5. Perspective Drawing, Building Planning and Drawing, CE 4004 (Same as CC 4004)

🎉 Welcome to the Rajasthan Polytechnic Blog! 🎉


For 4th Semester Polytechnic CE Students
Written by Garima Kanwar | Blog: Rajasthan Polytechnic


📢 🔔 Important Updates:
👉 Full PDFs available in our WhatsApp Group | Telegram Channel
👉 Subscribe to YouTube ChannelBTER Polytechnic Classes 📺


Subject: Building Planning and Drawing, CE 4004 (Same as CC 4004)

Branch: Civil Engineering 🏗️
Semester: 4th Semester 📚

📍⚡ Important Links:
👉 WhatsApp Group: Join Now 💬
👉 Telegram Channel: Join Now 📱
📄 Notes in Hindi: Click Here
📄 Notes in English: Click Here
🔥 4th Semester All Subjects Notes: Click Here 📑


💖 Support Our Initiative
If you find these resources helpful, your generous support helps us continue providing valuable study materials to students like you. Every contribution, big or small, makes a difference! 🙏

UPI ID: garimakanwarchauhan@oksbi 💳

Thank you for your kindness and support! Your help truly matters. 🌟💖

5. परिप्रेक्ष्य चित्रण ✏️

5.1 परिभाषा
परिप्रेक्ष्य चित्रण एक तकनीक है, जिसका उपयोग तीन-आयामी (3D) वस्तुओं को दो-आयामी (2D) सतह (जैसे कागज या स्क्रीन) पर वास्तविक रूप में दिखाने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य वस्तुओं को इस तरह से दिखाना है जैसे वे वास्तविक जीवन में दिखती हैं, सही गहराई, आकार और दूरी के साथ।

  • क्यों महत्वपूर्ण है?
    यह चित्रकारों, वास्तुकारों, इंजीनियरों और डिजाइनरों को वास्तविक दिखने वाले चित्र बनाने में मदद करता है, जिससे वस्तुएं विभिन्न कोणों से देखने पर प्राकृतिक और समानुपाती दिखती हैं। 🏙️

5.2 परिप्रेक्ष्य के प्रकार

चित्रण में उपयोग किए जाने वाले कुछ प्रमुख प्रकार हैं:

  1. एक-बिंदु परिप्रेक्ष्य
    • इसका उपयोग तब किया जाता है जब वस्तु आपके सामने सीधे दिखाई दे रही हो।
    • सभी रेखाएँ एक ही बिंदु पर सम्मिलित होती हैं।
    • उदाहरण: एक सड़क जो दूर जाती हुई दिखती है। 🛣️
  2. दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य
    • इसका उपयोग तब किया जाता है जब वस्तु आपके सामने सीधे नहीं होती (कोने से दिखती है)।
    • इसमें दो लुप्त बिंदु (Vanishing Points) होते हैं।
    • उदाहरण: एक इमारत जो कोने से दिखती है। 🏢
  3. तीन-बिंदु परिप्रेक्ष्य
    • इसका उपयोग तब किया जाता है जब आप किसी ऊँची या नीची वस्तु को ऊपर या नीचे से देख रहे होते हैं।
    • इसमें तीन लुप्त बिंदु होते हैं: दो क्षितिज रेखा पर और एक ऊपर या नीचे।
    • उदाहरण: एक गगनचुंबी इमारत को ऊपर से देखना। 🏙️

5.3 परिप्रेक्ष्य चित्रण में प्रयुक्त शब्द

इन शब्दों को समझना परिप्रेक्ष्य चित्रण को सही तरीके से बनाने के लिए ज़रूरी है:

  • क्षितिज रेखा (Horizon Line) 🌅: वह क्षैतिज रेखा जो दर्शक की आंखों के स्तर को दर्शाती है।
  • लुप्त बिंदु (Vanishing Point) 🌍: वह बिंदु जहां समानांतर रेखाएँ एक-दूसरे से मिलती हैं (दृश्यमान रूप से गायब हो जाती हैं)।
  • आंखों का स्तर (Eye Level) 👀: वह ऊंचाई, जिससे आप वस्तु को देख रहे हैं (यह क्षितिज रेखा के बराबर होता है)।
  • ऑर्थोगोनल रेखाएँ (Orthogonal Lines) ➗: वे रेखाएँ जो लुप्त बिंदु की ओर जाती हैं (जैसे सड़क या इमारतों के किनारे)।
  • भूमि रेखा (Ground Line) 🛤️: वह रेखा जहाँ वस्तु की नींव होती है (सामान्यतः चित्र के नीचे की रेखा)।
  • स्टेशन प्वाइंट (Station Point) 🔭: वह बिंदु जहाँ दर्शक खड़ा होता है।

5.4 परिप्रेक्ष्य चित्रण में प्रयुक्त सिद्धांत

यहां कुछ प्रमुख सिद्धांत दिए गए हैं जिन्हें परिप्रेक्ष्य चित्रण में ध्यान में रखना चाहिए:

  1. वस्तुएं जितनी दूर होती जाती हैं, उतनी ही छोटी दिखाई देती हैं। इसे आकार का घटाव कहा जाता है। उदाहरण: दूर जाती सड़क पर गाड़ियाँ धीरे-धीरे छोटी होती जाती हैं।

  2. समानांतर रेखाएँ परिप्रेक्ष्य में एक बिंदु की ओर जाती हैं, यानी वे लुप्त बिंदु की ओर दिखती हैं।

  3. क्षितिज रेखा आंखों के स्तर पर होती है, और यह लुप्त बिंदु की स्थिति को निर्धारित करती है।

