव होता है।
गारेंट गेज का चयन करने के कारक:
- भू-भाग (Terrain) 🌄: पहाड़ी इलाकों में नैरो गेज का उपयोग करते हैं क्योंकि यह सस्ता होता है और तंग मोड़ों से गुजर सकता है।
- लागत (Cost) 💰: ब्रॉड गेज महंगा होता है, जबकि नैरो गेज सस्ता होता है, लेकिन इसके कारण ट्रेन का आकार और गति सीमित हो सकती है।
- गति की आवश्यकता 🏎️: ब्रॉड गेज उच्च गति और अधिक स्थिरता प्रदान करता है, जो उच्च गति वाली ट्रेनों के लिए उपयुक्त होता है।
4.2 रेल, रेल जोड़ – आवश्यकताएँ, प्रकार 🚂
रेल वह ट्रैक है जो ट्रेन को मार्गदर्शन करता है। रेल जोड़ रेल के बीच कनेक्शन प्रदान करते हैं, जो ट्रैक की निरंतरता बनाए रखते हैं।
रेल जोड़ 🔗
रेल जोड़ दो रेलों को जोड़ते हैं और एक निरंतर ट्रैक बनाते हैं।
आवश्यकताएँ: रेल जोड़ रेल की सतह को चिकना और निरंतर बनाए रखते हैं, जिससे पहियों के फंसे या झटकों से बचाव होता है।
रेल जोड़ के प्रकार:
- बोल्टेड जोड़ 🧰: यह सबसे सामान्य प्रकार है। इसमें दो रेलों को बोल्ट्स और फिशप्लेट्स (धातु की पट्टियां) से जोड़ा जाता है।
- वेल्डेड जोड़ 🔥: इस प्रकार में दोनों रेलों को एक साथ वेल्ड किया जाता है, जिससे एक चिकना और निरंतर ट्रैक बनता है। यह जोड़ें झटकों को कम करते हैं और ट्रेनों की गति को बढ़ाने में मदद करते हैं।
4.3 रेल का क्रिप (Creep): कारण और रोकथाम 🐌
क्रिप रेल का धीरे-धीरे चलने वाला आंदोलन है जो ट्रेन की दिशा में होता है। समय के साथ, रेल अपने स्थान से हिलने लगती है।
कारण:
- थर्मल विस्तार (Thermal Expansion) 🌡️: गर्मी में रेलें फैल जाती हैं और उनका स्थान बदलने लगता है, जिससे क्रिप होता है।
- ट्रेन की गति 🚆: लगातार ट्रेन के दबाव से रेल धीरे-धीरे स्थानांतरित हो जाती है।
रोकथाम:
- रेल को एंकर करना 🔩: रेल को सुरक्षित करने के लिए एंकर का उपयोग करें, ताकि वह अपनी जगह पर रहें।
- रेल जोड़ को वेल्ड करना 🔥: रेल जोड़ को वेल्ड करके एक निरंतर ट्रैक बनाएं।
- भारी स्लीपर का उपयोग 🛏️: भारी स्लीपर ट्रैक को स्थिर बनाए रखते हैं और रेल के हिलने को रोकते हैं।
4.4 स्लीपर (Sleeper) 🛏️
स्लीपर वे आधार तत्व होते हैं जो रेल को सहारा देते हैं और ट्रैक के सही स्थान को बनाए रखते हैं। ये ट्रेनों के वजन को बैलास्ट में वितरित करते हैं।
4.4.1 कार्य और आवश्यकताएँ 💡
स्लीपर के कार्य:
- रेल का समर्थन 🛠️: यह रेल को सही स्थिति में रखता है, ताकि वह स्थिर रहे।
- वजन वितरित करना ⚖️: यह ट्रेन के वजन को समान रूप से बैलास्ट पर वितरित करता है।
- रेल की स्थिति बनाए रखना 🔧: यह रेल की स्थिति को बनाए रखता है और उसे हिलने से रोकता है।
स्लीपर की आवश्यकताएँ:
- स्लीपर को मजबूत और टिकाऊ होना चाहिए, ताकि वह लंबे समय तक चले।
- इसे ट्रेनों के द्वारा उत्पन्न कंपन को अवशोषित करना चाहिए और रेल की स्थिति बनाए रखनी चाहिए।
4.4.2 स्लीपर के प्रकार 🛏️
- लकड़ी के स्लीपर 🌳: ये पारंपरिक और पुराने ट्रैक में सामान्य होते हैं। हालांकि, यह समय के साथ सड़ सकते हैं और इन्हें जल्दी बदलने की आवश्यकता होती है।
- कंक्रीट स्लीपर 🏗️: ये मजबूत और टिकाऊ होते हैं और मौसम से प्रभावित नहीं होते। ये अधिक स्थिरता और मजबूती प्रदान करते हैं।
- स्टील स्लीपर 🦾: ये भारी ट्रैफिक वाले क्षेत्रों या चरम मौसमीय परिस्थितियों में उपयोग किए जाते हैं।
4.5 बैलास्ट (Ballast) 🪶
बैलास्ट वह सामग्री है जो स्लीपर के नीचे और आसपास डाली जाती है। इसका मुख्य कार्य ट्रैक को स्थिर रखना और पानी को बहने देना है।
4.5.1 कार्य और प्रकार ⚒️
बैलास्ट के कार्य:
- स्लीपर का समर्थन 🛏️: यह स्लीपर को अपनी जगह पर रखता है और ट्रैक को स्थिर करता है।
- जल निकासी (Drainage) 🌧️: यह पानी को ट्रैक से बाहर निकालने में मदद करता है।
- ट्रैक को स्थिर करना 🏋️♀️: यह ट्रैक को स्थिर करता है और ट्रेन की गति से उत्पन्न कंपन को अवशोषित करता है।
बैलास्ट के प्रकार:
- कुशनिंग प्रकार 🛋️: यह कंकड़ से बना होता है और धीमी गति वाली ट्रेनों के लिए आदर्श होता है।
- जल निकासी प्रकार 💧: यह बड़े पत्थर होते हैं जो जल निकासी को बेहतर करते हैं, विशेष रूप से भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में।
4.5.2 उपयुक्तता ✅
- मोटी बैलास्ट उच्च गति वाले ट्रैक के लिए बेहतर होती है क्योंकि यह बेहतर स्थिरता और जल निकासी प्रदान करती है।
- पतली बैलास्ट उन क्षेत्रों में उपयोग की जाती है जहां गति और वजन की कम आवश्यकता होती है (जैसे उपनगरों में)।
4.6 रेल फिटिंग्स और फास्टनिंग्स 🔩
ये वे भाग होते हैं जो रेल को स्लीपर से जोड़ते हैं और ट्रैक को स्थिर बनाए रखते हैं।
4.6.1 फिश प्लेट 🐟
फिश प्लेट एक धातु की पट्टी होती है जो दो रेलों को जोड़ने के लिए उपयोग की जाती है और ट्रैक की निरंतरता बनाए रखती है।
4.6.2 कीलें 🔩
कीलें लंबी धातु की छड़ें होती हैं जो रेलों को लकड़ी या कंक्रीट स्लीपर से जोड़ने के लिए उपयोग की जाती हैं।
4.6.3 बोल्ट, कीज 🔑
- बोल्ट: रेल जोड़ में दो रेलों को जोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- कीज: यह छोटे, तिकोने धातु के टुकड़े होते हैं जो रेल को अपनी जगह पर रखने में मदद करते हैं।
4.6.4 बीयरिंग प्लेट 🛠️
बीयरिंग प्लेट्स रेल के नीचे रखी जाती हैं ताकि ट्रेन का दबाव स्लीपर पर समान रूप से वितरित हो।
4.6.5 चेयर 🪑
चेयर वह धातु का समर्थन होता है जिस पर रेलें बैठती हैं।
- एंकर और एंटी-क्रिपर 🛑
- एंकर रेलों को हिलने से रोकने के लिए होते हैं।
- एंटी-क्रिपर रेल के आंदोलन को रोकने के लिए उपकरण होते हैं।
चित्र 📊
यहां स्थायी मार्ग का एक साधारण चित्र है:
- रेल को स्लीपर से जोड़ने के लिए फिश प्लेट और बोल्ट का उपयोग किया जाता है।
- बैलास्ट स्लीपर के चारों ओर होता है, जिससे ट्रैक स्थिर रहता है।
📢 🔔 Download PDFs & Join Study Groups:
📥 WhatsApp Group: Join Now
📥 Telegram Channel: Join Now
📺 Watch Lectures on YouTube: BTER Polytechnic Classes
📍 Stay connected for more study materials and updates! 🚀
💖 Support Our Initiative
Your support means the world to us! If you find our resources helpful and wish to contribute, your generous donations will enable us to continue providing quality study materials and resources for students like you. Every contribution, big or small, helps us reach more students and improve the content we offer.
Let’s build a brighter future together! 🙏
UPI ID: garimakanwarchauhan@oksbi
QR Code:
Thank you for your kindness and support! Your help truly makes a difference. 💖
0 Comments