  4. जो वस्तुएं आंखों के स्तर के पास होती हैं, वे बड़ी दिखती हैं, और जो दूर होती हैं, वे छोटी दिखती हैं। इससे चित्र में गहराई का एहसास होता है।


5.5 दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य छोटे वस्तुओं के लिए 🎨

दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य एक ऐसी तकनीक है जो वस्तु को कोण से दिखाने के लिए सबसे सामान्य रूप से उपयोग की जाती है।

5.5.1 दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य में चित्रण के कदम

आइए, हम एक बॉक्स का चित्र दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य में बनाते हैं:

  1. क्षितिज रेखा (Horizon Line) बनाएं: सबसे पहले, एक क्षैतिज रेखा खींचें जो दर्शक की आंखों के स्तर को दर्शाती है।

  2. दो लुप्त बिंदु (VP1 और VP2) चिह्नित करें: क्षितिज रेखा पर दो बिंदु रखें, जो एक-दूसरे से काफी दूर हों। ये वही बिंदु होंगे जहाँ समानांतर रेखाएँ मिलेंगी।

  3. वस्तु के सामने कोने को खींचें: अब, उस स्थान पर एक लंबवत रेखा खींचें जहाँ आप वस्तु को रखना चाहते हैं।

  4. लुप्त बिंदु की ओर रेखाएँ खींचें: सामने के कोने से, ऊपर और नीचे की रेखाएँ दोनों लुप्त बिंदुओं की ओर खींचें। ये रेखाएँ लुप्त बिंदु की ओर जाएंगी।

  5. आकृति पूर्ण करें: एक बार जब आपने बुनियादी आकार बना लिया, तो इसके किनारे पर लंबवत रेखाएँ खींचें ताकि वस्तु का आकार पूरा हो जाए।

  6. विवरण जोड़ें: जब आधार आकार बन जाए, तब आप खिड़कियाँ, दरवाजे और अन्य विवरण जोड़ सकते हैं। आप इसे 3D दिखाने के लिए छायांकन भी कर सकते हैं।


5.5.2 स्मारक (Monuments) 🏛️

जब हम स्मारक या बड़े भवनों को दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य में चित्रित करते हैं, तो उसी प्रक्रिया का पालन करें, लेकिन इस बार वस्तु बड़ी होगी:

  1. क्षितिज रेखा को मजबूत बनाएं: स्मारक ज्यादा ऊँचा होता है, तो सुनिश्चित करें कि आपकी क्षितिज रेखा सही ऊंचाई पर हो।
  2. कोने और लुप्त बिंदुओं का निर्धारण करें: स्मारक के कोने को क्षितिज रेखा पर रखें और रेखाओं को दो लुप्त बिंदुओं की ओर बढ़ाएं।
  3. आकृति और विवरण: स्मारक में कॉलम, मेहराब या शिखर जैसे जटिल विवरण होते हैं, इसलिए इन्हें परिप्रेक्ष्य के अनुसार सही तरीके से चित्रित करें।

उदाहरण: एफिल टॉवर को अक्सर दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य में चित्रित किया जाता है, क्योंकि इसके किनारे पर रेखाएँ दूर जाती हुई दिखाई देती हैं। 🗼


5.5.3 आधार (Pedestals) 🏛️

आधार सरल वस्तुएं होती हैं, लेकिन इन्हें भी दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य में चित्रित किया जा सकता है:

  1. आधार का आधार बनाएं: सबसे पहले, आधार की नींव को खींचें और उसे क्षितिज रेखा के साथ संरेखित करें।
  2. लुप्त बिंदुओं का उपयोग करें: आधार के किनारों की रेखाएँ लुप्त बिंदुओं की ओर खींचें।
  3. ऊँचाई बनाएं: आधार को उतना ऊँचा बनाएं जितना आवश्यक हो, और लंबवत रेखाएँ खींचें।
  4. विवरण जोड़ें: अगर आधार में कॉलम या नक्काशी है, तो उसे परिप्रेक्ष्य रेखाओं के अनुसार सही तरीके से जोड़ें।

उदाहरण: स्वतंत्रता की मूर्ति का आधार दो-बिंदु परिप्रेक्ष्य में इस तरह दिख सकता है, जहाँ आधार को कोण से चित्रित किया जाता है और रेखाएँ लुप्त बिंदुओं की ओर जाती हैं।


निष्कर्ष 📝

इन कदमों और परिप्रेक्ष्य के सिद्धांतों का पालन करके आप वस्तुओं को अधिक वास्तविक और समानुपाती तरीके से चित्रित कर सकते हैं, चाहे वे साधारण आकार जैसे बॉक्स हों या जटिल संरचनाएँ जैसे स्मारक और आधार। अभ्यास करते रहें और इन विधियों का उपयोग करें, और आप जल्द ही अपने परिप्रेक्ष्य चित्रण कौशल में सुधार पाएंगे!

📢 🔔 Download PDFs & Join Study Groups:
📥 WhatsApp Group: Join Now
📥 Telegram Channel: Join Now
📺 Watch Lectures on YouTube: BTER Polytechnic Classes
📍 Stay connected for more study materials and updates! 🚀

💖 Support Our Initiative
Your support means the world to us! If you find our resources helpful and wish to contribute, your generous donations will enable us to continue providing quality study materials and resources for students like you. Every contribution, big or small, helps us reach more students and improve the content we offer.

Let’s build a brighter future together! 🙏

UPI ID: garimakanwarchauhan@oksbi
QR Code: 

Thank you for your kindness and support! Your help truly makes a difference. 💖

Post a Comment

0 Comments